फिर भी ज़िंदगी हसीन हैं...
असफलता को सफलता में बदलने के 10 सूत्र - भाग 3


Dec 4, 2021
असफलता को सफलता में बदलने के 10 सूत्र - भाग 3
ईश्वर ने हर इंसान को एक समान बनाया है, सभी को असीमित क्षमताएँ दी हैं। लेकिन जीवन में 2, 4, 10 बार मनमाफ़िक परिणाम ना मिले तो हमने खुद को असफल मान अपनी क्षमताओं पर ही प्रश्न उठाना शुरू कर दिया। अगर आप असफलता का तमग़ा छोड़, जीवन में सफल होना चाहते हैं, तो परिस्थितियों, क़िस्मत आदि को कोसने के स्थान पर अपनी हार को स्वीकार कर, उससे सीखें। याद रखें आपकी सोच, जोश और नज़रिया परिणाम बदल सकता है। आइए उन दस सूत्रों को समझते हैं जो हमें असफलता को सफलता में बदलने में मदद करते हैं-
पहला सूत्र - हार हो या जीत, यह मंज़िल नहीं एक पड़ाव है
हमारे निर्णय और कार्य करने का तरीक़ा ही हमें सफल या असफल बनाता है। अगर हम अपनी सोच बदल कर, असफलता से सीखते हुए नए निर्णय लें, नए तरीक़े से कार्य करें तो सफल हो सकते हैं। याद रखिएगा, सफलता या असफलता दोनों ही फ़िक्स नहीं है।
दूसरा सूत्र - आशावान रहें
असफलता के दौर में भावनाओं को सही तरीक़े से हेंडल ना कर पाने पर हम विचारों के जाल में उलझ जाते हैं और सोचने लगते है कि मेरी तो क़िस्मत ही ख़राब है, मैं कभी सफल नहीं हो पाऊँगा, मेरे पास यह नहीं है आदि। इसके स्थान पर आशावान रहते हुए सम्भावना तलाशें और फिर से शुरुआत करें।
तीसरा सूत्र - सीखने के लिए तैयार रहें
हर पल, हर परिस्थिति में कुछ नया सीखना विशेषकर अपनी असफलताओं से, आपको सफलता के लिए तैयार करता है। इसलिए जहां भी जाएँ, जिससे भी मिलें, कुछ ना कुछ सीखें, रोज़ कुछ नया पढ़ें।
चौथा सूत्र - नाकामयाबी; सफलता कैसे मिलेगी, इसका इशारा भर है
अपने व्यवसायिक जीवन मैं में 8 में से 7 बार असफल रहा और कई बार तो ऐसी स्थिति रही जब मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भी संसाधन नहीं थे। लेकिन अपने सपनों पर विश्वास और हार ना मानने के नज़रिए की वजह से ही आज सफल हूँ। आज जब पलटकर देखता हूँ तो समझ आता है प्रत्येक असफल प्रयास ने ही मुझे सफल बनाया। याद रखें परिवार के बड़े हमें सुबह डाँटकर या चिल्लाकर सिर्फ़ इसलिए उठाते हैं क्यूँकि वे हमारे लिए क्या अच्छा है, यह बताना चाहते हैं। ठीक इसी तरह ईश्वर भी हमें सफल बनने के लिए क्या ज़रूरी है वह सिखाने के लिए हमारा सामना असफलता से करवाता है।
पाँचवाँ सूत्र - मैदान ना छोड़ें
पूर्व में किए गए व्यवसायों के दौरान कई बार लगा कि, ‘अब सफल होना मुश्किल है।’ लेकिन हर बार मैंने हार मान कर बैठने के स्थान पर सम्भावनाओं पर ध्यान लगाया और असफलताओं से सीख कर एक बार फिर से प्रयास करा। ऐसा करना आपको छोटी सफलताओं को दिलाकर आत्मविश्वास बढ़ाता है। याद रखिएगा जब तक आपने हार नहीं मानी है तब तक आपके जीतने की सम्भावनाएँ बची हुई हैं।
छठा सूत्र - वापसी का प्लान बनाएँ
असफलता को स्वीकारना, उससे सीखना और योजनाबद्ध तरीक़े से वापसी करना आपके सफल होने की सम्भावनाओं को बढ़ाता है। विपरीत परिस्थितियों में हमेशा खुद को नई चुनौतीपूर्ण स्थितियों में डालें जैसे लॉकडाउन के दौरान बिना पूर्व अनुभव के मैंने रेडियो शो ‘ज़िंदगी ज़िंदाबाद’ और अपना लेख ‘फिर भी ज़िंदगी हसीन है’ शुरू करा और आज यही दोनों एक नए क्षेत्र में मेरी पहचान स्थापित करते जा रहे हैं। हर दिन खुद को चुनौती देकर छुपी हुई प्रतिभा और क्षमता को पहचानें, उसे काम में लें और सफल बनें।
सातवाँ सूत्र - सही गुरु या मेंटर चुनें
ठोकर खाकर ठाकुर बनने में बहुत समय, ऊर्जा और मेहनत लगती है। इसके स्थान पर खुद ठोकर खाने की जगह दूसरों की ठोकरों से सीखें और ठाकुर बनें। यह कार्य सिर्फ़ और सिर्फ़ आपका गुरु या मेंटर कर सकता है। मेंटर या गुरु आपके सफल होने की सम्भावना और गति को कम से कम 10 गुना बढ़ा देता है।
आठवाँ सूत्र - उपरोक्त सूत्रों पर अमल करने के बाद भी असफलता मिले तो उसे स्वीकारें
कोई चट्टान अगर 10 प्रहारों से टूटेगी तो पहले नो प्रहार हमें पूरी शिद्दत के साथ करना होंगे और इसका अर्थ यह नहीं है कि पहले नो प्रहार फ़ालतू थे। असल में इन प्रहारों ने उस चट्टान को कमजोर बनाया था। ठीक इसी तरह हर असफलता आपकी सफलता निश्चित करती है, आपको उसके पास ले जाती है। बस आपको अपनी असफलता को दो भागों अर्थात् जिन कार्यों ने मनमाफ़िक परिणाम दिए और जिनने नहीं दिए, में बाँट कर सफलता देने वाले कार्यों को दोहराना होगा और जिनमें असफल हुए उनका अध्ययन कर कमियों को पहचान कर, उसके अनुसार कौशल सीख दूर करना होगा। इसी तरह अपनी आदतों को भी ज़रूरी और ग़ैर ज़रूरी दो भागों में बाँट लें और ज़रूरत के अनुसार उन्हें बदलें और कार्य करें।
नवाँ सूत्र - अपने दिल की सुनें
लोग आपके प्रयास, निर्णय अथवा कार्य करने के तरीक़े के बारे में क्या कह रहे हैं, ध्यान से सुनें। जहाँ ज़रूरत लगती है वहाँ सुधार करें। लेकिन सबकी बात सुनने के बाद भी अगर आपको लगता है कि आपका दिल, आपकी गट फ़ीलिंग कुछ और कह रही है तो उसकी सुनें। याद रखिएगा आपके सपने की क़ीमत और आपके अंदर मौजूद क्षमता को आप, आपके गुरु या मेंटर से ज़्यादा बेहतर कोई नहीं जानता है। खुद पर विश्वास रखें और आगे बढ़ें।
दसवाँ सूत्र - अपने इनर सर्कल को पहचानें, उनकी सुनें और आभारी रहें
जब भी मैं असफल हुआ या जीवन में कहीं भी अटका या ऐसा लगा कि अब संभल पाना ही मुश्किल है उसी वक्त मेरे परिवार, मेरे दोस्तों ने, मेरे इनर सर्कल ने मुझे थाम लिया। यह लोग कभी भी मेरे बारे में धारणा नहीं बनाते बल्कि मैं जैसा हूँ, मुझे वैसा ही स्वीकारते हैं। यह सभी लोग ज़रूरत पड़ने पर दिलासा देते हैं, मेरे प्रयासों का समर्थन करते हैं, मेरी मदद करते हैं और मेरी सफलता के लिए दुआ करते हैं।
याद रखिएगा दोस्तों जिस तरह एक दिन में गली क्रिकेटर, अंतराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल सकता, उसी तरह जीवन में एक दिन में क्रांतिकारी बदलाव नहीं लाए जा सकते। आप रोज़ बेहतर इंसान से अच्छा इंसान बनने अथवा अक्षम से सक्षम बनने, एक अच्छे से महान दोस्त बनने या लोगों, परिणामों से ख़ुशी पाने के स्थान पर हर हाल में खुश रहने का प्रयास करें। हर दिन ऊपर बताए दस सूत्रों पर काम करें, इन्हें अपनी आदत बनाएँ और रोज़ खुद से बेहतर बनकर अंततः एक दिन सफल हो जाएँ इन्हीं शुभकामनाओं के साथ।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर