फिर भी ज़िंदगी हसीन हैं...
संतुष्ट रहने के 5 तरीक़े


June 12, 2021
संतुष्ट रहने के 5 तरीक़े…
दोस्तों भागदौड़ भरे इस माहौल में अकसर हम एक ऐसे भँवर में फँस जाते हैं कि जीवन का असली मक़सद ही भूल जाते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण मुझे तो सिर्फ़ एक ही समझ आता है, ‘सही शिक्षा की कमी।’ जी हाँ दोस्तों विद्यार्थी के रूप में जब हम अपने जीवन के कम से कम 15 से 25 वर्ष शिक्षा लेते हुए गुज़ारते हैं तब हमें पद, पैसा, प्रतिष्ठा आदि सबके बारे में तो सिखा दिया जाता है लेकिन कभी भी खुश और संतुष्ट कैसे रहें इस बारे में कोई बात नहीं करता है या इनके महत्व के बारे में कोई भी नहीं बताता है। आईए आज पाँच ऐसे सूत्र सीखते हैं जिससे हम अपने जीवन में खुश और संतुष्ट रहना सीख सकें।
पहला सूत्र - जीवन के सही लक्ष्य बनाए
स्वयं से प्रश्न करें, आप अपने जीवन से क्या चाहते हैं? जो भी जवाब आता है उस पर फिर से सवाल करें, ‘अगर यह आपको मिल गया तो आपके जीवन में क्या बदलाव आएगा।’ जब आप बदलाव पर विचार कर लें तब अपने से अंतिम प्रश्न पूछें, ‘इस बदलाव का अधिकतम आनंद लेने के लिए मुझे किस अवस्था में रहना होगा।’
जब आप इस एक ही प्रश्न की गहराई में बार-बार जाएँगे तो आपको एहसास होगा कि अंत में शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हुए शांत रहना, जो है उससे संतुष्ट और खुश रहना ही जीवन को सार्थक बनाने के लिए अंतिम लक्ष्य है। जब आप इस बात का एहसास कर लें, तब अपने जीवन का तानाबाना और अपनी प्राथमिकताएँ इस अंतिम लक्ष्य के आस-पास बुनें।
दूसरा सूत्र - आसपास मौजूद चीजों के प्रति संवेदनशील रहें
अपने अतीत से बाहर आए, उन अनुभवों को पीछे छोड़ें और इसी पल में मौजूद रहते हुए विचारशून्य अवस्था में आसपास मौजूद वातावरण जैसे चहचहाती चिड़िया की आवाज़, बहता हुआ पानी, हिलते हुए पेड़ों के पत्ते, फूलों से आती ख़ुशबू, गुजरती हुई कोई पसंदीदा गाड़ी, इत्यादि को अपने साथ महसूस करें। मात्र दो मिनिट अपनी सभी इंद्रियों के साथ उस पल में मौजूद रहें। इससे आपके दिमाग और शरीर को आराम मिलेगा। सोचना आसान हो जाएगा और साथ ही आशावादी दृष्टिकोण के साथ आप अधिक स्वाभाविक महसूस करेंगे।
तीसरा सूत्र - खुश रहने के लिए छोटे लक्ष्य रखें
सुबह उठते ही ईश्वर का धन्यवाद करने के बाद स्वयं को बताए कि आज आपने अपने लिए छोटे लक्ष्य रखें हैं। जो पूर्ण होने के बाद आपको ख़ुशी देंगे। जब आप कोई बात खुद से कहते हैं तो वह बात हर पल आपके दिमाग़ में रहती है और ऐसे में आप उन चीजों को पाने के लिए अपने आप काम करने लगते हैं। रोज़ के छोटे काम जैसे खाना खाना, योगा या कसरत करना आदि काम ना रहकर खुश होने के कारण बन जाते हैं।
अकसर लोग यह गलत धारणा बना लेते हैं कि छोटी बातों पर खुश होने से हम बड़े लक्ष्यों से भटक जाते हैं लेकिन मेरी नज़र में यह सही नहीं है। याद रखिएगा दोस्तों, खुश रहकर सब-कुछ किया जा सकता है लेकिन ख़ुशी पाने के लिए कुछ नहीं किया जा सकता। साथ ही ख़ुशी आंतरिक गतिरोध को कम कर ऊर्जा बढ़ाती है और ऊर्जा आपको लक्ष्य तक पहुँचने की शक्ति देती है।
चौथा सूत्र - सोचें और किसी की सच्ची तारीफ करें
भागदौड़ से बाहर निकलकर रुकना, सोचना और किसी की सच्चे दिल से तारीफ़ करना या सराहना करना ना सिर्फ़ सामने वाले को अच्छा महसूस कराएगा अपितु आपको सकारात्मक मूड में ले आएगा। यह अच्छे और सकारात्मक रिश्ते बनाए रखने का भी बेहतरीन तरीक़ा है। वैसे भी दोस्तों पारिवारिक रिश्तों को भी समय समय पर रीचार्ज करना आवश्यक है, जो अपने हैं उन्हें महसूस कराएँ कि हर पल आप उनके साथ मौजूद हैं। उनके हर छोटे से छोटे प्रयास के लिए तारिफ़ करें, जब आप चीजों को स्वीकार कर उनकी तारिफ़ करते हैं तब आप आंतरिक द्वन्द से बचते हैं।
पाँचवाँ सूत्र - अपने सबसे महत्वपूर्ण कार्य को पहचाने और उसपर तत्काल 2 मिनट के लिए काम करें
कई बार मूड, मौसम, विचारों अथवा स्वास्थ्य की वजह से हम आलस से भर जाते हैं और सोफ़े अथवा बेड पर ही पड़े रह कर दिन गुज़ारने लगते हैं। ऐसी स्थिति में किसी कार्य को शुरू करना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसके बाद भी सबसे महत्वपूर्ण कार्य को पहचानकर सिर्फ़ दो मिनिट उस पर कार्य करें। कार्य को शुरू करने के बाद कई बार उस लय में बने रहना आसान हो जाता है और यह आत्मिक संतुष्टि के स्तर को बढ़ाता है। दिन पूरा होने पर उसकी समीक्षा करें एवं जो अच्छा हुआ है, उसकी सराहना करें। अपने दिन की ‘जुगाली’ करना, उसे एक बार फिर प्रतिबिंबित करना आपको अच्छी बातों को रजिस्टर करते हुए मानसिक रूप से संतुष्ट और खुश रहने का मौक़ा देगा।
दोस्तों स्वयं पर आज़माई इन छोटी-छोटी तकनीकों से मैंने अपने जीवन को ज़्यादा सार्थक बनाने का प्रयत्न करा है जो अंततः मुझे संतुष्ट और खुश रहने का मौक़ा देता है।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर