फिर भी ज़िंदगी हसीन हैं...
तनाव, चिंता तथा दबाव से निजात पाने के 7 सूत्र - भाग 1


Oct 17, 2021
तनाव, चिंता तथा दबाव से निजात पाने के 7 सूत्र - भाग 1
दोस्तों, कम समय में सब कुछ पाने की चाह और बाज़ार की तात्कालिक अवस्था की वजह से आजकल हर कोई भागदौड़ भरी ज़िंदगी जीने के लिए मजबूर है। यह स्थिति आपको ना चाहते हुए भी अनावश्यक तनाव, चिंता व दबाव जैसे नकारात्मक भावों से घेर लेती है।
वैश्विक तौर पर इस संदर्भ में किए गए एक अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि 86% लोग पुराने अवसाद से ग्रसित हैं। लेकिन दोस्तों भारत में अवसाद से ग्रसित लोगों की संख्या 89% है अर्थात् हम वैश्विक औसत से ज़्यादा पुराने तनाव से ग्रसित हैं। भारत के मामले में यह स्थिति और भी ज़्यादा गम्भीर हो जाती है क्यूँकि इन 89% प्रतिशत तनाव, चिंता अथवा दबाव से पीड़ित लोगों में से 75% लोग इस विषय में किसी डॉक्टर अथवा विषय विशेषज्ञ, सलाहकार अथवा काउंसलर से मदद लेने में, बात करने में हिचकते हैं। इस स्थिति की तीन मुख्य वजह हैं, पहली, लोग इस स्थिति की गम्भीरता को नहीं समझ पाते हैं। दूसरी, कुछ लोग आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं होते कि वे किसी पेशेवर की मदद ले सकें। तीसरी, कुछ लोगों को लगता है कि विशेषज्ञ से सलाह लेने की वजह से समाज में उनकी नकारात्मक छवि बनेगी।
दोस्तों, तनाव और चिंता जैसे नकारात्मक भावों से अगर शुरुआती स्तर पर ना निपटा जाए तो इसके गम्भीर परिणाम हो सकते हैं। इसके विपरीत दोस्तों, अगर इसे जल्दी पहचानकर अपने जीवन जीने के तरीक़े में थोड़ा सा परिवर्तन कर लिया जाए तो आप इससे बच सकते हैं। आईए आज हम तनाव से बचने के 7 में से पहले 3 आसान तरीक़ों को सीखते हैं जो हमें तनाव, चिंता, अनावश्यक दबाव जैसे नकारात्मक भावों से बेहतर तरीक़े से निपटने में मदद करेंगे-
पहला सूत्र - व्यायाम करें
दिनभर के मानसिक व शारीरिक रूप से थका देने वाले काम के बाद खुद के शरीर व मन के लिए समय निकालना एक अच्छा विचार है। रोज़ सुबह अथवा शाम को व्यायाम करना आपके शरीर में ख़ुशी देने वाले एंडोफ़िंस जैसे हार्मोंस की मात्रा बढ़ाकर आपको खुश रहने में मदद करता है। वैसे दोस्तों इसका एक और लाभ है, जब आप रोज़ व्यायाम करते हैं तो आप खुद अच्छा महसूस करने लगते हैं, यह आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ और ऊर्जावान बनाता है।
आजकल कई लोगों ने व्यायाम को जिम से जोड़ दिया है, लेकिन हक़ीक़त में दोस्तों व्यायाम करने के लिए आपको जिम अथवा किसी भी विशेषज्ञ के पास जाने की आवश्यकता नहीं है। बस आपको खुद से एक कमिटमेंट करना होगा कि आप बिना निरंतरता तोड़े 30 मिनिट रोज़ खुद के लिए निकालेंगे।
दूसरा सूत्र - गाने, म्यूज़िक अथवा अपने किसी भी शौक़ के लिए समय निकालें
आपाधापी और भागदौड़ के बीच समय पर सभी काम पूरे करने की चाह में अकसर हम खुद पर अतिरिक्त दबाव बना लेते हैं और अगर लम्बे समय तक यह दबाव हमारे ऊपर बना रहे तो यह तनाव और चिंता का रूप ले लेता है। इस अप्रिय स्थिति से बचने के लिए अपने शौक़ के लिए समय निकालना एक अच्छा विचार है क्यूंकि जब आप अपने शौक़ या पसंद का कार्य करते हैं उस वक्त आप सिर्फ़ और सिर्फ़ खुद के साथ होते हैं। आप कुछ समय के लिए खुद को अपने तनाव, चिंता या दबाव से अलग कर लेते हैं और यही चंद पल आपको नई ऊर्जा के साथ जीवन की चुनौतियों से लड़ने के लिए तैयार करते हैं।
हो सकता है आप कई बार इतने व्यस्त हों कि आप खुद के शौक़ अर्थात् हॉबीज़ के लिए समय ना निकाल पाएँ। ऐसे में आप कहीं भी आते-जाते समय अपनी गाड़ी में म्यूज़िक सुन सकते हैं। एक अध्ययन बताता है कि म्यूज़िक सुनना आपके मूड को अच्छा बना सकता है, आपकी आत्मा को सुकून दे सकता है।
तीसरा सूत्र - चाय, कॉफ़ी, कोल्डड्रिंक, सिगरेट आदि ज़्यादा मात्रा में लेने से बचें
हममें से ज़्यादातर लोग अपने दिन की शुरुआत चाय, कॉफ़ी के साथ करते हैं क्यूँकि हम मानते हैं कि ऐसा करना हमारी ऊर्जा बढ़ा देता है, हमें फ़्रेश फ़ील करने में मदद करता है। इसके साथ ही अकसर देखा जाता है कि व्यक्ति जब भी अत्यधिक तनाव, चिंता अथवा अपने कार्यों के दबाव में रहता है, वह चाय, कॉफ़ी, कोल्डड्रिंक, सिगरेट जैसे कैफ़ीन बढ़ाने वाले पदार्थों को अत्यधिक मात्रा में लेना शुरू कर देता है जो की सही नहीं है। एक अध्ययन बताता है कि अत्यधिक मात्रा में चाय, कॉफ़ी, कोल्डड्रिंक अथवा सिगरेट लेना आपमें थकान, चिड़चिड़ाहट, बेचैनी जैसी स्थिति पैदा कर देता है। यह स्थिति इनमें मौजूद कैफ़ीन की अत्यधिक मात्रा की वजह से होती है और यही कैफ़ीन आपमें इसकी लत भी पैदा कर सकता है।
आज के लिए इतना ही दोस्तों कल हम तनाव, चिंता अथवा दबाव से निपटने के अंतिम चार सूत्र सीखेंगे।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर