दैनिक भास्कर - मैनजमेंट फ़ंडा
एन. रघुरामन, मैनजमेंट गुरु
कामकाज का नया हाइब्रिड मॉडल जिंदगी की गुणवत्ता बढ़ाएगा


April 3, 2021
कामकाज का नया हाइब्रिड मॉडल जिंदगी की गुणवत्ता बढ़ाएगा
आपको पसंद हो या न हो, अब दुनियाभर में वैक्सीन के बाद के वर्कप्लेस आकार लेने लगे हैं। कई लोगों के लिए ये हाइब्रिड मॉडल होंगे। इसके तहत आपको कहीं से भी काम करने की अनुमति होगी लेकिन साथ ही यह स्पष्ट निर्देश होगा कि हफ्ते के कुछ दिन ऑफिस आना पड़ेगा। वर्कफोर्स विशेषज्ञ महामारी के बाद के नए बदलावों को स्वीकार कर रहे हैं। कुछ मामलों में यह मार्च 2020 के वर्क फ्रॉम होम के अनियोजित तरीकों की तुलना में ज्यादा परिवर्तनकारी हैं और वे महामारी से पहले की रिमोट वर्किंग की गलतियों को अप्रैल 2021 में दोहराने से बचने का प्रयास कर रहे हैं।
ज्यादातर ऑफिस के एडमिनिस्ट्रेशन विभाग नई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग तकनीकें इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि ऑफिस आने वाले और रिमोट वर्कर्स समान स्तर पर काम कर सकें। एचआर विभाग लॉजिस्टिक और टाइम टेबल की व्यवस्था कर रहे हैं, ताकि ऑफिस आने वालों को ऐसा न लगे कि ऑफिस खाली है। संक्षेप में वे मुख्य घंटे या ऑन-साइट (ऑफिस में) काम के दिन तय कर रहे हैं। मैनजर्स को प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि उनके हावभाव ऑफिस आने वाले कर्मचारियों को प्राथमिकता देने वाले न हों, बल्कि वे सभी कर्मचारियों से समान व्यवहार करें।
सिटीग्रुप की चीफ एक्जीक्यूटिव जेन फ्रेजर ने हाल ही में कहा कि ज्यादातर कर्मचारी हाइब्रिड होंगे, इस अपवाद के साथ कि उन्हें कम से कम तीन दिन ऑफिस आना होगा। फोर्ड कार मैन्यूफैक्चरर्स की योजना है कि उनके 30 हजार अमेरिकी ऑफिस वर्कर्स लचीले हाइब्रिड मॉडल के तहत काम करेंगे, जिसमें सभी कुछ मीटिंग्स या प्रोजेक्ट के लिए ऑन-साइट होंगे और स्वतंत्र कार्य घर से करेंगे। सिर्फ गूगल और माइक्रोसॉफ्ट ही नहीं, रूढ़िवादी सोच और स्टार्टअप वाली मानसिकता न रखने वाली कंपनियां भी हाइब्रिड मॉडल अपना रही हैं।
पिछले महीने, दिल्ली सरकार का बजट पेश करते हुए उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने शिक्षा के अपनी तरह के पहले वर्चुअल मॉडल की घोषणा की। यह एक ‘अनोखा प्रयोग’ होगा, जो देश-दुनिया के किसी भी हिस्से के छात्र तक शिक्षा पहुंचाएगा।
दिल्ली में स्कूलों की नई श्रेणी ‘वर्चुअल दिल्ली मॉडल स्कूल’ कहलाएगी, जिसकी दीवारें या इमारत नहीं होगी, लेकिन बच्चे, शिक्षक, पढ़ाई, परीक्षाएं आदि सब होंगे और पढ़ाई तय समय में पूरी होगी। जहां मौजूदा स्कूलिंग भी जारी रहेगी, वहीं यह वर्चुअल स्कूल उनकी मदद करेगा, जो यात्रा करना नहीं चाहते या जिनके लिए सफर महंगा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का ड्रीम प्रोजेक्ट, ‘कहीं भी रहो, कभी भी सीखो, कभी भी परीक्षा दो’ के सिद्धांत पर आधारित है। उन्होंने कहा कि वर्चुअल स्कूल से देश के किसी भी हिस्से के छात्रों को दिल्ली एजुकेशन मॉडल के तहत पढ़ने में मदद मिलेगी।
कोऑपरेटिव सोसायटियों ने अपनी वार्षिक आम बैठकें दोनों तरह से करना शुरू कर दी हैं। जो लोग बैठक में शामिल होना चाहते हैं, वे खुद उपस्थित हो रहे हैं, वहीं जिन्होंने अपने फ्लैट किराये पर दिए हैं या जो दूसरे शहर में हैं, वे वर्चुअल मीटिंग में शामिल हो रहे हैं। उन्हें कामकाज संभाल रहे लोगों से ऑनलाइन वीडियो मीटिंग में चैट बॉक्स में लिखे गए उनके सवालों का जवाब भी मिलता है।
कई भीड़भाड़ वाले प्रसिद्ध मंदिर पहले ही तीर्थयात्रियों को फिजिकल (खुद जाकर) और वर्चुअल दर्शन, दोनों की सुविधा दे रहे हैं। शॉपिंग यह मॉडल पहले ही अपना चुकी है, जहां सभी के घरों में हफ्ते में 5-6 सामान तक डिलिवरी हो रहे हैं।
फंडा यह है कि एक नया हाइब्रिड मॉडल हमारी जीवनशैली बदलने वाला है, जो अंतत: हमारे जीवन की गुणवत्ता बढ़ाएगा।

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