top of page

   दैनिक भास्कर - मैनजमेंट फ़ंडा    
एन. रघुरामन, मैनजमेंट गुरु 

क्या आपके बच्चे खुद की देखभाल में सक्षम हैं

क्या आपके बच्चे खुद की देखभाल में सक्षम हैं
Bhaskar.png

April 8, 2021

क्या आपके बच्चे खुद की देखभाल में सक्षम हैं?


मंगलवार को मुझे पता चला कि पिछले महीने बेंगलरु-जयपुर फ्लाइट में जन्मे बच्चे के माता-पिता उसका जन्म प्रमाणपत्र पाने में कितना संघर्ष कर रहे हैं। मैं बच्चे के जीवन की कल्पना करने लगा। जब कोई पूछेगा कि तुम कहां पैदा हुए, तो बच्चा क्या कहेगा? कितने लोगों को समझाएगा कि वह ‘आसमान’ में पैदा हुआ था। अब मैं किसी नौकरी या लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं करता, फिर भी इस उम्र में भी लोग मेरा जन्मस्थान पूछ लेते हैं, सिर्फ राज्य नहीं बल्कि गांव तक।


बाइस दिन के बच्चे के पिता भैरु सिंह अब भी सर्टिफिकेट की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए जयपुर, जहां उनकी फ्लाइट उतरी थी और ब्यावर के अपने गांव जलिया रूपबस के बीच चक्कर काट रहे हैं। सभी अपने अधिकारक्षेत्र का हवाला देकर बच्चे को उसका मौलिक अधिकार देने से इनकार कर रहे हैं। किसी को नहीं पता ‘हवा के बीच में’ किसका इलाका है। यकीनन भैरू के बच्चे को एक दिन प्रमाणपत्र मिल जाएगा, लेकिन बड़े होकर इस संघर्ष की कहानियां सुनकर वह मजबूत बेनगा।


इस घटना से मुझे किसान, लेखिका, टीवी शो प्रोड्यूसर, अभिनेत्री अमांडा ओवेन (46) याद आईं, जो ‘योर्कशायर शेफर्डेस’ के नाम से मशहूर हैं। उनकी तीनों बेस्टसेलर किताबें बतौर चरवाहा उनकी जिंदगी पर आधारित हैं। वहीं उनका शो ‘अवर योर्कशायर फार्म’ यूके में चैनल 5 पर सुपरहिट है। उनकी याद इसलिए भी आई क्योंकि उनके साप्ताहिक टीवी शो का चौथा सीजन मंगलवार से शुरू हो गया है।


वे अपने पति क्लाइव के साथ अपने 2000 एकड़ खेत की देखरेख करती हैं। वे न सिर्फ अपने नौ बच्चों की देखभाल करती हैं, बल्कि 1000 भेड़, 40 मवेशी, चार घोड़े और सात कुत्तों तथा उनके बढ़ते परिवार को भी संभालती हैं। उनके खेत से अस्पताल 112 किमी दूर है। यही कारण है कि जब ओवेन को आठवें बच्चे की प्रसव पीड़ा हुई, तो उन्होंने खुद ही उसकी डिलिवरी करने का फैसला लिया, वह भी अलाव के सामने, जबकि उनके पति घर में सो रहे थे! बच्चे को जन्म देते समय उनके साथ सिर्फ उनका शिकारी कुत्ता पास बैठा था।


ओवेन कहती हैं कि आज के ज्यादातर बच्चे ‘स्नोफ्लेक जनरेशन’ का हिस्सा बन गए हैं। यह अपमानजनक शब्द बन गया है, जिसका इशारा उन लोगों की तरफ है जो 2010 के दशक में युवा हुए हैं और जिन्हें अक्सर कमजोर, ज्यादा संवेदनशील, ज्यादा बुरा मानने वाला माना जाता है और जिनमें अनुचित हक की भावना है। आखिरकार वे ऐसे लोग हैं जो नहीं जानते कि खुद की देखभाल कैसे करें या आत्मनिर्भर कैसे रहें। यूरोप ऐसी पीढ़ी से पीड़ित है क्योंकि वहां माता-पिता बच्चों पर ज्यादा ही ध्यान देते हैं, जिसका मतलब है बच्चों को बहुत ज्यादा सुख सुविधाएं देना।


ओवेन का नया कार्यक्रम बताता है कि कैसे वे अपने बच्चों को ट्रैक्टर सुधारने, भेड़ का ऊन कातने और छोटी दीवारें बनाने जैसे कार्यों में शामिल करती हैं, जबकि उन्होंने लॉकडाउन के दौरान बच्चों की स्कूल के काम में मदद नहीं की। ओवेन कहती हैं, ‘मैं हेलिकॉप्टर पैरेंट (हर वक्त नजर रखने वाली) नहीं बन सकती। उन्हें स्वतंत्र रहना होगा। मैं बच्चों की जरूरत से ज्यादा देखरेख नहीं करती क्योंकि मैं उन्हें अपने बल पर अच्छा करते देखना चाहती हूं। मैं सोचती हूं कि यह उनकी जिंदगी है और मैं इसे जीने में सिर्फ उनकी मदद कर सकती हूं।’


फंडा यह है कि बच्चों को अपने बल पर रहना सिखाने के लिए उन्हें संघर्ष की कहानियां सुनाएं और रोजमर्रा के कार्यों में शामिल करें। इससे वे खुद की देखभाल करने के लिए मजबूत बनेंगे।

1_edited_edited.jpg

Be the Best Student

Build rock solid attitude with other life skills.

05/09/21 - 11/09/21

Two Batches

Batch 1 - For all adults (18+ Yrs)

Batch 2 - For all minors (below 18 Yrs)

Duration - 14hrs (120m per day)

Investment -  Rs. 2500/-

DSC_5320_edited.jpg

MBA

( Maximize Business Achievement )

in 5 Days

30/08/21 - 03/09/21

Free Introductory briefing session

Batch 1 - For all adults

Duration - 7.5hrs (90m per day)

Investment - Rs. 7500/-

041_edited.jpg

Goal Setting

A proven, step-by-step workshop for setting and achieving goals.

01/10/21 - 04/10/21

Two Batches

Batch 1 - For all adults (18+ Yrs)

Batch 2 - Age group (13 to 18 Yrs)

Duration - 10hrs (60m per day)

Investment - Rs. 1300/-

bottom of page