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फिर भी ज़िंदगी हसीन हैं...

सफलता के लिए रखें विश्वास, करें प्रयास

सफलता के लिए रखें विश्वास, करें प्रयास
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Oct 9, 2021

सफलता के लिए रखें विश्वास, करें प्रयास !!!


हाल ही में कॉलेज के कुछ विद्यार्थियों से सपनों पर चर्चा हो रही थी। सभी विद्यार्थी अपने-अपने विचार रख रहे थे। तभी एक विद्यार्थी खड़ा हुआ और बोला, ‘यह सब फ़ालतू की बात है, सपनों से कुछ नहीं होता। सारा खेल सिर्फ़ और सिर्फ़ क़िस्मत का है।’ उसके शब्दों से पूरे हॉल में कुछ पलों के लिए खामोशी छा गई। 


उसी हॉल में कुछ कम उम्र के बच्चे भी बैठे थे, उस बालक के शब्द उनके बालमन पर विपरीत प्रभाव डाल सकते थे। मैंने तुरंत बात अपने हाथ में लेते हुए थोड़ा गम्भीर आवाज़ में कहा, ‘मैं तुम्हारी बात से पूरी तरह सहमत हूँ कि सपनों से कुछ नहीं होता, सारा खेल सिर्फ़ और सिर्फ़ क़िस्मत का है। लेकिन मित्र मुझे नहीं पता कि तुम क़िस्मत और सपनों के बारे में कितना जानते हो। मेरी नज़र में सिर्फ़ सपने होने या देखने से वे कभी सच नहीं होते लेकिन अगर हम अपने सपनों पर अटूट विश्वास रख अपनी क़िस्मत को खुद लिखते हुए उस दिशा में काम करें तो वे निश्चित तौर पर पूरे हो सकते हैं।’ 


मेरा इतना कहते ही वह छात्र फिर बोला, ‘सर, क़िस्मत पहले से तय होती है, उसे लिखा नहीं जा सकता।’ मैंने मुस्कुराते हुए उससे कहा, ‘नहीं, यहाँ तुमसे थोड़ी सी चूक हो गई है, अपनी योग्यताओं और क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए मानसिक रूप से सतर्क रहना और मौक़ों को पहचानना और उस पर 100% विश्वास रखते हुए कार्य करते हुए तुम अपनी क़िस्मत खुद लिख सकते हो। इसे मैं तुम्हें एक सच्ची घटना से बताता हूँ।’


रोज़ की ही तरह आज भी विद्यालय सामान्य रूप में चल रहा था। शिक्षक ने सभी बच्चों को ‘ वे बड़े होकर क्या बनना चाहेंगे ’ विषय पर लिखने के लिए कहा। सभी बच्चों ने भी उत्साह के साथ अपने-अपने सपनों के बारे में लिखना शुरू कर दिया। उन्हीं बच्चों में एक मोंटी नाम का बच्चा भी था उसने सात पेज में अपने सपने के बारे में लिखा और बताया कि वह एक बड़े घोड़ों के फार्म का मालिक बनना चाहेगा। इतना ही नहीं उसने अपने लेख में विस्तार के साथ पूरी योजना का भी खुलासा किया कि वह कहाँ बिल्डिंग, अस्तबल और लॉन आदि विकसित करेगा। लेख पूरा होने के बाद उसने उसे शिक्षक को दे दिया।


कुछ दिनों पश्चात शिक्षक ने ‘एफ़ ग्रेड’ के साथ उसे उसका लेख वापस दे दिया। मोंटी ‘एफ़ ग्रेड’ देख हैरान था उसने शिक्षक से इस विषय में सवाल करा तो वे उसे एक कोरा काग़ज़ देते हुए बोले, ‘तुमने यथार्थ से कोसों दूर जाकर अपने सपने के बारे में लिखा है, यह अवास्तविक है। जिसके पास ना पैसा है, ना ही संसाधन और ना ही अपने खुद के एक जगह रहने का ठिकाना, वह किस तरह अपने इस महान लक्ष्य को पूरा करेगा? जाओ फिर से यथार्थवादी दृष्टिकोण के साथ इसे लिख कर लाओ।’


दोस्तों असल में इस बच्चे मोंटी के पिता घोड़े के प्रशिक्षक के रूप में कार्य करते थे और अपने कार्य के स्वरूप की वजह से ही इन्हें अलग-अलग स्थानों पर जाकर रहना पड़ता था। इसी वजह से मोंटी की पढ़ाई भी बार-बार बाधित होती रहती थी। इसी कारण को देखते हुए शिक्षक को मोंटी का सपना हक़ीक़त से कोसों दूर नज़र आ रहा था।


दूसरी ओर शिक्षक द्वारा उसके लिखे सपने को नकारे जाने की वजह से मोंटी भी काफ़ी परेशान था। एक दिन उसने अपना लिखा काग़ज़ पिता को देते हुए अपनी समस्या का ज़िक्र किया। पिता ने पूरे ध्यान से उसके लिखे सातों पेजों को पढ़ा और मोंटी से कहा, ‘बेटे यह तुम्हारे जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय है। तुम्हें अपना मन बनाकर इस पर खुद निर्णय लेना होगा।’


पिता की बात सुन मोंटी कई दिनों तक इस विषय पर विचार करता रहा और अंततः एक दिन शिक्षक के पास जाकर उन्हें उनके द्वारा दिए गए कोरे काग़ज़ और अपने लिखे सपने को लौटाते हुए बोला, ‘सर, आप अपना एफ़ ग्रेड रख लें मैं अपना सपना रख लेता हूँ।’


दोस्तों आज मोंटी, जिनका पूरा नाम मोंटी राबर्ट्स है, के पास अपना 200 एकड़ के घोड़े के खेत है, जिसके बीच में 4000 वर्ग फुट पर उन्होंने अपना घर बना रखा है और हाँ, मैं आपको एक मुख्य बात बताना भूल गया हूँ कि उन्होंने अपने लिखे उस सपने को फ़्रेम करवाकर घर में चिमनी के ऊपर टांग रखा है। इससे भी महत्वपूर्ण दोस्तों कुछ वर्षों पूर्व वही शिक्षक अपने 30 बच्चों के समूह को लेकर मोंटी के फार्म हाउस पर गए और बच्चों को सपनों के बारे में बताया। वहाँ से लौटते वक्त उन्होंने मोंटी से कहा, ‘मोंटी मैं एक सपनों को चुराने वाला चोर हूँ। मैंने कई बच्चों के सपने चुराए हैं पर तुमने स्वयं के सपने को बचा लिया।’


कहानी पूरी होते ही मैंने उस युवा की ओर देखा और कहा, ‘याद रखें, सपना आपका अपना है। अगर आपको लगता है कि यह पूरा होगा तो आप बिलकुल सही सोच रहे हैं और अगर आप को लगता है कि आपका सपना सिर्फ़ एक सपना है जिसका हक़ीक़त से कोई लेना देना नहीं है तब भी आप पूरी तरह सही हैं।’


याद रखें, कोई भी सपना छोटा या बड़ा नहीं होता। बस किसी को अपने सपनों को चुराने ना दें, आपका दिल जो कहता है, उसे सही माने, उसका अनुसरण करें। कभी हार ना मानने वाला दृष्टिकोण रखें और दृढ़ संकल्प, दृढ़ता, आत्मविश्वास, सकारात्मक भाव के साथ, सपनों के चोरों से बचते हुए आगे बढ़ते जाएँ। दोस्तों कल हम सपने पूरा करने की योजना बनाने के 7 सूत्र सीखेंगे।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर 

dreamsachieverspune@gmail.com

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