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11 बहाने जो आपके सपनों को पूरा होने से रोकते हैं - भाग 3


July 12, 2021
11 बहाने जो आपके सपनों को पूरा होने से रोकते हैं - भाग 3
दुनिया में कुछ लोग सिर्फ़ सपने ही देखते हैं, उन्हें कभी पूरा नहीं कर पाते क्यूँकि वे एक बहुत गम्भीर बीमारी ‘बहानासाइटिस’ से पीड़ित होते हैं। जी हाँ दोस्तों ‘बहानासाइटिस’ अर्थात् सपनों को पूरा करने के लिए काम करने के स्थान पर काम ना करने का कारण ढूँढना। पिछले दो दिनों में हमने समझा था कि किस तरह बहाने हमारी प्रेरणा को खत्म कर हमारे सपनों की हत्या कर देते हैं। साथ ही हमने प्रेरणा को खत्म करने वाले प्रमुख सात बहानों को समझा था आईए अगले चार बहाने समझने से पहले प्रथम सात बहानों को संक्षेप में दोहरा लेते हैं।
पहला बहाना - मैं बहुत थक गया हूँ
जो कार्य हम स्वयं करना चाहते हैं उसके लिए हम कभी नहीं बोलते कि ‘मैं बहुत थका हुआ हूँ’ अर्थात् थकान का लेना देना सिर्फ़ और सिर्फ़ हमारी स्वयं की इच्छा और अनिच्छा पर निर्भर रहता है। प्राथमिकताएँ तय करके कार्य करना, अनिच्छा की वजह से आए आलस और काम टालने की प्रवृति पर अंकुश लगाकर आपको इस बहाने से बचा सकता है।
दूसरा बहाना - टाइम ही नहीं मिलता
सफल और असफल दोनों लोगों के पास 24 घंटे होते हैं। इसलिए समय पर काम करना या ना करना हमारी मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है। सही प्राथमिकताओं के साथ माइंड मैनेज करना सीखकर हम टाइम मैनेज करते हुए इस बहाने से बचकर अपने सपने पूरा कर सकते हैं।
तीसरा बहाना - मैं यह नहीं कर सकता
सपने पूरे करने की योग्यता और क्षमता होने के बाद भी असफल होने के डर की वजह से हम सपनों की दिशा में काम करने की जगह यह बहाना बनाने लगते हैं। खुद को चुनौती देते हुए नए कार्य में सफल होना स्वभाविक तौर पर संदेह और डर पैदा करता है। इससे बचने के लिए सपने पूरे होने के बाद मिलने वाली ख़ुशी को याद करें और डर के बाद भी खुद पर विश्वास रखते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ दें।
चौथा बहाना - लोग क्या कहेंगे
निश्चित तौर पर आपने यह गाना तो सुना ही होगा ‘कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना। छोड़ो बेकार की बातों को कहीं बीत ना जाए रैना।’ बड़े सपने को पूरा करने की हमारी योग्यता और क्षमता को लोग अजीब या असामान्य मानकर कुछ कह दें यह सामान्य है, पर उस प्रतिक्रिया से बचने के लिए कार्य ना करना एक बीमारी के सामान है। याद रखें, ‘सबसे बड़ा रोग, क्या कहेंगे लोग।’
पाँचवाँ बहाना - इसे अफ़ॉर्ड अथवा पूरा करना मेरे बस में नहीं है
सबसे मज़ेदार और दिलचस्प बहाना यही है क्यूँकि सपनों का जीवन आसानी से नहीं जिया जा सकता है। सम्भव है उस जीवन को अफ़ोर्ड करना आज आपके बस में ना हो लेकिन उसे पाने का प्रयास निश्चित तौर पर किया जा सकता है। याद रखें हम किसी भी पल, किसी भी स्थिति में, कहीं से भी शुरू कर सही योजना पर कार्य करके सफल हो सकते हैं।
छठा बहाना - मैं इसके लिए शिक्षित और योग्य नहीं हूँ
विशेष योग्यता वाले क्षेत्रों को छोड़कर अन्य क्षेत्र के लिए यह कहना शायद सबसे घटिया बहाना बनाना होगा। असल में ज्ञान का अभाव हमारे आत्मविश्वास को कम कर, असफलता का डर पैदा करता है। याद रखें सफलता या सपनों को पूरा करने की योग्यता के लिए आवश्यक शिक्षा हम औपचारिक एवं अनौपचारिक दोनों ही शिक्षा पद्धति से ले सकते हैं।
सातवाँ बहाना - मेरी तो उम्र हो गई है
अपनी उम्र को आधार मान सपने ना देखना और समझौता कर जीवन जीना एक ग़लत धारणा है। सच तो यह है दोस्तों, कि उम्र चाहे कितनी भी क्यों न हो, अपने सपनों और पसंदीदा कार्य को करने के लिए ज़्यादा नहीं होती। याद रखें उम्र आप क्या हासिल कर सकते हैं इसकी सीमा तय करने का पैमाना नहीं है यह मात्र एक संख्या है।
चलिए दोस्तों अब चर्चा करते हैं अगले चार बहानों पर-
आठवाँ बहाना - उचित समय आने दो फिर करता हूँ
आपने कई लोगों को सालों तक एक ही सपने को दोहराते हुए देखा होगा असल में वे सही समय आने का इंतज़ार करते हैं।
याद रखें अपने कार्यों को पूरा करने के लिए सौ प्रतिशत अनुकूल समय और माहौल कभी नहीं होता। लेकिन अपना 100% देकर हम किसी भी समय को अपने अनुकूल बनाकर सफल हो सकते हैं।
नवाँ बहाना - करना तो चाहता हूँ पर मुझे समझ ही नहीं आ रहा कहाँ से शुरू करूँ
जीवन में कई बार शून्य में होने का आभास होना और समझ ना आना कि कहाँ से शुरू किया जाए, सामान्य है। ऐसी स्थिति में नई जानकारियों को लेते हुए छोटे प्रयास करना आपको सही रास्ता दिखाकर सफल बना सकता है।
दसवाँ बहाना - पहले सारे संसाधन जुटा लूँ फिर शुरू करता हूँ
कई वर्षों तक मैं यूट्यूब के विडियो सिर्फ़ और सिर्फ़ पूरे संसाधन ना होने की वजह से नहीं बना पा रहा था और इसीलिए कुछ लाख रुपए के संसाधन जैसे विडियो एडिटिंग के लिए एक अच्छा कम्प्यूटर, सॉफ़्टवेयर और योग्य व्यक्ति जुटाने के बाद भी मुझे कमी ही महसूस होती थी। लेकिन कोरोना लॉकडाउन के दौरान सिर्फ़ मोबाइल, ट्यूबलाइट और ट्राइपॉड की सहायता से मैंने सौ से भी ज़्यादा विडियो बना लिए और हज़ार से ज़्यादा सब्स्क्राइबर भी।
जो संसाधन नहीं हैं उसके इंतज़ार में बैठने के स्थान पर छोटी ही सही, पर जो आपके पास है उससे शुरुआत करें।
ग्यारहवाँ बहाना - मैं पक्का कल से शुरू कर दूँगा
यह एक ऐसा बहाना है जो हम बचपन से ही बनाना शुरू कर देते हैं। उधार के सपने अर्थात् दूसरों को देखकर बनाए गए लक्ष्य होना अथवा सही योजना के अभाव में हम इस बहाने को बनाते हैं। लेकिन याद रखिएगा ऐसे बहुत सारे ‘कल’ आप पहले भी बर्बाद कर चुके हैं। वैसे भी इस बात की क्या गारंटी के ‘कल’ सब कुछ आपकी योजना के अनुसार होगा और कुछ नई समस्या नहीं आएगी? इसके स्थान पर याद रखें, जीवन बहुत ही छोटा है और हमें इसे काटना नहीं जीना है, इसलिए आज ही, तय योजना के अनुसार शुरुआत करें।
याद रखें आपके जीवन को बेहतर बनाने उसे पूर्ण तरीक़े से जीने की ज़िम्मेदारी आपकी है। आप ही अपना जीवन बेहतर बनाएँगे इसलिए बहाने बनाने के स्थान पर अपने सपनों को सच होता हुआ महसूस करें और उससे मिलने वाली ख़ुशी के एहसास के साथ बहानों की जगह प्रयास करें, उस पर गर्व करें। याद रखिएगा, अगर विजेता बनना है तो रोज़ अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर