दैनिक भास्कर - मैनजमेंट फ़ंडा
एन. रघुरामन, मैनजमेंट गुरु
आपका समय किसी और की कमाई है!
July 12, 2021
आपका समय किसी और की कमाई है!
पिछले हफ्ते के मध्य में टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने सैन फ्रांसिस्को में आखिरकार माना कि सुरक्षित और भरोसेमंद सेल्फ-ड्राइविंग कार बनाना वास्तव में मुश्किल काम है। इस साल जनवरी में उन्होंने निवेशकों को बताया था कि उन्हें ‘विश्वास है कि इस साल कार इंसानों से कहीं ज्यादा भरोसे से साथ खुद ड्राइव कर पाएंगी।’
मस्क द्वारा ट्वीट में ‘मुश्किल समस्या’ के जिक्र के बावजूद एप्पल इंक, गूगल और अन्य बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियां कारों की दुनिया में उतर रही हैं, जहां लाभ कम है। दुनिया की शीर्ष कार निर्माता कंपनियां 2020 में 5.3% के मार्जिन पर चलीं, जो कि उस 34% लाभ का छोटा-सा हिस्सा है, जो टेक इंडस्ट्री की बड़ी कंपनियां कमा रही हैं।
फिर ये टेक कंपनियां ऑटोनोमस ड्राइविंग पर क्यों जोर दे रही हैं? यह वह बिजनेस मॉडल है, जो हम आम लोग नहीं जानते। यह पैसे में फायदा कमाने का नहीं, बल्कि उससे भी बड़ा कुछ कमाने का बिजनेस है। अनुमान है कि 2030 तक 5.8 करोड़ कारें दुनियाभर में ड्राइवर के बिना खुद से चलेंगी। अमेरिकियों ने 2016 में कार चलाते हुए 308 घंटे बिताए। एक मुंबईकर के लिए ये लगभग 900 घंटे होंगे, अगर कर्मचारी एक साल में 300 दिन कार से कामपर जाते हैं क्योंकि उन्हें आने-जाने में औसतन 3 घंटे तो लगते ही हैं। गुरुग्राम और चंडीगढ़ में यह और ज्यादा हो सकता है क्योंकि यहां ज्यादा कारें हैं।
कार चलाते हुए बिताया गया वक्त आपकी जिंदगी का बड़ा हिस्सा है क्योंकि आप तब आईफोन पर ऐप इस्तेमाल नहीं करते, गूगल पर सर्च नहीं करते या इंस्टाग्राम पर बेवजह स्क्रॉल नहीं करते रहते। जो भी कंपनी आपका यह समय खाली करना चाहेंगी, क्या वे इसे हासिल किए बिना छोड़ेंगी?
फेसबुक समेत ये कंपनियां इसका हिस्सा बनना या यहां तक कि हमारी जिंदगी का हर हिस्सा नियंत्रित करना चाहती हैं। माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन भी पीछे नहीं हैं। माइक्रोसॉफ्ट ने सेल्फ ड्राइविंग कार सॉफ्टवेयर के लिए फॉक्सवैगन से साझेदारी की है। शायद वह चलता-फिरता ऑफिस बनाना चाहती है। अमेजन ने रिवियन ऑटोमोटिव इंक. से हाथ मिलाया है, जो इलेक्ट्रिक ट्रक बनाती है। उसने ड्राइवरलेस स्टार्टअप ज़ूक्स इंक को भी खरीदा है। वह न सिर्फ ड्राइवरलेस ट्रक से सामान डिलिवर करेगी, बल्कि प्राइम मेंबरशिप वालों को ड्राइवरलेस कार में भी ले जाएगी। टोयोटा मोटर कॉर्प माउंट फ्यूजी के पास ऑटोनोमस ड्राइविंग पर आधारित पूरा शहर बना रहा है, जबकि दक्षिण कोरियाई कंपनी ह्यूंडई मोटर की $7.4 बिलियन खर्च करने की योजना है, न सिर्फ अमेरिका में इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने पर बल्कि बिना ड्राइवर के उड़ने वाली टैक्सियों पर भी। तेजी से बढ़ते ड्राइवरलेस कार बिजनेस में फोर्ड मोटर और जनरल मोटर्स भी अपने प्रयास तेज कर रही हैं।
ऑटोमोबाइल बनाने के लिए सिर्फ फैक्टरियों, उपकरणों और स्टील, प्लास्टिक तथा ग्लास के बड़े-बड़े हिस्से डिजाइन व असेंबल करने के लिए लोगों की ही जरूरत नहीं होती बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्षमता भी जरूरी है जो बड़ी मात्रा में डेटा संभाले और जटिल सिस्टम बना सके। चूंकि एआई वाला हिस्सा मुश्किल लेकिन फायदेमंद होगा, ये टेक कंपनियां या तो बड़े कार निर्माताओं से हाथ मिला रही हैं या खुद कार निर्माण में उतर रही हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि भविष्य में लाभ सामान बेचने में नहीं है, बल्कि आपको उनके उत्पादों से जोड़कर, आपके समय से पैसा कमाने में है।
फंडा यह है कि याद रखें, हमारे भविष्य की सुविधाएं सस्ती नहीं होगीं। वे उत्पाद के लिए सिर्फ हमारा पैसा ही नहीं लेंगी, बल्कि उनकी नजर हमारे समय पर भी होगी।