फिर भी ज़िंदगी हसीन हैं...
असफलता अंत नहीं, सफलता की शुरुआत है - भाग 2


Oct 26, 2021
असफलता अंत नहीं, सफलता की शुरुआत है - भाग 2
दोस्तों, हम सभी के जीवन में कभी ना कभी ऐसी स्थिति आती है जब आप पूर्ण तैयारी और अथक प्रयास के बावजूद भी मनचाहा परिणाम नहीं पा पाते है और हम अपनी क़िस्मत को दोष देते हुए, हार मानकर बैठ जाते हैं। असल में जीवन के शुरुआती दिनों में मिली असफलता हमारे ऊपर सफल होने का दबाव बढ़ा देती है। यही दबाव हमें अपनी क्षमताओं पर शक करने पर मजबूर करता है। यह स्थिति हमारे मन में असफलता के दर को और बढ़ा देती है और हम अपने पुराने लक्ष्य को पाने या उस रास्ते पर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं और हमारे ऊपर पलायनवादी मानसिकता हावी हो जाती है।
पलायनवादी मानसिकता हमें अपने लक्ष्य से दूर कर, हालात से समझौता करने के लिए मजबूर करती है और हम अपने भाग्य को इस हार के लिए ज़िम्मेदार मान लेते हैं। लेकिन हक़ीक़त में दोस्तों असफलता का कारण उनका भाग्य नहीं, उनकी सोच और मेहनत करने का गलत तरीका होता है। दोस्तों कल हमने असफलता से सफलता की ओर जाने के दो सूत्र सीखे थे, आइए आगे बढ़ने से पहले उन दो सूत्रों को दोहरा लेते हैं-
पहला सूत्र - असफलता अंत नहीं है
असफलता अंत नहीं बल्कि अपनी कमियों को स्वयं के सामने रखने का और सफलता से पुन: प्रेम करने का समय है। असफलता लक्ष्य के क़रीब पहुँचने का एक आसान, समय के साथ परखा हुआ रास्ता है। लक्ष्य की निकटता आपको और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करती है। मेरी बात से सहमत ना हों तो थॉमस अल्वा एडिसन की कहानी याद कर लीजिएगा। बल्ब के अविष्कार के पूर्व जब उन्हें बार-बार असफलताएँ मिली तो एक पत्रकार ने उन पर तंज कसते हुए कहा था कि आप 9000 से ज़्यादा बार असफल हो चुके हैं तो एडिसन बोले ‘असफल’, बिलकुल नहीं बल्कि मैंने 9000 से ज़्यादा ऐसी तकनीकें खोजी हैं जो बल्ब के अविष्कार में मेरी मदद नहीं करती। दोस्तों आप उनके इस नज़रिए का परिणाम जानते ही हैं, आज उनकी मृत्यु के इतने वर्षों बाद भी हम उनको याद करते हैं।
दूसरा सूत्र - असफलता को बाँटे
आमतौर पर लोग असफल होने के बाद उसे लोगों से छुपाते हैं और समाज से, अपने परिवार से कट कर अलग रहने का प्रयास करते हैं। इसके स्थान पर असफलता को अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ बाँटे, हो सकता है उनके द्वारा दिया गया कोई सुझाव आपको कोई ऐसा विचार दे दे जिसकी आपने कल्पना भी ना की हो। वैसे इसका एक फ़ायदा और है यह आपको नकारात्मक विचारों के बोझ से बचाता है जिससे आप रिलैक्स होकर, नकारात्मक विचारों की कड़ी को तोड़कर अपने मन को सकारात्मक विचारों को स्वीकारने के लिए तैयार कर पाते हैं। नया सकारात्मक माइंडसेट आपको पुनः, नई ऊर्जा के साथ सफलता के लिए काम करने के लिए प्रेरित करता है।
चलिए दोस्तों अब हम असफलता से सफलता की ओर जाने के अंतिम 3 सूत्र सीखते हैं -
तीसरा सूत्र - आत्मविश्लेषण करें
असफल होने के बाद आत्मविश्लेषण करना आपको अपनी कमियों को पहचानकर खुद के सामने रखने का और सफलता से पुन: प्रेम करने का मौक़ा देकर आपको आसानी से लक्ष्य तक पहुँचा देता है। आत्मविश्लेषण कर आप कहाँ गलती हुई है उसे पहचानकर, सुधार सकते हैं। याद रखें असफलताओं से होता हुआ रास्ता ही सफलता के नज़दीक पहुँचाता है। असफलता का सिर्फ़ एक अर्थ है कि आप स्वयं को फ़ुल प्रूफ़ सफलता के लिए तैयार कर रहे हैं। आत्मविश्लेषण कर एक बार फिर से नई ऊर्जा के साथ शुरुआत करें, निश्चित तौर पर सफलता आपके कदम चूमेंगी।
चौथा सूत्र - प्रेरणादायी लोगों के सम्पर्क में रहें
रोज़ाना हम ऐसे कई लोगों के सम्पर्क में आते हैं जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों, शुरुआती असफलताओं के बाद भी अपने लक्ष्य को प्राथमिकता दी और खुद पर कभी असफलता को हावी नहीं होने दिया। वे रोजाना स्वयं को प्रेरित करते हैं और अपने लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत करते हैं। ऐसे लोगों के सम्पर्क में रहना आपको प्रेरणा देता है, असफलताओं से लड़ने के तरीक़ों को सीखने का मौक़ा देता है।
पाँचवाँ सूत्र - योजना बनाएँ और मेहनत करें
अगर आप उपरोक्त चार सूत्रों को प्रयोग में ला रहे हैं तो आपको अपना लक्ष्य और भी अधिक स्पष्ट, और उसे पाने की योजना सटीक रूप से नज़र आने लगती है। उपरोक्त सूत्रों से प्राप्त परिणाम के आधार पर नई योजना बनाएँ, उस पर मेहनत करें और अपने सपनों को हक़ीक़त में बदलें।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर