top of page

फिर भी ज़िंदगी हसीन हैं...

उद्देश्य ही नहीं प्रस्तुतीकरण भी है महत्वपूर्ण

उद्देश्य ही नहीं प्रस्तुतीकरण भी है महत्वपूर्ण
global_herald_logo_1.png

May 26, 2021

उद्देश्य ही नहीं प्रस्तुतीकरण भी है महत्वपूर्ण…


कई साल पहले एक महात्मा अपने कुछ शिष्यों के साथ तीर्थयात्रा पर जा रहे थे। वे अपनी मंज़िल से कुछ मील ही दूर थे कि अचानक मौसम ख़राब हो गया और तेज़ बारिश होने लगी। बारिश में आगे चल पाना असम्भव सा था। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें?, तभी एक राहगीर ने उनसे कहा, ‘महात्मा!, यहाँ से मात्र 1 कोस दूर एक गाँव है। वहाँ के लोग ईश्वर को मानने वाले हैं, वहाँ आपको कोई परेशानी नहीं होगी। आप वहाँ रुक जाइएगा।’ कोई और उपाय ना देख वे राहगीर के बताए रास्ते पर चल दिए और कुछ ही देर में उस गाँव में पहुँच गए। लेकिन अगली समस्या यह थी कि रुके कहाँ? महात्मा को दुविधा में देख उनका चेला बोला, ‘गुरुजी हम गाँव में किसी के घर पर रुक जाते हैं।’ इतना सुनते ही महात्मा बोले, ‘वो तो ठीक है लेकिन अपने नियमानुसार मैं सिर्फ़ उस घर का भोजन-पानी ग्रहण करता हूँ जिसके आचार-विचार शुद्ध हों।’ इतना सुनते ही शिष्य बोला, ‘गुरुजी, आप इस चबूतरे पर विश्राम कीजिए, मैं अभी ऐसे घर का पता लगा कर आता हूँ।’ इतना कह कर शिष्य वहाँ से चला गया।


शिष्य गाँव के एक घर पहुँचा और उसका दरवाज़ा खटखटाने लगा। घर के मालिक के दरवाज़ा खोलने पर उसने कहा, ‘भाई मैं और मेरे गुरु तीर्थ यात्रा पर जा रहे थे। लेकिन रास्ते में बारिश की वजह से हमने इस गाँव में किसी के घर पर रुक कर विश्राम करने का निर्णय लिया है। क्या आप का और आपके परिवार का आचार-विचार पूरी तरह शुद्ध है? मैं ऐसा इसलिए पूछ रहा हूँ क्यूँकि गुरुजी सिर्फ़ उस घर का भोजन-पानी ग्रहण करते हैं जिसके यहाँ आचार-विचार शुद्ध हों।’ इतना सुनते ही घर का मालिक बोला, ‘माफ़ कीजिएगा मैं तो निरा अधम हूँ, मेरे अलावा इस गाँव के बाक़ी सभी लोग बहुत ही धार्मिक और पवित्र विचार वाले हैं। फिर भी आप मेरे यहाँ रुकना चाहें तो मैं स्वयं को भाग्यशाली मानूँगा।’


उस व्यक्ति की बात सुनते ही चेला बिना कुछ जवाब दिए अगले घर की ओर चल दिया। अगले घर पर बात करने पर भी चेले को वही जवाब मिला, उसने उनसे भी कुछ नहीं कहा और आगे बढ़ गया लेकिन वहाँ हर घर से उसे एक ही जवाब सुनने को मिल रहा था। कई घर जाने के बाद उसे लगने लगा कि इस गाँव में कोई घर ऐसा है ही नहीं जहाँ गुरुजी रुक सकें। वह हार मानकर वापस गुरुजी के पास आ गया। गुरुजी ने जब उससे पूछा- क्या हुआ? तो उसने पूरा क़िस्सा कह सुनाया।


शिष्य की बात सुन गुरुजी को एक पल के लिए तो अच्छा लगा लेकिन दूसरे ही पल वे गम्भीर मुद्रा में आ गए और अपने चेले से बोले, ‘मुझे तुम उस घर पर ले चलो जहाँ तुम सबसे पहले गए थे।’ चेले ने कुछ कह कर रोकने का प्रयत्न करा लेकिन वे नहीं माने। चेला गुरुजी को उस गाँववासी के घर लेकर गया और एक बार फिर उनका द्वार खटखटाने लगा। कुछ ही पल में घर के मालिक ने आकर द्वार खोला। अपने समक्ष महात्मा को देख उसने चरणवंदन किया। महात्मा उसे आशीर्वाद देते हुए बोले, ‘वत्स! मैं तुमसे माफ़ी माँगता हूँ, मेरा शिष्य तुम्हारे भाव और आचरण को समझ नहीं पाया। मुझे लज्जा आती है कि हम सब संत होते हुए भी इतनी छोटी सोच रखते है जबकि आप सब एक आम गृहस्थ होते हुए भी अपनी पारिवारिक ज़िम्मेदारियाँ निभाते समय भी कितना उत्तम आचरण करते हो। गाँव में सभी लोग स्वयं को सबसे छोटा मानते हैं और दूसरों को अपने से श्रेष्ठ। असल में इस गाँव में इस वक्त सबसे अधम तो हम ही लोग हैं, जो इतनी छोटी सोच रखकर आप सभी को अपने विचारों से तोलने का प्रयास कर रहे थे। मैं आपसे हाथ जोड़कर निवेदन करता हूँ कि क्या आप हमें अपने घर में एक रात बिताने दे सकते हैं। मुझे बहुत अच्छे से पता है कि आप सब लोग सच्चे और विनम्र है। आपके घर रुककर, आपके घर का खाना और पानी ग्रहण करके मैं खुद को पवित्र करना चाहता हूँ। वह व्यक्ति तुरंत आदर सहित संत और उसके चेले को अपने घर के अंदर ले गया और उनके भोजन की व्यवस्था करने लगा। दूसरी और महात्मा के व्यवहार से चेले को भी अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण शिक्षा मिल गई थी।


जी हाँ दोस्तों, जीवन में कई बार आपकी नियत, सोच, उद्देश्य एवं कार्य करने का तरीक़ा सब कुछ ठीक होता है लेकिन उसके बाद भी आपको मनमाफिक परिणाम नहीं मिल पाते क्यूँकि आपने सही बात को ग़लत तरीक़े से कहा था। याद रखिएगा सफलता प्राप्ति के लिए सही बात को भी सही तरीक़े से प्रस्तुत करना आवश्यक है तभी आप मनचाहा परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

dreamsachieverspune@gmail.com

1_edited_edited.jpg

Be the Best Student

Build rock solid attitude with other life skills.

05/09/21 - 11/09/21

Two Batches

Batch 1 - For all adults (18+ Yrs)

Batch 2 - For all minors (below 18 Yrs)

Duration - 14hrs (120m per day)

Investment -  Rs. 2500/-

DSC_5320_edited.jpg

MBA

( Maximize Business Achievement )

in 5 Days

30/08/21 - 03/09/21

Free Introductory briefing session

Batch 1 - For all adults

Duration - 7.5hrs (90m per day)

Investment - Rs. 7500/-

041_edited.jpg

Goal Setting

A proven, step-by-step workshop for setting and achieving goals.

01/10/21 - 04/10/21

Two Batches

Batch 1 - For all adults (18+ Yrs)

Batch 2 - Age group (13 to 18 Yrs)

Duration - 10hrs (60m per day)

Investment - Rs. 1300/-

bottom of page