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  • Writer's pictureNirmal Bhatnagar

तनाव व दबाव को सम्भालने के 10 प्रभावी सूत्र - भाग 1

Updated: May 15, 2022


May 10, 2022

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

तनाव व दबाव को सम्भालने के 10 प्रभावी सूत्र - भाग 1


दोस्तों, आप विद्यालय जाने वाले छात्र हों या विश्वविद्यालय के या फिर भले ही आप किसी विशेष कला के साधक, नौकरीपेशा या व्यवसायी, इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता। एक दूसरे से आगे निकलने, बेहतर बनने की भागदौड़ भरी हमारी जीवनशैली में तनाव और दबाव अब हमारे जीवन का एक हिस्सा बन गया है। जी हाँ दोस्तों, आज तनाव और दबाव से हमारे समाज का लगभग हर वर्ग किसी ना किसी रूप में प्रभावित है।


हाल ही में अमेरिका में 18-79 वर्ष के 2000 पूर्णकालिक कर्मचारियों के बीच की गई एक रिसर्च के आँकड़े बताते हैं कि 50 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी, 60 प्रतिशत से अधिक कार्यालयीन समय में तनावग्रस्त रहते हैं और यह आँकड़ा हर सप्ताह तेज़ी से बढ़ता जा रहा है। हालाँकि हम सब जानते हैं कि तनाव और दबाव किसी भी सूरत में हमारे मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है, लेकिन इसके बाद भी तनाव रहित या कम तनाव अथवा दबाव वाला कार्य खोज पाना लगभग असम्भव ही है। अपितु यथार्थवादी दृष्टिकोण, जीवनशैली में छोटे-मोटे बदलाव व प्रभावी रणनीतियों की सहायता से हम इसे कम अथवा अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए लाभदायक बना सकते हैं। आईए, आज हम तनाव व दबाव को कम करने अथवा उन्हें सम्भालने की अपनी क्षमता बढ़ाने के 10 प्रभावी सूत्र सीखते हैं-


पहला सूत्र - धीमी और स्वस्थ शुरुआत करें

सुबह अलार्म को नज़रंदाज़ करते हुए देर से उठना, पौष्टिक नाश्ते के स्थान पर सिर्फ़ कॉफ़ी या कोई एक फल खा, बच्चों को स्कूल छोड़ते हुए, शहर के व्यस्ततम रास्तों पर, लोगों से बचते-बचते रॉकेट की तरह गाड़ी को उड़ाते हुए तनाव के साथ कार्यालय पहुँचना अर्थात् दिन की शुरुआत तनाव और दबाव के साथ करना हमें तनाव के प्रति अधिक प्रतिक्रियाशील बनाता है। इसके ठीक विपरीत, रात्रि विश्राम समय से कर अगले दिन की शुरुआत व्यायाम अथवा योग के साथ करते हुए, पहली चाय परिवार के साथ लेना और फिर अच्छे पौष्टिक नाश्ते और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ दिन की धीमी, स्वस्थ, समयानुकूल, सकारात्मक शुरुआत करना, आपके अनावश्यक तनाव व दबाव को कम करता है।

दूसरा सूत्र - प्राथमिकताएँ तय करने की आदत बनाएँ

सामान्यतः हम अपना समय तीन तरह के कार्यों में लगाते हैं। पहला, उन कार्यों में जो हमें जीवन में आगे बढ़ाता है, दूसरा उन कार्यों में, जो हमें आगे तो नहीं बढ़ाते हैं लेकिन उन्हें पूरा करना आवश्यक होता है और तीसरा उन कार्यों मे लगाकर जो हमें ना तो आगे बढ़ाते है और ना ही हमारे लिए ज़रूरी होते है। बिना प्राथमिकता तय किए दूसरी अथवा तीसरी तरह के कार्यों में अत्यधिक समय लगाना हमें अपने लक्ष्यों से दूर कर हमारे कार्य, जीवन और समय प्रबंधन को गड़बड़ा देता है और ऐसी स्थिति में तनाव या दबाव होना सामान्य और स्वाभाविक है। इससे बचने के लिए प्रतिदिन अपनी प्राथमिकताएँ तय करें और पहली दो सूची के कार्यों को प्रतिदिन पूर्ण करने का प्रयास करें।


तीसरा सूत्र - शांत रहें

भले ही कुछ भी हो जाए, हर हाल में शांत रहना, हमेशा लाभदायक रहता है। हालाँकि यह आसान नहीं है, लेकिन प्रतिदिन अभ्यास के साथ इस लक्ष्य को पाया जा सकता है। हर हाल या परिस्थिति में शांत रहना दर्शाता है कि आप मुश्किल या विपरीत समय या परिस्थितियों में भी चीजों को आगे बढ़ाने और अपने कार्यों को पूरा करने की क्षमता रखते हैं। इसके साथ ही यह आपको नकारात्मक भावों के बीच भी अपने मूड को कंट्रोल में रखना और संतुलित प्रतिक्रिया देना सिखाता है ताकि कभी तनाव और दबाव के बीच ही कार्य करना आवश्यक हो जाए, तो भी आप सकारात्मक रहते हुए अपनी उत्पादकता बनाए रख सकते हैं।


चौथा सूत्र - फ़ोकस्ड रहें

तनाव और दबाव के दौरान अक्सर हम अपनी प्राथमिकताओं को भूलकर अपना ध्यान और समय उन बातों या कार्यों पर लगाना शुरू कर देते हैं जो बिलकुल भी ज़रूरी नहीं होती हैं। ऐसा करना अक्सर हमारे तनाव और दबाव को और बढ़ा देता है। विपरीत परिस्थितियों और समय के दौरान अपने लक्ष्य पर फ़ोकस बनाए रखें अर्थात् जो हासिल करना चाहते हैं, उस पर ध्यान केंद्रित करें। भले ही यह आपको शुरुआती समय में तनावपूर्ण लगे, लेकिन नियमित तौर पर ज़िम्मेदारियों को पूरा करते हुए लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ना, लाभप्रद रहता है। यह आपको दृढ़ भी बनाता है।


आज के लिए इतना ही दोस्तों, कल हम तनाव व दबाव को सम्भालने के अगले 3 प्रभावी सूत्र सीखेंगे-


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

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