दैनिक भास्कर - मैनजमेंट फ़ंडा
एन. रघुरामन, मैनजमेंट गुरु
कल की तैयारी आज ही करनी होगी


Sep 18, 2021
कल की तैयारी आज ही करनी होगी
कल ही की बात लगती है, जब भारतीय किक्रेट कप्तान विराट कोहली ने एक टीवी साक्षात्कार में कहा था, ‘अभी तो मैं सिर्फ 26 का हूं, शादी क्यों करूंगा।’ वह साक्षात्कार उनके हर गेम फॉर्मेट में तेज होने के बारे में था। वे युवा और आक्रामक थे और देश तथा फैन्स के लिए जीत रहे थे, जिसमें इंग्लैंड पर हालिया जीत भी शामिल है। लेकिन इस गुरुवार शाम 5.53 पर इस तेज बल्लेबाज ने सोशल मीडिया पर टी20 कैप्टनशिप छोड़ने का तेज फैसला लिया। शायद क्रिकेट के हर फॉर्मेट में बेहतर प्रदर्शन के दबाव के चलते मात्र 32 वर्ष की उम्र में इस तेज-तर्रार कप्तान ने ऐसा किया।
ऐसी घोषणाएं खेल के क्षेत्र में कई लोगों को ‘क्लीन बोल्ड’ कर सकती हैं, लेकिन नौकरी पाने या शहर बसाने के मामले में नहीं। कुछ उदाहरण देखें:
इस हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने एक नया परमाणु-सक्रियता समझौता किया, जिसका उद्देश्य ‘AUKUS साझेदारी’ के तहत ऑस्ट्रेलिया और यूके को साथ लेकर इंडो-पैसिफिक में चीन का सामना करना है। परमाणु पनडुब्बियां तैनात करने में ऑस्ट्रेलिया की मदद करने के अमेरिका और यूके के फैसले पर दुनियाभर में मिश्रित भावना है। वहीं यूके के सबसे वरिष्ठ सैन्य कमांडर जनरल सर पैट्रिक सैंडर्स ने कहा है, ‘भविष्य के युद्ध लड़ने के लिए सेना को जेम्स बॉन्ड नहीं, बल्कि ज्यादा से ज्यादा सायबर स्किल पेशेवर चाहिए।’ मुझे यकीन है कि आप इन बदलावों और बयानों के निहितार्थ समझ गए होंगे। जी हां, भविष्य की कमर्शियल दुनिया को ऐसे लोगों की जरूरत होगी जिनमें बेहतरीन सायबर कौशल हों। यहां तक कि सेना को भी लगता है कि युद्धभूमि में डिजिटल फोर्स ही ‘सच्ची ताकत’ साबित होगी, जिसके पास सबसे अच्छे सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर होंगे। इससे स्पष्ट है कि कोडिंग, डेटा साक्षरता को भी हथियारों को संभालने के कौशल जितना महत्वपूर्ण माना जाएगा।
बेशक, भविष्य में हर बिजनेस खुद को डिजिटल युग के मुताबिक ढालना चाहेगा। ऐसी दुनिया में, जहां क्षमताएं अब ‘क्लाउड’ में होंगी, सॉफ्टवेयर और डेटा भौतिक संपत्तियों जितने महत्वपूर्ण हो जाएंगे, न सिर्फ आधुनिक व्यापारों के लिए, बल्कि आधुनिक सेनाओं के लिए भी। दुनिया को न सिर्फ यह पता होगा कि उपभोक्ता अगले हफ्ते कौन-सा उत्पाद खरीदेगा, बल्कि यह भी पता होगा कि दुश्मन कब-कैसे हमला करेगा। इसलिए अभी से खुद को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, सायबर डिफेंस, स्वार्मिंग, डेटा इंटेलीजेंस प्रोसेसिंग और अन्य स्वचालित सिस्टमों से जोड़ना शुरू करें। यह आपको ‘मोस्ट वॉन्टेड’ कर्मचारी बनाएगा!
एक और उदाहरण देखें। हालांकि सभी जानते हैं कि समुद्र का स्तर बढ़ रहा है और 2050 तक परिस्थिति बिगड़ जाएगी, लेकिन किसी भी नगरीय प्राधिकरण ने बढ़ते जलस्तर को झेलने में सक्षम बाढ़रोधी इमारतें बनाने के लिए नए निर्माण नियम नहीं बनाए हैं। इस हफ्ते अमेरिका के बोस्टन ने ग्लोबल वार्मिंग, घातक तूफान और लगातार बाढ़ों को लेकर बढ़ती चिंता के चलते नए निर्माण कानून बनाए हैं। नई इमारतों के लिए ऊंचाई के नियम इस अनुमान पर आधारित हैं कि अगले दो दशकों में बाढ़ कैसी आएगी। सितंबर मध्य में जब हम भारी बारिश की बात कर रहे हैं, मुझे नहीं लगता कि वैज्ञानिकों को यह बताने की जरूरत है कि जलवायु परिवर्तन हमें पहले ही प्रभावित कर रहा है और आज नहीं तो कल, बाढ़ हमारे जीवन का हिस्सा होंगी। आखिरी मौके पर जागने का इंतजार नहीं किया जा सकता कि कोई अचानक घोषणा करे कि किसी साल में सभी इमारतें रहने के लिए जोखिमपूर्ण हो गई हैं।
फंडा यह है कि चाहे नौकरी ढूंढें या जीने का तरीका चुनें, भविष्यवादी रवैया रखना हमें भविष्य की तकलीफों से बचाएगा।

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