फिर भी ज़िंदगी हसीन हैं...
कामयाब होने के 5 मूल सिद्धांत


Mar 7, 2021
कामयाब होने के 5 मूल सिद्धांत…
दोस्तों जीवन में हर कोई सफल होना चाहता है, सफल होने की इच्छा रखता है, अपने जीवन को 100 प्रतिशत जीना चाहता है। इसके लिए प्रयास भी करता है लेकिन कई बार अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पाता है। वैसे भी दोस्तों माना जाता है कि सफलता की दर 10 प्रतिशत होती है, अर्थात् जब 100 लोग सफल होने के लिए कार्य करते हैं तो उसमें से मात्र 10 लोग सफल हो पाते हैं। तो क्या इसका अर्थ यह लगाया जाए कि सफलता हासिल करना कठिन होता है या यह माना जाए कि आपके प्रयास में ही कोई कमी रह गई है। इसीलिए ही तो कहा जाता है, ‘असफलता केवल यह सिद्ध करती है कि सफलता का प्रयास पूरे मन से नहीं हुआ।’
लेकिन दोस्तों मेरा मानना थोड़ा सा अलग है, सफलता हासिल करने का रास्ता कठिन या मुश्किल अवश्य लगता है, लेकिन यह कठिन या मुश्किल नहीं बस थोड़ा सा ट्रिकी है। अगर सफल होना है, कामयाबी पाना है तो प्रयास करने के साथ-साथ कुछ मूलभूत बातों का भी ध्यान रखना होगा, कुछ नई आदतों को अपनाना होगा। आईए 5 बिंदुओं के साथ, आज सीखते हैं सफल होने की रेसिपी-
1) समझें आपके लिए सफलता क्या है?
दोस्तों कहीं जाने के लिए मात्र साधन अर्थात् ट्रेन, बस, गाड़ी या हवाईजहाज़ का चुनाव करने से कुछ नहीं होता, सबसे महत्वपूर्ण हमें जाना कहाँ है?, वह पता होना आवश्यक है। ठीक ऐसा ही सफलता या कामयाबी के मामले में भी होता है। निम्न तीन प्रश्नों के उत्तर लिख लें-
आपके के लिए सफलता या कामयाबी क्या है? (यह स्पष्ट तौर पर लिख लें।)
इसे पाना आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है या अगर आपने इसे पा लिया तो आपका जीवन कैसा होगा?
अगर किसी कारण वश आप इसे नहीं पा सके, तो आपका जीवन कैसा होगा? अगर आप किसी कारण वश अपनी योजना में सफल नहीं हो पाए तो वापस शुरू करने के लिए क्या करेंगे?
याद रखिएगा दोस्तों, अगर इरादे मजबूत और खुद पर विश्वास हो तो कोई भी कार्य कठिन नहीं रह जाता है। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार मूल्यवान लक्ष्य की प्राप्ति का नाम ही सफलता है।
2) योजना बनाकर सुनियोजित जीवन जिएँ
कार्य पूरा करने की योजना बनाना और योजना पर कार्य करना कामयाब होने के लिए बहुत आवश्यक है। जैसा कि स्वेट मार्डन ने कहा है, “उठो, जीवन की योजना बनाओ, ताकि जो तुम्हारे अंदर सोई हुई शक्ति और प्रतिभा बेकार पड़ी है, वह जागकर काम आ सके।” लेकिन कई बार लोग योजना तो बना लेते हैं लेकिन उस पर कार्य करने के लिए सुनियोजित जीवन नहीं जीते हैं।
सुनियोजित जीवन जीने के लिए सबसे पहले अपने तन-मन को स्वस्थ रखें। इसके अलावा योजना को हक़ीक़त में बदलने के लिए अपने जीवन में अनुशासन लाए, समय की कद्र करें। याद रखें सुनियोजित जीवन जीना अपेक्षाकृत जल्दी और अधिक सफलता दिलाता है।
3) दृढ़ इच्छा शक्ति रखें
कामयाबी के लिए लक्ष्य, योजना, सुनियोजित एवं अनुशासन के साथ कार्य करने के साथ-साथ दृढ़ इच्छाशक्ति का होना बहुत जरूरी है। इस बारे में सुप्रसिद्ध लेखक नेपोलियन हिल का कहना है, “इंसान जो सोचता है उसे अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से हासिल कर सकता है।” सफलता की शुरुआत हमेशा किसी कार्य को करने की दृढ़ इच्छाशक्ति से ही होती है। जिस तरह थोड़ी-सी आंच अधिक गर्मी नहीं दे सकती, उसी तरह कमजोर इच्छा से बड़ी सफलता नहीं मिल सकती।
4) खुद के प्रति कमिटेड रहे
याद रखिएगा आपकी सफलता या असफलता सबसे ज़्यादा आपके जीवन को ही प्रभावित करेगी। जब हम खुद के प्रति कमिटेड हो जाते हैं तब हमारी निष्ठा हमारे अपने लक्ष्य, उसके पाने की कार्ययोजना के प्रति कई गुना बढ़ जाती है और आप तय समय में अपनी पूरी क्षमता और बुद्धि के साथ लक्ष्यों को पाना शुरू कर देते हैं। याद रखिएगा सफलता या कामयाबी सही सोच या विचार को अपने एक्शन में बदलने का ही दूसरा नाम है। किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले खुद से कमिटमेंट करना ऊर्जा और उत्साह को बरकरार रखने में मदद करता है। दोस्तों सफलता कभी भी संयोग से नहीं मिलती, यह सही दिशा में, सही उद्देश्य के लिए कमिटेड रहते हुए ईमानदारी से किए गए कार्य का परिणाम होती है।
5) ज़िम्मेदारी लें
लक्ष्य आपका है, इसे पाना आपके जीवन को बेहतर बनाएगा। इसलिए लक्ष्य के रास्ते में आने वाली हर चीज़ चाहे वो सफलता हो या असफलता सबकी ज़िम्मेदारी स्वयं लें। जब आप ज़िम्मेदारी ले लेते हैं तब ग़लतियाँ भी आपको सिखाकर सफल बना देती हैं और आपके रास्ते में आने वाली चुनोतियों से लड़कर उसे अपने लिए फ़ायदेमंद बनाना सिखा देती है।
याद रखिएगा दोस्तों सफलता और असफलता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं सिर्फ़ सही दृष्टिकोण रखकर, सही दिशा में मेहनत करके आप कभी भी परिणाम को बदल सकते हैं। उपरोक्त सभी बिंदुओं को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएँ और कामयाब बनें।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
dreamsachieverspune@gmail.com