फिर भी ज़िंदगी हसीन हैं...
आगे बढ़ने का अचूक सूत्र - माफ़ करना!!!
Mar 24, 2021
आगे बढ़ने का अचूक सूत्र - माफ़ करना!!!
कहते हैं ना, ‘चलती का नाम ही ज़िंदगी है…’ अर्थात् चलते रहना, आगे बढ़ते रहना ही जीवन की निशानी है। हम सब यह जानते हैं लेकिन इसके बाद भी हम लोगों से मिले नकारात्मक अनुभवों को पकड़कर बैठ जाते हैं और दूसरों को ग़लतियों के लिए माफ़ नहीं करते। लोगों को माफ़ ना करना, मेरी नज़र में जो गलती खुद ने करी ही नहीं है, उसकी सजा खुद को देने के सामान है।
जिस तरह आमतौर पर हम अपने द्वारा की गई ग़लतियों पर समाज से माफ़ी की आशा रखते हैं, ठीक उसी तरह हमें लोगों को माफ़ करके, आगे बढ़ना सीखना होगा। जी हाँ दोस्तों, जैसा कि ग़ालिब ने कहा है,
‘कुछ इस तरह मैंने ज़िन्दगी को आसां कर लिया,
किसी से माफी मांग ली, किसी को माफ कर दिया।’
यह सुनने में कठिन लगता है, लेकिन है एकदम आसान। आईए आज हम जीवन में मिले नकारात्मक अनुभवों से निजात पाने के तरीक़े सीखते हैं। चलिए शुरू करते हैं माफ़ करने के दो प्रमुख फ़ायदों के साथ-
अतीत के नकारात्मक अनुभवों से मुक्ति पाएँ -
जिस तरह लंगर डली नाव से नदी पार नहीं की जा सकती, ठीक उसी तरह अतीत के नकारात्मक अनुभवों के साथ बंधी जिंदगी सकारात्मक नहीं बनाई जा सकती है। नकारात्मक अनुभव निराशा का भाव लाते हैं और निराश रहते हुए ज़िंदादिल या आशान्वित रहना सम्भव नहीं है। अतीत के धोखे, अपमान या दुर्व्यवहार वाले अनुभवों को भूलना, लोगों को माफ़ करना ही आपको नए रिश्ते और भविष्य को सकारात्मक देखने की शक्ति देता है। जी हाँ दोस्तों, खुद को ठेस पहुँचाने वाले लोगों को माफ़ करना ज़िंदगी को बोझिल होने से बचा लेता है। माफ़ करने से नकारात्मक अनुभवों की यादें खत्म नहीं होंगी लेकिन आप बुरे अनुभवों के बंधन से मुक्त होकर एक बार फिर स्वतंत्र जीवन जी पाते हैं।
माफ़ करें और जीवन में आगे बढ़ें -
दूसरों को ग़लतियों के लिए दोष देना आपको अतीत में बनाए रखता है जबकि जीवन अतीत में नहीं बल्कि इस गुजरते हुए पल में होता है। जब आप दोष देना बंद करते हैं तब आप इस पल को जीना शुरू करके अपने भविष्य को बेहतर बनाते हैं। अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित कर पाते हैं। जब आप वर्तमान में जीते हैं तब आप स्वयं को शक्तिशाली और सकारात्मक बनाते हैं।
आईए दोस्तों अब मैं आपसे पाँच ऐसे तरीक़े साझा करता हूँ जो आपको लोगों को माफ़ करने में मदद करेंगे-
पहला कदम - सूची बनाएँ और स्वीकारें
अगर आपको लगता है कि लोगों ने आपके साथ बहुत गलत किया है तो उन सभी लोगों के नाम, उन्होंने आपके साथ क्या गलत किया और आपको यह गलत क्यों लगता है, लिख लें। सूची बनाने के बाद एक बार उसे पढ़ें और दिल की गहराइयों के साथ आपको पहुँचे दुःख को महसूस करें और स्वीकारें की उन्होंने आपको ठेस पहुँचाई है, दुःख दिया है।
दूसरा कदम - वादा करें
जो कार्य आपको सुकून देते हैं, जिन्हें करना आपको अच्छा लगता है, उन सभी कार्यों की सूची बनाएँ और खुद से वादा करें आज से आप अपना समय उन कार्यों में अधिक देंगे जो आपको ख़ुशी देते हैं, जो आपको बेहतर करने और सोचने के लिए मजबूर करते हैं।
तीसरा कदम - परेशानी का सही कारण पहचाने
जब आप गहराई से तकलीफ़ देने वाली घटना और उसके बाद के घटनाक्रम पर नज़र डालेंगे तो आप पाएँगे घटना से ज़्यादा उस पर विचार करना आपको ज़्यादा दुःख, निराशा और नकारात्मक भाव दे रहा है। इसके बाद जब भी यह विचार आपको परेशान करे तो खुद को याद दिलाएँ कि आप बड़े हैं, ना कि आपका विचार।
निराशा या तनाव अधिक महसूस कर रहे हैं तो स्वयं को कदम क्रमांक दो के अनुसार उन कार्यों में व्यस्त करे जो आपको ख़ुशी, ऊर्जा या सुकून देते हैं। आप तनाव कम करने की तकनीकें भी आज़मा सकते हैं।
चौथा कदम - ऊर्जा का सही इस्तेमाल करें
उन लोगों की सूची बनाएँ जिन्होंने आपके जीवन में किसी भी रूप में सकारात्मक योगदान दिया है। इस सूची की तुलना अगर आप पहले कदम में बनाई गई सूची से करेंगे तो आप पाएँगे कि तकलीफ़ देने वाले लोगों की संख्या, मदद या साथ देने वाले लोगों के मुक़ाबले बहुत कम है। ईश्वर और इन सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त करें। ऐसा करना आपको सकारात्मक भाव और ऊर्जा देगा, इन दोनों का सकारात्मक प्रयोग नए लक्ष्य बनाने, उन्हें पाने, जीवन में आगे बढ़ने के लिए करें। आपका आगे बढ़ना ही ग़लत व्यवहार करने वालों, बुरा अनुभव देने वालों के लिए बेहतरीन जवाब होगा।
पाँचवा कदम - दिल से लोगों की ग़लतियों को माफ़ करें और खुश रहें
दिल से लोगों की ग़लतियों को माफ़ करें और आगे बढ़ें, इसलिए नहीं कि आप बहुत महान हैं बल्कि इसलिए कि आप शांत और खुश रहना चाहते हैं। जी हाँ दोस्तों, जीवन के सबसे बड़े लक्ष्य, ‘ख़ुशी’ को पाने का सर्वश्रेष्ठ तरीक़ा लोगों को माफ़ करना ही है क्यूँकि यह आपको किसी और की गलती के कारण, व्यर्थ होने वाली ऊर्जा को बचाकर सही दिशा में लगाने और लक्ष्य पाने में मदद करता है, खुद को बंधनों से आज़ाद कर खुश रहने का मौक़ा देता है।
याद रखिएगा दोस्तों, माफ़ ना करना खुद को क़ैद में रखने के सामान है, जीवन है तो नकारात्मक और सकारात्मक दोनों ही तरह के अनुभव मिलेंगे। यह आपके ऊपर है आप अच्छे या बुरे दोनों में से किसके साथ रहना चाहते हैं। कई बार ईश्वर आपको कुछ अच्छा या बड़ा देने के पहले आज़माता है या उसके लिए तैयार करता है। हो सकता है यह नकारात्मक अनुभव भी उसी तैयारी का हिस्सा हो। खुद की ग़लतियों के लिए हमेशा सजग रहें, उन्हें दोहरायें ना, उनके लिए माफ़ी माँगे और साथ ही दूसरों के द्वारा की गई ग़लतियों का बोझ खुद के सर पर रखकर ना घूमें। उन्हें माफ़ करें और जीवन में आगे बढ़ जाएँ।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
dreamsachieverspune@gmail.com