फिर भी ज़िंदगी हसीन हैं...
आशीर्वाद और दुआएँ आपके जीवन की असली कमाई हैं


June 01, 2021
आशीर्वाद और दुआएँ आपके जीवन की असली कमाई हैं…
कोविद 19 की वजह से पिछले एक वर्ष से कार्य करने का तरीक़ा लगभग बदल सा गया है। एक ओर जहाँ हम अपनी दुकान या कार्यालय जाकर अपना व्यवसाय नहीं कर पा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इंटरनेट हमें पूरी दुनिया में व्यवसाय करने का मौक़ा दे रहा है। ऐसे ही एक मौके की वजह से मैं ऐरिज़ोना यूएसए में रहने वाले श्री जवाहार डोडानी जी से व्यवसायिक चर्चा कर रहा था। इसी चर्चा के दौरान श्री डोडानी जी ने मुझे पारिवारिक मूल्यों और उसके द्वारा बच्चों के चरित्र निर्माण पर आधारित एक बहुत ही अच्छी घटना सुनाई। हालाँकि यह घटना लगभग दो माह पुरानी है लेकिन हमारे जीवन को ऊर्जा देने की ताक़त रखती है। आज के लेख की शुरुआत मैं उसी कहानी से करता हूँ।
अमेरिका में रहने वाली भारतीय मूल की श्रीमती अरुणा और श्री मौनिश के पुत्र श्री अभि शाह साउथविक में लकी स्टॉप सुविधा स्टोर चलाते हैं और अपनी दुकान से लॉटरी टिकट भी बेचते हैं। एक दिन वे अपनी दुकान में रद्द किए गए लॉटरी टिकटों की छंटाई कर रहे थे, जब उन्हें डायमंड मिलियंस का आंशिक रूप से खरोंच वाला टिकट मिला। उन्होंने जब उस टिकट का मिलान करके देखा तो उन्हें आश्चर्य हुआ कि उस टिकट पर 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग सवा 7 करोड़ रुपये) की लॉटरी लगी है।
सवा सात करोड़ के इनाम का पता लगते ही अभि की ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं था। वे खुशी के मारे पागलों की तरह नाच रहे थे। उन्होंने अपने माता-पिता को फ़ोन करा और बताया कि हमें 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लॉटरी लगी है। इसके साथ ही वे इस बारे में विचार करने लगे कि इस पैसे का किया क्या जाए? उन्होंने सोचा कि सबसे पहले तो में टेस्ला की गाड़ी ख़रीदूँगा और फिर उसके बाद तय करूँगा कि बचे हुए पैसे का क्या किया जाए?
कुछ समय बाद जब वे सामान्य अवस्था में आए तो उनके अंतर्मन ने उन्हें एहसास कराया कि इस ईनाम के असली हक़दार वे नहीं हैं। उन्हें एक बार फिर ईनाम लेना है या नहीं इस पर विचार करना चाहिए। उन्होंने उस टिकिट को उसकी असली हक़दार ली रोज फीगा को लौटाने का निर्णय लिया।
लेकिन इंसान का मन तो मन ही होता है, 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर लौटाना कहाँ आसान था? थोड़ी देर बात ही अभि विचलित होकर दुविधा में पड़ गए कि इसका क्या किया जाए? उन्होंने भारत में रहने वाले अपने परिवार के अन्य सदस्यों से इस बारे में चर्चा करने का निर्णय लिया और उन्हें फ़ोन लगा दिया। फ़ोन उनकी दादी ने उठाया, अभि ने जब उनसे इस विषय पर चर्चा करी तो वे बोली, ‘बस इसे वापस दे दो। क्यूँकि तुम जानते हो कि यह पैसा तुम्हारा नहीं है। अगर यह तुम्हारी क़िस्मत में होगा तो यह किसी और तरीक़े से तुम्हारे पास लौटकर आएगा। तुम्हें किसी और के पैसे रखने की ज़रूरत नहीं है।’ दादी की बात ने टिकिट लौटाने के उनके निर्णय को पक्का कर दिया।
अगले दिन अभि रोज़ की ही तरह लंच टाइम में टिकिट की असली हक़दार ‘रोज’ के आने का इंतज़ार करने लगे, पर उस दिन वे नहीं आयी। अभि विचलित थे उन्होंने उसी वक्त उनके कार्यालय जाने का निर्णय लिया। वहाँ जाकर उन्होंने ‘रोज’ को अपने साथ दुकान चलने का कहा लेकिन उन्होंने कार्य की अधिकता की वजह से असमर्थता व्यक्त करी। अभि ने जब उन्हें अपने साथ दुकान चलने के लिए उन पर दबाव बनाया तो वे घबरा गई। इस पर अभि ने उनसे कहा, ‘घबराओ मत, हम तुम्हें एक बहुत अच्छी खबर देने वाले हैं। बस अपना काम बंद करो और मेरे साथ आओ। यह खबर तुम्हारा जीवन बदल देगी।’
श्रीमती ली रोज़ फीगा अभि के साथ उनकी दुकान पर आ गई और जब उन्होंने एक मिलियन अमेरिकी डॉलर की लॉटरी जीतने की खबर सुनी तो वे अभि के पिता से गले लग कर 5 मिनिट तक फूट-फूट कर रोने लगी। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था कि इस दुनिया मैं अभी भी इतने ईमानदार लोग हैं। लीसा स्वयं को दुगना भाग्यशाली मानती हैं क्यूँकि जनवरी 2021 में उन्होंने कोविद को हराया था और अब यह लॉटरी जीती थी। लॉटरी का टिकिट वापस मिलने पर लीसा का कहना था कि, ‘शाह परिवार के सभी लोग महान हैं, मैं धन्य से परे हूँ। भला ऐसा कोई करता है क्या?’
दूसरी ओर अभि शाह भी खुश हैं कि उन्होंने अपनी दादी की बात मानी। उनका कहना है कि, ‘1 मिलियन अमेरिकी डॉलर एक बहुत बड़ी रक़म है, लेकिन जो आशीर्वाद, दुआएँ मुझे मिली हैं वह इससे कई गुना ज़्यादा है। इस घटना ने मेरी आत्मा को छुआ है, यही मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। मैं इसी से खुश हूँ कि मैं कम से कम एक रात के लिए मिलेनियर बना।’
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
dreamsachieverspune@gmail.com