फिर भी ज़िंदगी हसीन हैं...
अमीर बनना है तो मानें यह 6 बातें - भाग 1
Oct 27, 2021
अमीर बनना है तो मानें यह 6 बातें - भाग 1
दोस्तों हर इंसान अपने जीवन में अमीर बनकर सफल होना चाहता है लेकिन एक आँकड़ा बताता है कि मात्र 2 प्रतिशत लोग अमीर बनने के अपने सपने को हक़ीक़त में बदल पाते हैं। आख़िर क्या वजह है कि 98 प्रतिशत लोग अपनी तरफ़ से पूरा प्रयास करने के बाद भी अपने सपनों को हक़ीक़त में बदल नहीं पाते हैं? मेरी नज़र में इसका सबसे बड़ा कारण ग़लत प्राथमिकताएँ या ग़लत सोच और गलत लक्ष्य का होना है। शायद आप अभी मेरी बात को अच्छे से समझ नहीं पाए होंगे। मैं इसे थोड़ा विस्तार से आपको समझाने का प्रयत्न करता हूँ।
चलिए आप ही बताइए सफलता के लिए क्या ज़रूरी है, लक्ष्य के प्रति आक्रामक रवैया रखना या शांत रहना? लक्ष्य पाने के लिए दैनिक आधार पर किए जाने वाले कार्य और उससे मिलने वाले परिणाम से हमेशा असंतुष्ट रहना या फिर अपना सर्वश्रेष्ठ देकर संतुष्ट रहना? चलिए एक अंतिम प्रश्न और पूछ लेता हूँ, मनमाफ़िक परिणाम ना मिलने के बाद जल्दबाज़ी, हड़बड़ाहट या फिर बेचैनी के साथ काम करना या फिर धैर्य रखना? आपको क्या पहले अपने अमीर और सफल बनने के सपने की ओर ले जाएगा?
दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि शांत और संतुष्ट रहते हुए धैर्य के साथ काम करना आपको जल्दी अमीर बनने के सपनों तक ले जाता है और यह मैं नहीं कह रहा हूँ, यह 1500 लोगों के एक समूह पर 20 वर्षों तक की गई रिसर्च का परिणाम है। चलिए आगे बढ़ने से पहले थोड़ा सा इस विषय को जान लेते हैं-
डॉक्टर श्रली ब्लॉटनिक ने अमीर बनने के रहस्य को जानने के उद्देश्य से 20 से 40 वर्ष की आयु वाले 1500 स्त्री और पुरुषों के एक समूह पर 20 वर्षों तक अध्ययन किया। इस रिसर्च से उन्होंने उन मुख्य बातों को पहचाना, जो हर सफल व्यक्ति के अंदर पाई जाती है। इस रिसर्च को करने के लिए उन्होंने 1500 लोगों को 20 वर्ष तक कड़ी निगरानी में रखा। 20 वर्ष पश्चात उन्होंने देखा कि इन 1500 लोगों में से 83 लोग मिलेनियर बन चुके थे।
डॉक्टर ब्लॉटनिक ने उन 83 लोगों की सोच, आदतें, कार्य करने के तरीक़े और लक्ष्य आदि बातों पर अध्ययन कर उन बातों को पहचाना जो इन 83 लोगों में एक समान थी। वैसे तो दोस्तों उनके रिसर्च के परिणाम, 83 लोगों की एक सामान आदतों को पहचानने के लिए आप उनके द्वारा लिखी गई किताब, ‘गेटिंग रिच योर ओन वे‘ को पढ़ सकते हैं, लेकिन संक्षेप में मैं आपको इस विषय में बता देता हूँ-
पहली बात - दौलतमंद बनना उनका लक्ष्य नहीं था
अमीर बनने की चाह रखने वाले 1500 लोगों के समूह में दो तरह के लोग थे पहले वे जिन्होंने अमीर बनने के लिए हर तरीक़ा अपनाया, हर उस क्षेत्र में हाथ आज़माया जिसमें वे कार्य कर सकते थे। दूसरे समूह में वो लोग थे जिन्होंने अपने पसंदीदा काम को अपने पेशे के रूप में अपनाया था।
जिन-जिन लोगों ने दौलत के पीछे भागने का फ़ैसला लिया था उनमें से ज़्यादातर लोग असफल हुए और इसके विपरीत जिन्होंने अपने पसंदीदा काम को अपने पेशे के रूप में अपनाया और अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ बन अमीर बनने के अपने लक्ष्य में सफल हो गए।
दूसरी बात - पैसे के प्रदर्शन की जगह निवेश पर ध्यान दिया
इन सफल लोगों में एक और बात देखने को मिली। सफल होने के बाद इन्होंने कभी पैसे का प्रदर्शन नहीं किया अपितु अपना पूरा ध्यान सिर्फ़ और सिर्फ़ अपनी विशेषज्ञता पर ही लगाया और कमाए गए पैसे को सही तरीक़े से निवेश किया। इसका फ़ायदा यह हुआ कि काम करने के 15-20 वर्ष बाद जब उन्होंने अपनी फ़ायनेनशियल स्थिति को देखा तो उन सभी की नेटवर्थ एक मिलियन डॉलर से ज़्यादा थी।
तीसरी बात - धैर्य से काम किया
दोस्तों तीसरी सबसे महत्वपूर्ण बात जो इन सभी लोगों में एक सामान थी, वह था धैर्य। इन सभी का मानना था कि सब्र, ईश्वर का हमको दिया हुआ सबसे बड़ा वरदान है। इसका अर्थ यह क़तई नहीं है कि हम हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाएँ और किसी ईश्वरीय चमत्कार होने का इंतज़ार करें। सब्र या धैर्य का सही अर्थ है शांति के साथ, एक बार में सिर्फ़ एक काम करना और फिर अपने पक्ष में परिणाम पाने के लिए हड़बड़ाहट ना करना, जल्दबाज़ी ना मचाना। यह सभी लोग नकारात्मक परिणाम को भी शांति के साथ ही स्वीकारते थे। इसका सबसे बड़ा फ़ायदा यह होता था कि इन्हें किसी भी परिस्थिति में निराशा नहीं होती थी। वैसे भी कहा गया है अगर एक समय में दो काम करेंगे तो उसमें से एक भी पूरा नहीं होगा।
आज के लिए इतना ही दोस्तों कल हम अमीर बनने के लिए आवश्यक अंतिम दो बातों को जानेंगे।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर