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अच्छा कर्मचारी बनने के 7 सूत्र - भाग 1


April 25, 2021
अच्छा कर्मचारी बनने के 7 सूत्र - भाग 1
कोविद-19 की दूसरी लहर ने एक बार फिर से बाज़ार को अस्थिर कर दिया है और कहीं ना कहीं हमारी आर्थिक गतिविधियाँ भी इसकी वजह से प्रभावित हुई हैं।
कई लोगों ने कोविद-19 की पहली लहर के दौरान वर्ष 2020 में अपनी नौकरी खो दी थी या अपने करीबी लोगों को नौकरी खोते हुए देखा था। इसी वजह से वे कोविद-19 की दूसरी लहर के दौरान, कई लोग अपनी नौकरी को लेकर चिंतित हैं। लेकिन दोस्तों इस बार ज़्यादा घबराने की ज़रूरत नहीं है। मैं ऐसा मुख्यतः 2 कारणों से कह रहा हूँ, पहला, 2020 की कोविद-19 की पहली लहर के मुक़ाबले इस वक्त दूसरी लहर के समय कम्पनियाँ बेहतर तरीक़े से काम करने के लिए तैयार हैं। आज उनके पास वर्ष 2020 के मुक़ाबले कोविद-19 से निपटने के लिए अच्छे से सोचकर बनाए गए और साथ ही आज़माए हुए दिशानिर्देश, प्रोटोकॉल और एस॰ओ॰पी॰ हैं। कम्पनियों ने वर्ष 2020 में कई नई रणनीतियों को आज़माकर अपने कार्य को स्थायित्व प्रदान करा था। इस बार वे सिर्फ़ उन्हीं रणनीतियों को नए सिरे से, फिर से परिभाषित कर रही हैं। हाँ फ़र्क़ इतना ज़रूर पड़ा है कि स्थानीय स्तर पर इसका असर व्यापक है और इसी बात का असर कम्पनियों के व्यापार पर भी पड़ेगा। नुक़सान कितना होगा इसका अंदाज़ा लगाना भी मुश्किल है। अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाए रखने के लिए ही सरकार लॉकडाउन को फ़िलहाल टाल रही है। लेकिन इसके विपरीत एक स्टडी बताती है कि भारत में 87% कम्पनियाँ फ़्लेक्सिबल रिमोट वर्किंग मॉडल को हमेशा के लिए अपनाने पर विचार कर रही हैं। इसका मतलब दोस्तों ‘कहीं से भी कार्य करना ’ या ‘घर से कार्य करना ’ कोविद-19 के बाद भी जारी रहेगा।
दूसरा कारण दोस्तों, पहली लहर के दौरान अपने घर लौट जाने या नौकरी छूट जाने की वजह से दूरस्थ इलाक़ों में ऑनलाइन नौकरी ढूँढने का चलन 261% बढ़ गया था। वहीं इसके मुक़ाबले दूरस्थ नौकरियों के लिए पोस्टिंग में भी तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। इसलिए यह स्पष्ट है कि नियोक्ता और कर्मचारी दोनों, नए-सामान्य कार्य सेट-अप में एक अच्छा संतुलन बनाने में सफल रहे हैं।
लेकिन दोस्तों हमें एक चीज़ याद रखना चाहिए, जिस तरह खुद को हर परिस्थिति में बनाए रखने के लिए आंतरिक रूप से मज़बूत होना आवश्यक है ठीक उसी तरह हर कम्पनी विपरीत या गिरती अर्थव्यवस्था के समय खुद को आंतरिक रूप से मज़बूत बनाती है। अर्थात् इस समय वह अपनी दिशानिर्देश, प्रोटोकॉल एवं एस॰ओ॰पी॰ के साथ-साथ अपनी टीम को भी सर्वश्रेष्ठ बनाने का प्रयत्न करती है और इसीलिए टीम में जिन लोगों को बार-बार प्रयास करने के बाद भी फ़िट नहीं पाती हैं, उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर नए लोगों का चयन करती हैं। आईए आज हम अच्छा कर्मचारी बनने के 7 सूत्र में से प्रथम तीन सूत्र सीखते हैं-
सूत्र 1 - हमेशा सीखने के लिए तैयार रहें और अपना सर्वश्रेष्ठ दें
सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी जानते हैं कि वे सब कुछ नहीं जानते हैं और इसीलिए हमेशा सीखने के लिए तैयार रहते हैं, फिर चाहे कार्य आसान हो या कठिन या फिर वेतन कम हो या ज़्यादा। आमतौर पर पदोन्नति उन्हीं कर्मचारियों को मिलती है जो हमेशा नया सीखने के लिए तैयार रहते है, कम्पनी के प्रति वफ़ादारी रखते हैं और समय पर अपने कार्य को पूर्ण करते हैं। यदि आपने किसी कार्य को करने की ज़िम्मेदारी ली है या आपको कोई कार्य दिया गया है और आप उसे करना नहीं जानते हैं, तो आप उस कार्य को क्यों नहीं कर पाए के बहाने बनाने के स्थान पर सीनियर से पूछें; सीखें और उसे समय से पूर्ण करें।
सूत्र 2 - हर पल नई ज़िम्मेदारियों को लेने के लिए तैयार रहें
क्रिकेट के मैच में ‘मैन ऑफ़ द मैच’ का पुरस्कार उस खिलाड़ी को मिलता है जो सामान्य से अधिक, कुछ अतिरिक्त योगदान देकर अपनी टीम को जीतने में मदद करता है। ठीक इसी तरह एक महान कर्मचारी हमेशा अपने ‘जॉब डिस्क्रिप्शन’ से अधिक कार्य करता है।
जब भी आपके वरिष्ठ आपसे मदद माँगे अतिरिक्त चुनौती लेने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाएँ। प्रोएक्टिव रहकर नई ज़िम्मेदारियाँ लेना आपके कार्य को विविधता देता है। विविधता के साथ अतिरिक्त कार्य करना, ज़िम्मेदारी लेना ना सिर्फ़ आपको संतुष्टि देता है बल्कि आपके प्रदर्शन को बेहतर बनाकर आपके कैरियर को नई दिशा भी दे सकता है। स्टैंडआउट कर्मचारी हमेशा अतिरिक्त प्रोजेक्ट लेते हैं।
सूत्र 3 - ग़लतियों को तुरंत स्वीकारें
जो काम करता है वही गलती भी करता है चाहे फिर वह छोटा कर्मचारी हो या वरिष्ठ अधिकारी। जब भी आप कोई भी कार्य गलत हो जाने के पश्चात गलती स्वीकारते हैं और कहते हैं, ‘सर, मुझसे यह कार्य ग़लत हो गया है, मुझे इसे सुधार करने हेतु मार्गदर्शित करे।’ आपका कथन आपके वरिष्ठ का आपके ऊपर विश्वास बढ़ा देता है। लेकिन दुर्भाग्य से लोग अपनी ग़लतियों को छुपाकर रखना पसंद करते हैं और कई बार एक छोटी सी गलती आपकी कम्पनी को बड़ा नुक़सान पहुँचा देती है।
गलती स्वीकारना, उसे ठीक करने में वरिष्ठ का मार्गदर्शन भी दिला देता है और आपके सकारात्मक रवैए से वरिष्ठ को अवगत कराता है। याद रखिएगा, शीर्ष से शीर्ष कर्मचारी भी गलती करता है लेकिन वह उससे सीखता है और खुद को बेहतर बनाता है।
आज इतना ही दोस्तों, कल फिर मिलते हैं ‘अच्छा कर्मचारी बनने के 7 सूत्र’ में से बचे हुए चार सूत्रों के साथ।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
dreamsachieverspune@gmail.com

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