फिर भी ज़िंदगी हसीन हैं...
दुविधा के बीच स्पष्ट लक्ष्य कैसे बनाएँ - भाग 1
Oct 20, 2021
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…
दुविधा के बीच स्पष्ट लक्ष्य कैसे बनाएँ - भाग 1
दोस्तों, हम सभी को जीवन में लक्ष्य का महत्व पता है क्यूँकि हमें बचपन से ही सिखा दिया जाता है कि, ‘जीवन में एक लक्ष्य बनाओ अन्यथा उस की हालत कटी पतंग सामान हो जाएगी जो कुछ देर तो हवा की दिशा में उड़ेगी लेकिन उसके बाद ज़मीन पर मुँह के बल गिरेगी।’ या फिर ‘जिस तरह फुटबॉल का मैच बिना गोल पोस्ट वाले मैदान पर नहीं खेला जा सकता, ठीक उसी तरह जीवन बिना गोल के जिया नहीं जा सकता।’
लेकिन यह सब पता होने के बाद भी जीवन में कई बार हम ऐसे दोराहे पर आकर फँस जाते हैं, जहाँ हमें समझ ही नहीं आता है कि अब क्या किया जाए? अपनी उलझन को दूर करने के लिए जितना इस विषय में सोचते हैं, यह और उलझता जाता है। ऐसी स्थिति में आपको अपने लक्ष्य, उसको पाने की योजना, आदि सब कुछ धुंधला नज़र आने लगता है। हम भविष्य की बड़ी पिक्चर देखने में खुद को असमर्थ पाते हैं। ऐसा ही कुछ आजकल तीसरे सेमेस्टर में पढ़ रही मेरी बिटिया दिक्षिता के साथ भी हो रहा है। वह भी अपने लक्ष्य, उसे पाने की योजना और अपने कैरियर को लेकर दुविधा में चल रही है। ऐसी स्थिति में क्या किया जाए, यह एक बड़ा सवाल रहता है। आईए, आज ऐसी दुविधा पूर्ण स्थिति से निपटने के 5 सूत्र सीखते हैं-
पहला सूत्र - छोटे लक्ष्य बनाए
कई बार दोस्तों हम अपने पूरे जीवन का रोड मैप बनाने का प्रयास करते हैं, लेकिन भविष्य की स्पष्ट तस्वीर ना देख पाने के कारण सफल नहीं हो पाते और परेशान होने लगते हैं। इस स्थिति से बचने के लिए खुद से प्रश्न करें, 'आप जीवन में क्या चाहते हैं?’ जो भी जवाब मिले उसे लिख लें, भले ही जवाब स्पष्ट ना हो तो भी। अब उन विचारों के आधार पर ब्रॉडर फ़ील्ड पहचानने का प्रयास करें और उस दिशा में छोटे-छोटे समयबद्ध लक्ष्य बनाकर कार्य करते जाएँ। सही दिशा में कदम बढ़ाने से कुछ ही दिनों में आपको समझ आ जाएगा कि आप क्या चाहते है और उसे कैसे पाया जा सकता है?
बस ब्रॉडर फ़ील्ड के आधार पर लक्ष्य बनाते समय ध्यान रखें कि यह लक्ष्य अधिकतम एक वर्ष के लिए हों और इन्हें साप्ताहिक या दैनिक आधार पर पूरा करने लायक़ तोड़ा जा सकता हो। बस उन कदमों के बारे में सोचें जो आपको इन दैनिक या साप्ताहिक लक्ष्य को पाने में मदद कर सकेंगे।
दूसरा सूत्र - रेकार्ड रखें एवं ट्रैक करें
एक वर्ष के लक्ष्य को दैनिक, साप्ताहिक आधार पर तोड़ने के बाद उसे पाने के लिए एक योजना बनाएँ और उस पर कार्य करें। जब आप किसी योजना पर कार्य करते हैं तो आपको कई बार सफलता मिलती है तो कई बार असफलता। दोनों ही स्थितियाँ आपको अपने लक्ष्य को पाने में मदद करेंगी। बस आपको उस दिशा में किए जाने वाले प्रयासों और उससे मिले परिणामों का रेकार्ड रखना होगा और किस दिशा में कौनसा कार्य करने पर क्या परिणाम मिलता है और इसे ट्रैक करना होगा। अपने ऐक्शन और उससे मिलने वाले परिणामों को ट्रैक करना आपको अपनी विशेष योग्यता या कमी को पहचानने में मदद करेगा। इसका सीधा-सीधा फ़ायदा आपको अपनी योजना को बेहतर बनाने में मिलेगा, जो आपकी ऐक्शन को बेहतर बनाएगा और बेहतर ऐक्शन आपकी सफलता सुनिश्चित करेगी।
अपनी योजना, ऐक्शन एवं उससे मिलने वाले परिणामों को ट्रैक करने के लिए आप स्प्रेडशीट, ऐप, डायरी या व्हाइट बोर्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह सूत्र आपको प्रेरित रहने और लक्ष्य की दिशा में की जा रही प्रगति को देखने में मदद करेगा।
तीसरा सूत्र - स्पष्टता रखें
सही दिशा में, उपरोक्त सूत्रों के आधार पर योजनाबद्ध तरीक़े से किया गया काम आपको अपने छोटे लक्ष्यों को सफलतापूर्वक पाने में मदद करेगा। यही छोटी सफलताएँ आपको बड़े लक्ष्य को पहचानने में मदद करेगी। स्पष्ट और सटीक लक्ष्य को पहचानने के बाद उसे पाने की तारीख़ तय करें। ऐसा करना लक्ष्य के प्रति आपकी जवाबदेही तय कर देता है। इसकी सहायता से आप अपनी उपलब्धियों का रिकॉर्ड भी रख सकते हैं, जो वास्तव में, गुजरते समय के साथ, आपके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा और आपको अपने अगले लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रेरित करेगा।
आज के लिए इतना ही दोस्तों कल हम दुविधा के बीच स्पष्ट लक्ष्य बनाने के अंतिम दो सूत्र सीखेंगे…
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर