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5M को नियंत्रण कर जियें सुखी और शांत जीवन

Writer's picture: Nirmal BhatnagarNirmal Bhatnagar

Jan 22, 2025

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, शांत, सुखी और संतोष पूर्ण जीवन जीने के लिए मेरी नजर में आत्म-नियंत्रण याने सेल्फ-कंट्रोल सबसे जरूरी योग्यता है। आप किसी भी शांत, सुखी, सफल और संतुष्ट व्यक्ति के जीवन को गहराई से देखियेगा, आप पायेंगे कि उन्होंने पाँच महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए आत्म-नियंत्रण किया है। दोस्तों, आप भी इन 5M आधारित पहलुओं को अपने नियंत्रण में लेकर ना केवल अपने जीवन को सरल बना सकते हैं, बल्कि एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व के रूप में भी ख़ुद को निखार सकते हैं। आइए, आज हम इन पाँच महत्वपूर्ण 5M रूपी पहलुओं को संक्षेप में समझ लेते हैं-


1) माउथ याने मुँह

मुँह पर नियंत्रण का अर्थ यहाँ अपनी वाणी पर नियंत्रण करना है। आपके द्वारा बोले गए शब्द आपके चरित्र और सोच का दर्पण होते हैं। इसलिए, यह आवश्यक है कि आप सोच-समझकर बोलें। कटु वचन बोलकर आप अपने संबंधों को बिगाड़ सकते हैं, जबकि मधुर शब्दों से आप दूसरों का दिल जीत सकते हैं। मुँह याने वाणी पर नियंत्रण के लिए सिर्फ एक प्रण लें, ‘मैं बिना सोचे-समझे कभी कुछ नहीं बोलूँगा और जब भी बोलने की आवश्यकता होगी तब सकारात्मक और प्रोत्साहित करने वाले शब्दों का प्रयोग करूँगा।’ याद रखियेगा, विवाद या गुस्से की स्थिति में शांत रहना और मृदुभाषी होना आपको दूसरों से अलग बनाता है।


2) माइंड याने मन

हमारा मन एक शक्तिशाली उपकरण के समान है। यदि इसे सही दिशा में नियंत्रित किया जाए, तो यह सफलता का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। इसलिए मन की चंचलता और नकारात्मक सोच को रोककर उसे सकारात्मक दिशा में लगाना, आत्म-विकास का पहला कदम माना गया है। इसे नियंत्रित करने के लिए अपने विचारों को सकारात्मक बनाये रखने का नियम बनायें और प्रतिदिन ध्यान और प्राणायाम करें। ऐसा करना आपके अंदर धैर्य और शांति जैसे गुणों को विकसित कर, जीवन को आसान बनाता है। जैसे, मुश्किल समय में धैर्य और सही सकारात्मक सोच आपको समस्याओं से बाहर निकाल सकती है।


3) मैनर्स याने शिष्टाचार

आपका व्यवहार ही आपकी पहचान होता है। अगर आप शिष्टाचारी, विनम्र और सहनशील रहते हुए दूसरों से व्यवहार करते हैं, तो आप उनके दिलों में जगह बनाकर, उनके मन में अपने लिए सम्मान का भाव विकसित कर लेते हैं। जो व्यक्ति दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करता है, वह समाज में सम्मान प्राप्त करता है। अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए आप हमेशा दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करें, जैसा आप अपने लिए चाहते हैं। जैसे, सम्मान पाने के लिए सम्मान देना। इसकी शुरुआत किसी की मदद करने या ‘धन्यवाद’ कहने जैसी छोटी बातों के साथ भी हो सकती है क्योंकि छोटी बातें ही आपके व्यवहार को निखारती हैं।


4) मूड याने मनोदशा

मूड पर नियंत्रण रखना जीवन में शांति और स्थिरता लाने के लिए आवश्यक है। अन्यथा गुस्सा, निराशा, या अत्यधिक उत्साह जैसे मूड स्विंग्स आपके निर्णयों को प्रभावित कर, जीवन को भटका सकते हैं। इसलिए अपनी भावनाओं को पहचानें और उन्हें संतुलित रखने को नियम बना लें, अन्यथा ग़लत फ़ैसले, ग़लत परिणाम ही देंगे। सहमत ना हों तो गुस्से में लिए गए किसी फैसले को याद करके देख लीजियेगा। ऐसे फैसले अक्सर गलत ही साबित होते हैं, इसलिए हमेशा मूड और मनोदशा पर कंट्रोल रख, शांत रहकर सोचें।


5. मनी (पैसा)

पैसा सिर्फ़ एक साधन है, इसे अपनी जिंदगी पर हावी न होने दें। सही तरीके से धन का प्रबंधन करना न केवल वित्तीय स्थिरता प्रदान करता है, बल्कि अनावश्यक तनाव से भी बचाता है। इसके लिए अपनी आय और खर्चों का संतुलन बनाएं और अनावश्यक खर्चों से बचें। इसके साथ ही ध्यान रखें कि निवेश करना और भविष्य के लिए बचत करना समझदारी का परिचायक है।


निष्कर्ष के रूप में अंत में मैं यही कहना चाहूँगा कि यदि आप अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो इन 5M's पर नियंत्रण पाना अति आवश्यक है। मुँह, मन, व्यवहार, मनोदशा और पैसे का सही प्रबंधन आपको एक संतुलित और सफल जीवन जीने में मदद करेगा। दोस्तों आज नहीं, अभी से ही इन 5 सूत्रों को आत्मसात करें और अपने जीवन को सकारात्मक रूप से परिवर्तित होता हुआ देखें।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

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