फिर भी ज़िंदगी हसीन हैं...
चुनें वही, जो हो आपके लिए सही


Nov 24, 2021
चुनें वही, जो हो आपके लिए सही !!!
दोस्तों क्या आपने खुद को निम्न में से किसी भी परिस्थिति में अनिर्णय की स्थिति में पाया है-
1) अलमारी खोल खड़े रहना और सोचना, आज क्या पहनूँ?
2) आज खाने में क्या बनाऊँ?
3) सामान ख़रीदते वक्त ज़्यादा विकल्प देख उलझन में पड़ना।
4) रिमोट हाथ में आने के बाद विभिन्न चैनलों के बीच उलझना।
5) रेस्टोरेंट में मेन्यू हाथ में लेकर उलझना कि क्या ऑर्डर किया जाए आदि।
अगर आपका जवाब हाँ है तो आप दुनिया के उन 81% लोगों में हैं जो सही चीज़ का चुनाव ना कर पाने की वजह से अनिर्णय की स्थिति में रहते हैं। अनिर्णय की स्थिति में रहना अकसर हमारे समय, हमारी ऊर्जा और मानसिक शांति को खत्म करता है। अधिकांश लोग साधारण परिस्थितियों में अनिश्चय की स्थिति में खुद को उलझा और थका हुआ भी पाते हैं और जब यह अनिश्चय की स्थिति जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों के समय हो तो लोगों में घबराहट, चिंता और तनाव पैदा करती है।
दोस्तों हमने जीवन को बेहतर बनाने के लिए अतिआवश्यक और शक्तिशाली टूल ‘चुनाव करने की शक्ति’ को अपनी राह का सबसे बड़ा रोड़ा बना लिया है। एस.टी. कोलंबिया बिजनेस स्कूल की प्रोफेसर, द आर्ट ऑफ़ चूज़िंग की लेखिका और शोधकर्ता शीना अयंगर के मुताबिक़ अनिश्चय की यह स्थिति चुनने के विकल्पों को ग़लत नज़र से देखने की वजह से है। उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपके सामने लिम्का, थम्प्स अप, मिरिंडा, कोक, पानी और लस्सी रखी हुई है और आपको इनमें से किसी एक को अपनी प्यास बुझाने के लिए चुनना है। तो बताइए आपके पास अपनी प्यास बुझाने के कितने विकल्प हैं? अगर आपका जवाब 6 है तो आप ग़लत हैं क्यूँकि लिम्का, थम्प्स अप, मिरिंडा और कोक सभी एयरेटेड फ़्लेवर्ड ड्रिंक अर्थात् फ़्लेवर्ड सोडा है। इसलिए अब आपके समक्ष कुल 3 विकल्प हैं, पहला, फ़्लेवर्ड सोडा, पानी और लस्सी।
असल में दोस्तों निर्णय लेने की शक्तिशाली प्रक्रिया हमारे लिए जटिल इसलिए हो गई क्यूँकि हम अकसर पसंद और ज़रूरत के बीच उलझकर रह जाते हैं। आइए आज हम जीवन को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक डेटा आधारित निर्णय लेने की शक्तिशाली तकनीक सीखते हैं। यह तकनीक आपको छोटे और बड़े दोनों तरह के ही निर्णय लेने में मदद करेगी। तो चलिए दोस्तों इस समस्या से निपटने का एक आसान तरीक़ा सीखते हैं-
सबसे पहले आप अपनी अनिर्णय की स्थिति को जितना सम्भव हो उतने स्पष्ट तरीक़े से लिख लें और अब निम्न 4 प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
प्रश्न 1 - मुझे क्या चाहिए?
आप ऊपर वर्णित स्थिति में निर्णय लेकर क्या पाना चाहते हैं? सबसे पहले उसे लिख लें। ऐसा करना आपके लक्ष्यों को परिभाषित कर देगा। दोस्तों जब आपको पता होता है ‘मुझे क्या चाहिए’ तो आपके लिए निर्णय लेना आसान हो जाता है। उदाहरण के लिए आपका उद्देश्य ऑफ़िस में अच्छे प्रोफेशनल के रूप में दिखना है तो आप स्वयं फ़ॉर्मल कपड़ों को चुनेंगे।
प्रश्न 2 - मुझे यह क्यों चाहिए?
इस प्रश्न का जवाब देना हमें उस वस्तु या चीज़ से पूरी होने वाली भावनात्मक ज़रूरतों के साथ-साथ जीवन मूल्यों और प्राथमिकताओं से जोड़ देता है, उन्हें हमारे समक्ष स्पष्ट कर देता है। उदाहरण के लिए, मैं ऑफ़िस में प्रोफेशनल इसलिए दिखना चाहता हूँ जिससे लोग मुझे ज़्यादा भरोसेमंद, ऊर्जा से भरपूर और योग्य व्यक्ति के रूप में देख सकें।
प्रश्न 3 - मैं इसे कैसे प्राप्त करूंगा?
इस प्रश्न का उत्तर देना आपको रणनीति तैयार करने के साथ-साथ स्पष्ट नज़रिया बनाने में मदद करेगा। साथ ही यह प्रक्रिया आपको राह आसान है या कठिन, मेरे पास इस लक्ष्य को पाने के लिए संसाधन या मानवीय शक्ति है या नहीं, इसका एहसास करवा देगी। अगर आपको इन प्रश्नों का जवाब ना में मिलता है तो सबसे पहले यह निर्णय लें कि इस लक्ष्य को आपको अभी पाना है या आप इसे कुछ दिन आगे बढ़ाना चाहेंगे।
प्रश्न 4 - आज आप क्या करेंगे?
उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर आपको स्पष्ट लक्ष्य, उससे मिलने वाले फ़ायदे, उसे पाने की योजना अथवा रणनीति के बारे में आपको स्पष्टता देते हैं। ऐसे में यह पता होना कि आज लिए गए कौन-कौन से छोटे कदम हमें अपने लक्ष्य की ओर ले जा रहे हैं हमारी ऊर्जा को कई गुना बढ़ा देता है। साथ ही रास्ते में मिलने वाली चुनौतियों से लड़ने का साहस देता है। वैसे भी कहते हैं, ‘हज़ारों मील के सफर की शुरुआत एक छोटे से कदम से होती है।’ इसलिए छोटे-छोटे कदम उठाकर अपनी यात्रा की शुरुआत करें और हमेशा याद रखें अच्छे कार्य की शुरुआत करने के लिए आज का दिन सबसे अच्छा है। तो बस दोस्तों अब देर किस बात की, उपरोक्त सूत्रों को काम में लें और अपने जीवन में नई ऊँचाइयों को छुएँ।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर