फिर भी ज़िंदगी हसीन हैं...
सोचें और बदलें क़िस्मत अपनी


April 29, 2021
सोचें और बदलें क़िस्मत अपनी…
हिमालय की तराई में घने जंगलों के बीच नीम के पेड़ के नीचे अनजान सिद्ध स्थान था। पेड़ के नीचे उस सिद्ध स्थान पर बैठकर ईश्वर से जो भी माँगा जाए वह तुरंत मिल जाता था। पर यह बात किसी को पता नहीं थी क्यूँकि यह इलाक़ा काफ़ी घने जंगल के बीच आता था।
एक बार एक व्यापारी उस इलाक़े से गुज़र रहा था, लम्बा सफ़र तय करने की वजह से वह काफ़ी थकान महसूस कर रहा था। घने नीम के वृक्ष को देख उसके मन में वृक्ष की छाँव में आराम करने की इच्छा हुई। उसने अपने घोड़े को पेड़ से बांधा और नीम के वृक्ष की छाँव में आराम करने के उद्देश्य से सिद्ध स्थान पर लेट गया। अत्यधिक थकान की वजह से लेटते ही उस व्यापारी की नींद लग गई।
लगभग डेढ़-दो घंटे बाद जब उसकी नींद खुली, तो उसे तेज़ भूख और प्यास लग रही थी। अनायास ही उसके मुँह से निकल गया काश कोई पानी पिला दे। सिद्ध स्थान होने की वजह से तत्काल हवा में ठंडे पानी से भरा ग्लास उसके सामने आ गया। उसने पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई। अब उस व्यापारी को भूख सताने लगी उसने अपने आस-पास देखते हुए कहा काश कुछ खाने को मिल जाए तो कितना अच्छा रहेगा?, तत्काल स्वादिष्ट पकवानों से सजी भोजन की थाली उसके सामने आ गई। वह आश्चर्यचकित था, उसने भरपेट भोजन करा और ईश्वर को धन्यवाद देते हुए सोचने लगा काश पीने के लिए शरबत और होता तो कितना अच्छा होता, उसके सामने शरबत आ गया। व्यापारी ने तत्काल शरबत पी लिया।
अब व्यापारी की आराम करने की वजह से थकावट व भोजन, पानी और शरबत से भूख और प्यास दूर हो गई थी। कहते हैं ना पेट भरा हो तो दिमाग़ भी अच्छा चलता है, अब वह सोच रहा था कि कहीं मैं सपना तो नहीं देख रहा हूँ? जब उसने अपने हाथ पर चिकोटी काटी तो उसे अहसास हुआ कि सब कुछ उसके साथ हक़ीक़त में हो रहा है। वह एकदम से घबरा गया और सोचने लगा हवा में शरबत, पानी और खाना तो मैंने कभी भी ऐसे प्रकट होते हुए नहीं देखा और ना ही किसी से इस बारे में कुछ सुना था। हो ना हो इस पेड़ पर कोई भूत रहता है जो मुझे पहले अच्छे से खिला-पिला रहा है और बाद में मुझे खा जाएगा। व्यापारी के ऐसा सोचते ही उसके सामने एक विशालकाय भूत आया और उसे खा गया।
इसके विपरीत सोचकर देखिए दोस्तों, अगर उस व्यापारी के मन में कोई बड़ा सकारात्मक विचार आया होता तो क्या होता? यकीनन वह एक बहुत अच्छी ज़िंदगी जी रहा होता। चलिए इस कहानी को यहीं छोड़िए और इस सवाल का जवाब दीजिए, ‘क्या आप ऐसे सिद्ध स्थान का पता जानना चाहते हैं जो आपकी सारी इच्छाओं की पूर्ति कर सकता हो?’
क्या कहा आपने हाँ!!! दोस्तों हमारा अवचेतन मन ही वह सिद्ध स्थान है। चलिए इसे मैं आज के हालात से समझाने का प्रयत्न करता हूँ। आजकल ज़्यादातर समय हम नकारात्मक खबरों और नकारात्मक माहौल के बीच रहते हैं और यही नकारात्मक माहौल हमें नकारात्मक सोचने के लिए विवश कर देता है। जब हम चौबिसों घंटे नकारात्मक सोचते हैं तो हमारा अंतर्मन उस सिद्ध स्थान की तरह कार्य करते हुए उस नकारात्मक भाव को हक़ीक़त में बदलने में लग जाता है।
इसे मैं आपको दूसरे तरीक़े से समझाने का प्रयत्न करता हूँ। हमारा चेतन मन चौकीदार की तरह कार्य करता है, जिस तरह चौकीदार आपके क्षेत्र में सिर्फ़ अधिकृत व्यक्ति को ही प्रवेश देता है, ठीक उसी तरह चेतन मन भी जो विचार हमारे लिए अच्छे होते हैं सिर्फ़ उन्हें अवचेतन मन के पास भेज देता है। जैसे ही कोई विचार अवचेतन मन के पास जाता है तो वह सोचता है कि जब चौकीदार ने इसे अंदर आने दिया है तो यह विचार हमारे लिए सही ही होगा और हमारा अवचेतन मन उस विचार को हक़ीक़त में बदलने के लिए कार्य करना शुरू कर देता है।
लेकिन सोचकर देखिए आपका चौकीदार चौबिसों घंटे पहरा दे रहा हो, तो भी दिन भर में कुछ पल तो ऐसे आ ही सकते हैं जब वह सुस्ताने लग जाए और कोई अनधिकृत व्यक्ति अंदर प्रवेश कर जाए और हमारा नुक़सान कर दे। ठीक ऐसा ही दोस्तों हमारे साथ होता है, हमारा चेतन मन भी चौबिसों घंटे सतर्क रहते हुए थक जाता है और कुछ पल के लिए विश्राम करने लगता है और यही वह पल होता है जब नकारात्मक विचार हमारे अवचेतन मन तक पहुँच जाते हैं और हमारा अवचेतन मन, जो सही और ग़लत में फ़र्क़ करना नहीं जानता, उस नकारात्मक विचार को भी हक़ीक़त में बदलने में लग जाता है और हम फिर से एक नए नकारात्मक विचार को पाल लेते हैं कि, ‘मेरे साथ तो हमेशा ऐसा ही होता है!’
जीवन में ज़्यादातर लोगों के साथ बुरा सिर्फ़ इसीलिए होता है क्यूँकि उन्होंने बुरी चीजों के लिए ही कामना करी होती है। जैसे आपने कई लोगों से सुना होगा, ‘मेरी तो क़िस्मत ही ख़राब है।’ या ‘मैं तो बार-बार बीमार पड़ जाता हूँ।’ या फिर ‘मुझे तो हमेशा पार्टनरशिप में किए गए व्यवसाय में घाटा होता है।’ और आप देखेंगे कि उनके जीवन में अक्षरशः ऐसा ही होता है।
दोस्तों अगर आप इस विपरीत समय में जीतना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने नकारात्मक विचारों को त्याग दीजिए और हर पल अपने चेतन मन को सकारात्मक अफ़रमेशन देना शुरू कीजिए अर्थात् सकारात्मक सोचना शुरू कीजिए। अपने विचारों पर क़ाबू रखना ही अपने जीवन पर क़ाबू रखने का सबसे उत्तम तरीक़ा है। विचार जादूगर की तरह होते है, जिन्हें बदलकर आप अपना जीवन बदल सकते हैं। याद रखिएगा दोस्तों अगर आप हमेशा सकारात्मक सोच रखेंगे, अच्छा सोचेंगे तो पूरी कायनात आपके सपनों को पूरा करने में लग जाएगी। इसीलिए तो किसी शायर ने कहा है, ‘सोच को बदलो सितारे बदल जाएँगे, नजर को बदलो नज़ारे बदल जाएँगे, कश्तियाँ बदलने की ज़रूरत नहीं है सिर्फ़ दिशाओं को बदलो किनारे बदल जाएँगे।’
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
dreamsachieverspune@gmail.com