फिर भी ज़िंदगी हसीन हैं...
कम्फ़र्ट ज़ोन से बाहर निकलकर पूरे करें मनचाहे सपने - भाग 2


Oct 7, 2021
कम्फ़र्ट ज़ोन से बाहर निकलकर पूरे करें मनचाहे सपने - भाग 2
अपनी योग्यताओं और क्षमताओं को नज़रंदाज़ करते हुए सुरक्षित और आरामदायक स्थिति अर्थात् कम्फ़र्ट ज़ोन में रहना अकसर हमें हमारे लक्ष्यों से दूर कर देता है। ‘पहले सब कुछ अनुकूल हो जाए फिर शुरू करेंगे’ के इंतज़ार में अकसर हम मौक़ों को गँवा देते हैं। इसीलिए कहा गया है, ‘जोखिम ना लेना ही जीवन का सबसे बड़ा जोखिम है।’ आईए आज हम जीवन में कुछ बड़ा और अभूतपूर्व करने के लिए कम्फ़र्ट ज़ोन से निकलकर असहज और चुनौती पूर्ण परिस्थिति में असामान्य कार्य करने वाले पंद्रह सूत्र सीखते हैं। यह सूत्र हमारी दैनिक दिनचर्या में ‘स्पार्क’ का काम कर, आंतरिक गतिरोध कम करके सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करके हमारे जीवन को रंगीन, ख़ुशनुमा और रोचक बनाकर, उसमें जोश भर देते हैं।
पहला सूत्र - एक दिन सिर्फ़ मुस्कुराहट बाटें
सप्ताह में एक दिन आप जहां भी जाएँ, जिससे भी मिलें मुस्कुराकर मिलें, फिर चाहे सामने वाले ने अपेक्षित व्यवहार या परिणाम दिया हो या ना दिया हो। जब आप मुस्कुराहट बाँटने में सहज हो जाएँ तब इसे रोज़ प्रयोग में लाने का प्रयास करें।
दूसरा सूत्र - कुछ नया पकाएँ या कोई ऐसी चीज़ खाएँ जो आपने आज तक कभी ना खाई हो
प्रयोगधर्मिता बढ़ाने के लिए कुछ नया खाना या पकाना एक स्वादिष्ट सा साधारण प्रयोग है जो हमें असाधारण और अप्रत्याशित परिणाम दे सकता है।
तीसरा सूत्र - कुछ नया म्यूज़िक सुनें
एक ही जैसा म्यूज़िक हमेशा सुनने के स्थान पर कुछ नया सुने या म्यूज़िक में कुछ नया मिक्स कर प्रयोगधर्मी बनें।
चौथा सूत्र - पूर्ण मौन रहें और शांति से कार्य करें
माह में एक बार पूर्ण मौन का आनंद लेते हुए प्रकृति के साथ को महसूस करें। चहचहाती चिड़िया, बहता पानी, हवा की ख़ुशबू आदि का आनंद लें। यह आपको सम्वेदनशील, फ़ोकस्ड़ बनाकर कम्फ़र्ट ज़ोन छोड़ने में मदद करता है।
पाँचवाँ सूत्र - हमेशा से अलग कुछ नया पढ़ें
मानसिक बंधन को तोड़कर अपने आस-पास और दुनिया के बारे में कुछ नया सीखने के लिए कुछ नया पढ़ें। इससे दुनिया के प्रति आप नया नज़रिया भी विकसित कर अप्रत्याशित परिणाम पा पाते हैं।
छठा सूत्र - पूरे सप्ताह या माह की ख़रीददारी एक साथ करें
योजनाबद्ध तरीक़े से पूरे सप्ताह या माह की ख़रीददारी एक साथ करें फिर चाहे वह किराने की हो या किसी भी अन्य सामान की। इससे बचे समय और ऊर्जा का प्रयोग ज़्यादा आनंद देने वाले कार्यों में करें।
सातवाँ सूत्र - एक दिन दया के लिए रखें
माह में एक दिन सभी नकारात्मक भावों जैसे ईर्ष्या, आलोचना, दुर्भावना, तुलना आदि से दूर रहें और खुद के साथ ही जिससे भी मिलें, उनके प्रति दया का भाव रखें और मैत्रीपूर्ण व्यवहार करें। यह सरल स्वभाव विकसित करने में मदद करता है।
आठवाँ सूत्र - डिजिटल उपवास करें
जीवन में नई ऊर्जा का संचार करने, पुराने दोस्तों या परिचितों से मिलने अथवा बचपन के खेलों को खेलने के लिए माह में एक दिन डिजिटल उपवास रखें अर्थात् इंटरनेट एवं डिजिटल उपकरणों से दूर रहें।
नवाँ सूत्र - केवल आज के लिए जाने दें
नकारात्मक भावों, लोगों के ग़लत इरादों, झूठ, फ़रेब, तर्क-वितर्क-कुतर्क, ग़लत व्यवहार, कोई पुरानी याद या फिर बार-बार परेशान करने वाला कोई विचार, चाहे कुछ भी क्यों ना हो, माह में एक दिन के लिए इन्हें नज़रंदाज़ करें। ऐसा करना आपको विचारों के मकड़ जाल से बचाएगा और नई ऊर्जा देगा।
दसवाँ सूत्र - कहीं बाहर जाएँ
बिना किसी उद्देश्य के माह में एक बार घूमने जाएँ, अपने दोस्तों को चाय-कॉफ़ी और नाश्ते के लिए आमंत्रित करें। अगर किसी कारण से यह करना सम्भव ना हो, तो किसी ऐसे परिचित को फ़ोन लगाएँ जिससे आप कई वर्षों से सम्पर्क में नहीं हैं। यह आपको अपने रूटीन से बाहर निकालकर कुछ नया देखने, सुनने और सोचने का मौक़ा देगा।
चलिए दोस्तों अब सीखते हैं अगले छः सूत्र-
ग्यारहवाँ सूत्र - 1 वर्ष से अधिक उपयोग में ना आए सामान को दे दें
हालाँकि मैं स्वयं इस पर अधिक कार्य नहीं कर पाता हूँ लेकिन यह एक बहुत अच्छा विचार है क्यूँकि कहा जाता है जितना आपका सामान अव्यवस्थित है उतना ही आपका मन भी उलझा हुआ है। साल में एक बार अपने कमरे, डेस्क, कैबिनेट, दराज आदि को पूरी तरह ख़ाली करें और एक-एक सामान को देखकर स्वयं से पूछें, ‘क्या मैंने पिछले एक साल में इस वस्तु का इस्तेमाल किया है?’ अगर आपका जवाब नहीं है तो इस वस्तु को किसी जरूरतमंद को दे दें या बेच दें या फिर उसे आप किसी भी तरह डिस्कार्ड कर दें।
बारहवाँ सूत्र - समाचार पत्रों, टीवी अथवा सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले समाचारों से माह में दो बार दूर रहें
अखबार पढ़ने या हमेशा की तरह समाचार देखने के बजाय माह में कम से कम दो दिन के लिए उसके बिना रहने की कोशिश करें। देखें कि यह आपको कैसे प्रभावित करता है और आप समाचार को कितना याद करते हैं?
तेरहवाँ सूत्र - आज किसी नए स्थान बर बैठें
सामान्यतः हम सभी का सोने, बैठने, घूमने आदि का एक पसंदीदा स्थान होता है जहां आप हमेशा बैठना, सोना या जाना पसंद करते हैं। कभी-कभी इस स्थान को जानबूझकर छोड़कर किसी नए स्थान पर बैठें, सोएँ या घूमने जाएँ। यह आपको काम पर या घर पर एक नया दृष्टिकोण दे सकता है।
चौदहवाँ सूत्र - माह में दो बार बाहर आने जाने के लिए साइकल का प्रयोग करें
डिजिटल उपवास की ही तरह माह में दो बार मोटरयुक्त वाहन का प्रयोग करने से बचें। इस दिन कहीं भी आने-जाने या काम शुरू करने से पहले कुछ व्यायाम करें और ताजी हवा लें। साथ ही कहीं जाना हो तो सिर्फ़ साइकल प्रयोग में लाएँ ऐसा करना आपको तन और मन को अच्छा रखने का मौक़ा तो देगा ही, साथ ही आपको अपने ही इलाक़े को नई नज़र से देखने का मौक़ा भी देगा।
पंद्रहवां सूत्र - जीवन के हर पल का पूर्ण आनंद लें
जीवन में मिलने वाला हर पल ईश्वर का दिया हुआ एक अनमोल उपहार है। फिर चाहे वह उतार-चढ़ाव, सुख-दुःख, अच्छा-बुरा किसी भी रूप में हमारे सामने क्यूँ ना आया हो, उसे आनंदपूर्वक स्वीकारना ही बेहतर है। वैसे भी दोस्तों जिसे बदला नहीं जा सकता उसे स्वीकार कर ही आनंदित रहा जा सकता है और आप अपने मन को संयम के साथ अन्य स्थान पर लगा सकते हैं। वैसे भी दोस्तों हर पल में आनंदित रहने का मतलब है आपने अपने दुखों या नकारात्मक भावों से ऊपर उठकर जीना सीख लिया है।
दोस्तों उपरोक्त सूत्र आपको सुनने में बेहद साधारण लग सकते हैं लेकिन यक़ीन मानिएगा इन सूत्रों में आपकी सभी धारणाओं को तोड़कर, कम्फ़र्ट ज़ोन से आगे जाकर सफल बनाने की शक्ति है।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर