top of page

फिर भी ज़िंदगी हसीन हैं...

ईश्वर हमेशा है साथ, अगर है विश्वास

ईश्वर हमेशा है साथ, अगर है विश्वास
global_herald_logo_1.png

Mar 1, 2022

ईश्वर हमेशा है साथ, अगर है विश्वास !!!


हाल ही में मेरे मित्र के साथ कुछ ऐसा घटा जिसकी उसने कल्पना भी नहीं करी थी। आशा के विपरीत मिलते परिणाम पर उसने अपनी आदत अनुसार क़िस्मत, परिस्थितियों और उससे भी ज़्यादा ईश्वर को दोष देना शुरू कर दिया। वैसे दोस्तों अपने गलत निर्णय या कर्म के लिए दूसरों को दोष देने या दूसरों की ग़लतियाँ निकालने और अगर कोई व्यक्ति नहीं मिले तो क़िस्मत या ईश्वर को दोष देने की आदत मेरे उस दोस्त के समान कई लोगों में होती है। ऐसे लोगों से मैं सिर्फ़ इतना कहना चाहूँगा कि अगर वे अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहते हैं, उसे खुश और मस्त रहते हुए बिताना चाहते हैं तो एक बार पूरी परिस्थिति को दूसरे के नज़रिए से भी देख लें।


जी हाँ दोस्तों, दूसरे के नज़रिए से किसी अनचाही घटना, परिस्थिति, चुनौती या समस्या को देखना हमें उसके सही समाधान की ओर ले जाता है। चलिए इस बात को अच्छे से समझने के लिए हम उपरोक्त स्थितियों, परिस्थितियों में ईश्वर का हमारे लिए क्या संदेश होगा, समझने का प्रयास करते हैं। शायद वे हमसे कहते होंगे-


मेरे सबसे प्यारे बच्चों, तुम हर पल, हर घड़ी मेरी नज़रों के सामने हो। मैं तुम्हें, तुम्हारी गतिविधियों और तुम्हारे कर्मों को हर पल देख रहा हूँ। जब भी तुम कोई अच्छा कार्य करते हो, मुझे प्रसन्नता होती है। लेकिन जब भी तुम कोई ग़लत कर्म करते हो, मैं तुम्हें सचेत करता हूँ, तुम्हारे अंतर्मन की मदद से तुम्हें चेतावनी देता हूँ। लेकिन मेरे इस प्रयास के बाद भी तुम लापरवाही के साथ उसी गलती को बार-बार दोहराते जाते हो। जब यही गलती तुम्हें कोई बड़ा नुक़सान पहुँचाने वाली होती है, तब तुम्हें अपने ग़लत कर्मों का एहसास होता है और तुम अपनी गलती को स्वीकारते हो। याद रखो, ग़लतियाँ सुधारी जा सकती हैं लेकिन जो ग़लत कर्म तुमने करे है, उसकी सजा तो तुम्हें भुगतनी ही होगी। 


जब तुम्हें अपनी गलती या ग़लत कर्म की सजा मिलती है अर्थात् तुम्हें दंडित किया जाता है तो तुम उसे स्वीकारने के स्थान पर मेरे पास आते हो और मुझसे विनती करते हो कि तुम्हें इससे बचाया जाए। कई बार तो अपने कर्मों के दंड का इल्ज़ाम भी तुम मेरे ऊपर ही लगा देते हो। सोच के देखो तुमने किया क्या? असल में तुम अपने कर्म के अनुरूप मिले फल को स्वीकारने या सच्चाई के रास्ते पर चलने के स्थान पर उससे दूर भागे। 


हक़ीक़त में, कर्मों के अनुरूप फल देकर मैं तुम्हें जीवन का एक महत्वपूर्ण पाठ पढ़ाना चाहता हूँ।  जन्म से लेकर मृत्यु तक अगर तुम सच्चाई के मार्ग पर चलोगे तो मैं स्वयं तुम्हारा पथ प्रदर्शक अर्थात् मार्गदर्शन करूँगा, तुम्हारे जीवन की सारी कठिनाइयों को हर लूँगा। साथ ही सच्चाई के रास्ते पर चलते हुए अगर तुमसे अनजाने में कोई पाप होता है तो मैं उसका भार अपने ऊपर लेकर तुम्हारा मार्गदर्शन करता रहूँगा, तुम्हारे साथ बना रहूँगा। पर अक्सर तुम मुझ पर, मेरी शक्ति पर विश्वास रखना, मेरे बताए रास्ते पर चलना भूल जाते हो, इसलिए परेशान और पीड़ित रहते हो।  


मेरे समान किसी और व्यक्ति को ढूँढना तुम्हारे लिए असम्भव ही है जो तुम्हें तुम्हारी सभी कमियों के साथ अर्थात् तुम जैसे हो वैसे ही स्वीकार ले और तुम्हारे पापों को माफ़ करते हुए तुम्हारा सही मार्गदर्शन करे। असल में हर पल, हर घड़ी मैं तुम्हारे आस-पास किसी ना किसी इंसानी रूप में बना रहता हूँ। अगर मुझे देखना या खोजना चाहते हो, तो अपने आस-पास मौजूद लोगों में मुझे देखो, मैं तुम्हें मिल जाऊँगा। अगर तुम सजग रहोगे तो मेरे होने के एहसास को भी महसूस कर पाओगे।


इस लोक में तुम एक यात्रा पर आए हो। यहाँ से वापस जाते वक्त, तुम्हारी धन-दौलत, रिश्ते या कुछ और नहीं सिर्फ़ तुम्हारा कर्म तुम्हारे साथ जाएगा। इसलिए अब मुझ पर विश्वास रखते हुए, मुझे अपने आस-पास मौजूद लोगों में देखते हुए अच्छे कर्म करो और थोड़ा धैर्य रखते हुए, सत्य के मार्ग पर चलते रहो, तुम्हें वह सब मिलेगा जिसकी तलाश तुम कर रहे हो।


दोस्तों अगर उपरोक्त बातों पर आप गहराई से मंथन करेंगे तो पाएँगे कि पूरी सृष्टि हर पल आपके साथ, आपको खुश, संतुष्ट और सफल बनाने के लिए काम कर रही है। आपको बस अपने कर्मों को सृष्टि के नियमों के अनुरूप, सच्चाई के साथ रखते हुए आस्था और विश्वास के साथ आगे बढ़ना है। प्यार, प्रार्थना और असाधारण शुभकामनाओं के साथ…


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर 

dreamsachieverspune@gmail.com

1_edited_edited.jpg

Be the Best Student

Build rock solid attitude with other life skills.

05/09/21 - 11/09/21

Two Batches

Batch 1 - For all adults (18+ Yrs)

Batch 2 - For all minors (below 18 Yrs)

Duration - 14hrs (120m per day)

Investment -  Rs. 2500/-

DSC_5320_edited.jpg

MBA

( Maximize Business Achievement )

in 5 Days

30/08/21 - 03/09/21

Free Introductory briefing session

Batch 1 - For all adults

Duration - 7.5hrs (90m per day)

Investment - Rs. 7500/-

041_edited.jpg

Goal Setting

A proven, step-by-step workshop for setting and achieving goals.

01/10/21 - 04/10/21

Two Batches

Batch 1 - For all adults (18+ Yrs)

Batch 2 - Age group (13 to 18 Yrs)

Duration - 10hrs (60m per day)

Investment - Rs. 1300/-

bottom of page