top of page

फिर भी ज़िंदगी हसीन हैं...

नक़ल में भी अक़्ल चाहिए

नक़ल में भी अक़्ल चाहिए
global_herald_logo_1.png

Nov 18, 2021

नक़ल में भी अक़्ल चाहिए !!!


कुछ दिन पूर्व उद्यमिता विकास शिखर सम्मेलन अर्थात् एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट समिट में युवाओं के साथ चर्चा करने का मौक़ा मिला। इस सम्मेलन में चुने गए युवाओं को अपने स्टार्टअप आईडिया को विशेषज्ञों एवं निवेशकों के समक्ष रखने का मौक़ा दिया गया था। मैंने महसूस किया कि ज़्यादातर युवाओं के विचार निवेशकों अर्थात् इनवेस्टर्स को आकर्षित नहीं कर पा रहे थे। इसका सबसे बड़ा कारण उनके विचारों में नवाचार अर्थात् इन्नोवेशन की कमी होना था। 


वैसे नक़ल कर सफल होने की यह सोच आप अपने आस-पास ना सिर्फ़ बाज़ार में बल्कि लोगों के व्यवहार में भी देख सकते हैं। जैसे बेहतर स्वास्थ्य के लिए जिम जाना या किसी विशेष प्रकार के व्यापार के तरीक़े की नक़ल करना या फिर विशेष तरह का आहार लेना। 


दोस्तों किसी सफल विचार की नक़ल करना अर्थात् एक ही विचार को अलग-अलग रूप में लोगों को परोसना, जिस विचार ने किसी को सकारात्मक परिणाम दिए हैं वह आपके लिए भी फ़ायदेमंद होगा, यह क़तई ज़रूरी नहीं है। सामान्यतः लोग दिखने वाले बाहरी आवरण की नक़ल करते है, वे उस विचार की आत्मा तक पहुँच ही नहीं पाते हैं इसलिए चूक जाते हैं। इसीलिए तो कहते हैं,  ‘नक़ल में भी अक़्ल चाहिए।’ वैसे अपनी बात को समझाने के लिए मैं आपको एक बड़ी प्यारी सी कहानी सुनाता हूँ-


रघुनाथ अपने इलाक़े के सबसे स्वस्थ व्यक्तियों में से एक माने जाते थे। उन्हें देख उनकी उम्र का अंदाज़ा लगाना लगभग नामुमकिन ही था। 80 की उम्र में भी वे अपने से आधी उम्र के लोगों के समान चुस्त और दुरुस्त नज़र आते थे। गाँव के लोगों ने कई बार उनसे इसका राज जानना चाहा लेकिन वे जो कहते थे लोगों को उसपर विश्वास ही नहीं होता था।


एक बार यह बात उस इलाक़े के राजा तक पहुँच गई। उन्होंने रघुनाथ को दरबार में बुलाया और उससे उसकी सेहत का राज पूछा। रघुनाथ ने राज के समक्ष भी वही जवाब दिया जो वह सबको कहता था। राजा समेत किसी को भी उसकी बात पर विश्वास नहीं हुआ। राजा रघुनाथ की सेहत का राज़ हर हाल में जानना चाहता था। उसने इस विषय पर मंत्री से सलाह कर रघुनाथ के पीछे अपने सबसे काबिल दो गुप्तचर लगा दिए।


कई दिनों तक गुप्तचरों को कोई सुराग नहीं मिला तो उन्होंने चौबीसों घंटे रघुनाथ की निगरानी करने का निर्णय लिया। अगले दिन, रोज़ ही की तरह रघुनाथ सुबह 4 बजे सैर पर जाने के लिए निकला। गुप्तचरों ने भेष बदल कर उसका पीछा करना शुरू कर दिया। रघुनाथ की चाल इतनी तेज़ थी कि गुप्तचरों को नज़र बनाए रखने के लिए लगभग दौड़ना पड़ रहा था। कुछ ही देर में रघुनाथ उसी तेज़ी से एक पहाड़ी चढ़ा और ऊपर पहुँचकर एक फल को तोड़कर खाने लगा। 


कई दिनों तक नज़र रखने के बाद गुप्तचरों को लगा कि उसकी सेहत का राज इसी रहस्यमयी फल में छुपा है। रघुनाथ के वहाँ से निकलते ही गुप्तचरों ने भी उस पेड़ के कुछ फल तोड़े और राजा के पास उन्हें लेकर पहुँच गए। गुप्तचरों के हाथों में फलों को देख राजा को ग़ुस्सा आ गया क्यूँकि वे भी इन फलों का सेवन रोज़ किया करते थे। उन्होंने एक बार फिर रघुनाथ को सभा में बुलाया और कहा अगर आज तुमने अपनी सेहत का राज नहीं बताया तो तुम्हारा सर कलम कर दिया जाएगा।


रघुनाथ ने हाथ जोड़ते हुए राजा से कहा, ‘महाराज मेरी सेहत का राज रोज़ सुबह पहाड़ी पर जाकर एक विशिष्ट फल को खाना है। मेरे बुजुर्गों ने यह नुस्ख़ा मुझे सिखाया था।’ रघुनाथ का जवाब सुनते ही ग़ुस्से से भरे राजा बोले, ‘तुम झूठ बोल रहे हो रघुनाथ, हमें मूर्ख समझते हो क्या? यह फल मैं और मेरे जैसे हज़ारों लोग रोज़ खा रहे हैं, पर हम सब तुम्हारे जितने स्वस्थ नहीं हैं।’  रघुनाथ पूरी गम्भीरता के साथ बोला, ‘महाराज, आप जैसे हज़ारों लोग रोज़ सिर्फ़ एक फल खाते हैं। लेकिन मैं रोज़ दो फल खाता हूँ। पहला जो पेड़ से मुझे मिला और दूसरा जो मेहनत करने की वजह से मुझे मिलता है। अर्थात् महाराज मैं इस एक फल को खाने के लिए रोज़ सुबह 4 बजे उठकर 10 मील तेज़ गति के साथ पैदल चलता हूँ, पहाड़ी पर चढ़ता हूँ। इसकी वजह से मुझे सुबह शुद्ध और ताजी हवा के साथ-साथ, चुनिंदा जड़ी बूटियाँ, ताज़ा फल और वर्जिश का लाभ मिलता है, इसीलिए मैं इतना स्वस्थ रहता हूँ, यही मेरी सेहत का रहस्य है।’


दोस्तों वैसे अब आप नक़ल के पीछे छिपी अक़्ल का महत्व समझ गए होंगे। इसलिए अब कभी भी आप किसी सफल आइडिया को कॉपी करके खुद सफल होना चाहते हैं, तो सबसे पहले उस आइडिया के पीछे के असली विचार को पहचानने का प्रयास करें और उसे ध्यान में रखकर अपनी योजना बनाएँ।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर 

dreamsachieverspune@gmail.com

1_edited_edited.jpg

Be the Best Student

Build rock solid attitude with other life skills.

05/09/21 - 11/09/21

Two Batches

Batch 1 - For all adults (18+ Yrs)

Batch 2 - For all minors (below 18 Yrs)

Duration - 14hrs (120m per day)

Investment -  Rs. 2500/-

DSC_5320_edited.jpg

MBA

( Maximize Business Achievement )

in 5 Days

30/08/21 - 03/09/21

Free Introductory briefing session

Batch 1 - For all adults

Duration - 7.5hrs (90m per day)

Investment - Rs. 7500/-

041_edited.jpg

Goal Setting

A proven, step-by-step workshop for setting and achieving goals.

01/10/21 - 04/10/21

Two Batches

Batch 1 - For all adults (18+ Yrs)

Batch 2 - Age group (13 to 18 Yrs)

Duration - 10hrs (60m per day)

Investment - Rs. 1300/-

bottom of page