फिर भी ज़िंदगी हसीन हैं...
मनचाही चीजों को पाना हो तो बहाने छोड़े
Sep 30, 2021
मनचाही चीजों को पाना हो तो बहाने छोड़े…
अकसर लोग मुझसे पूछते हैं कि हम बुरी आदत या लत से छुटकारा क्यों नहीं पा पाते? तो दोस्तों मेरा जवाब है, ‘बहानों की वजह से!’ जी हाँ दोस्तों, अकसर लगातार मिलने वाली असफलता और बुरी आदतों के बने रहने के पीछे बहाने बनाने की आदत काम करती है और मेरी नज़र में दृढ़ इच्छाशक्ति भी इसके बाद आती है। याद रखिएगा जो बुरी आदत छोड़कर जीवन में कुछ नया करना चाहते हैं उनके पास बुरी आदत छोड़, नया करने के कारण हैं और जो नहीं करना चाहते, उनके पास नहीं करने या नहीं छोड़ने के कारण हैं। जैसे, जल्दी सोना भी एक आदत है और देर तक सोते रहना भी एक आदत है; समय पर कार्य करना भी एक आदत है तो कार्यों को टालना भी एक आदत है; अपने स्वास्थ्य, परिवार, व्यवसायिक कार्य, रिश्तों आदि के लिए समर्पित रहना भी एक आदत है तो उन्हें नज़रंदाज़ करना भी एक आदत है; इसी तरह जीतना भी एक आदत है तो हार मानकर बैठ जाना भी एक आदत हैं।
दोस्तों, ‘यह बहुत कठिन है’; ‘मेरे पास समय नहीं है’; ‘यह असंभव है’; ‘मेरे पास सही जीन नहीं है’; ‘अगर मैं चाहता तो यह कर सकता था’; ‘यह महत्वपूर्ण नहीं है’; ‘मैं बहुत बूढ़ा हो गया हूँ’; ‘मुझे पर्याप्त अवसर नहीं मिले’; ‘मेरी तो क़िस्मत ख़राब थी’; ‘यह मेरी क़िस्मत में नहीं था’; ‘कुछ भी कर लो फ़लाना काम तो हमसे होगा ही नहीं।’; ‘अब तो यह आदत मेरे साथ ही जाएगी।’; ‘मैंने तो हर सम्भव प्रयास करके देख लिया मुझसे तो यह होगा ही नहीं।’; ‘मैं तो यह भी कर चुका हूँ, वह भी कर चुका हूँ। इन सारी बातों से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता।’ आदि … आदि… सभी सामान्य बहानों से अधिक कुछ भी नहीं हैं। इसे मैं आपको एक हल्की-फुल्की कहानी से समझाने का प्रयास करता हूँ-
एक आदमी बार में पहुँचा और वेटर को तीन बियर लाने का ऑर्डर दिया। ऑर्डर सुन वेटर हैरान था पर कुछ बोला नहीं और उसने ऑर्डर के मुताबिक़ तीन बियर ले जाकर दे दी। लगभग 1 घंटे बाद उस व्यक्ति ने फिर से तीन बियर का ऑर्डर दिया और आराम से अपने स्थान पर चुपचाप बैठे-बैठे उन्हें पीने लगा और अंत में अपना बिल चुकता करके वहाँ से चला गया।
कई दिनों तक उसका यही क्रम चलता रहा। अब तो बार में आने वाले लोग भी उसे ‘तीन बियर वाले व्यक्ति’ के रूप में पहचानने लगे थे। एक दिन बारटेंडर ने उससे तीन बियर मंगाने का कारण पूछा तो वह बोला, ‘मुझे पता है कि यहाँ सब को यह देख अजीब सा लगता होगा, पर मैं क्या करूँ मेरी मजबूरी है। मेरा बड़ा भाई इटली और छोटा भाई फ़्रांस में रहता है। जब वे विदेश जा रहे थे तब हमने एक निर्णय लिया था कि जब कभी हम बार जाएँगे तीनों के लिए समान रूप से ऑर्डर करेंगे। यह हमें एक-दूसरे की याद दिलाता रहेगा और पारिवारिक बंधन को भी मज़बूत रखेगा।’
उसकी बात सुन बारटेंडर हैरान था। वह सोच रहा था कि तीनों भाइयों में कितना अधिक प्यार है। अब जब भी कोई उस वेटर और बारटेंडर से ‘तीन बियर’ के ऑर्डर के बारे में पूछता था तो वो पूरी कहानी सुना दिया करता था। जल्द ही वह व्यक्ति पूरे इलाक़े में प्रसिद्ध हो, स्थानीय हस्ती बन गया था। लोग उसे ‘थ्री बियर मैन’ के नाम से बुलाया करते थे। धीरे-धीरे उसकी कहानी आसपास के पूरे इलाक़े में फैल गई और लोग दूर-दूर से उसे देखने आने लगे।
कुछ साल तो सब कुछ सामान्य चलता रहा। लेकिन एक दिन उसने अचानक से 2 बियर का ऑर्डर करना शुरू कर दिया। बारटेंडर उसका ऑर्डर देख फिर से हैरान था। उसे लगा शायद उसका कोई भाई अब इस दुनिया में नहीं रहा है, इसलिए उसने यह परिवर्तन करा है। कुछ ही दिनों में यह बात भी पूरे गाँव में फैल गई। सभी गाँववासियों ने मिलकर उसके भाई की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने उसे सांत्वना देने की योजना बनाई।
अगले दिन जब वह व्यक्ति बार में पहुँचा और दो बियर का ऑर्डर दिया उसी वक्त वेटर और बारटेंडर ने उससे कहा, ‘मैं आपके भाई की मृत्यु पर शोक प्रकट करना चाहता हूँ।’ बारटेंडर के शब्द सुन वह व्यक्ति कुछ पलों के लिए हतप्रभ रह गया, फिर बोला, ‘ओह! शायद आप मेरे दो बियर के ऑर्डर का ग़लत अंदाज़ा लगा बैठे हैं। मेरे दोनों भाई ज़िंदा हैं और यह दोनों बियर उन्हीं के लिए है। बस मैंने खुद ने स्वयं से किए वादे के अनुसार शराब पीना छोड़ दिया है।’
शायद दोस्तों अब आप समझ गए होंगे कि मैंने क्यूँ कहा है कि किसी भी कार्य का करना भी एक आदत है और ना करना भी एक आदत है। याद रखिएगा अगर आप जो रोज़ करते हैं वही करते रहेंगे तो आपको वही मिलेगा जो रोज मिलता है। अगर आप कोई नया परिणाम चाहते हैं तो आपको कुछ नया करने की आदत डालना होगी। अगर आप अपनी छुपी हुई क्षमताओं को खोज कर आनंद के साथ जीवन जीना चाहते हैं तो बहानों को छोड़कर अपने अंदर नई आदत विकसित करना शुरू कीजिए।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर