top of page

   दैनिक भास्कर - मैनजमेंट फ़ंडा    
एन. रघुरामन, मैनजमेंट गुरु 

क्या यह अहम् को तोड़ने का सही वक्त है

क्या यह अहम् को तोड़ने का सही वक्त है
Bhaskar.png

May 28, 2021

क्या यह अहम् को तोड़ने का सही वक्त है?


मैं टॉप 20 में था। जब भारत की सबसे कड़ी प्रतिस्पर्धा में ज्यादातर लोग टॉप 50 में आने को भी तरसते हैं, 19वें पायदान पर आना मजाक नहीं है। इसलिए मैं खुश था। यह सबसे अलग प्रतिस्पर्धा थी। ऐसी पोजीशन पाने के बाद भी आपको बाकी प्रतिस्पर्धियों के समर्थन का ठप्पा पाने के लिए तैयारी करनी पड़ती है। अगर आप उदार व्यवहार नहीं करते तो बाकी प्रतिस्पर्धी आसानी से आपके आत्मविश्वास की धज्जियां उड़ा सकते हैं। इस प्रतिस्पर्धा में आप आवेदन नहीं कर सकते। पिछले 4 दशक से तो ऐसा ही है। इसमें हिस्सा लेने के लिए आपको चुना जाना जरूरी है। मैं इसमें चुने जाने के लिए 14 महीनों से प्रयास कर रहा था। महामारी के हमले के बाद पहली बार मुझे सफलता मिली।


ऐसा हुआ मेरे मित्र, उच्च-मध्यमवर्गीय बिजनेसमैन दोस्त रत्नाकर चौधरी के कारण, जो अमिताभ बच्चन के घर और मशहूर जुहू बीच से कुछ मीटर दूर रहते हैं। वे अपनी बेटी की शादी आसपास किसी भी पांच सितारा होटल में कर सकते थे। लेकिन उन्होंने इसे नौ बेडरूम के बंगले में वर-वधु पक्ष से कुल 18 लोगों की मौजूदगी में करने का फैसला लिया और यही कारण था कि मैं 19वां मेहमान था। यह ऐसी पोजीशन है, जो जब तक कोरोना चल रहा है, तब तक मुझे शायद रिश्तेदारों की शादी में भी न मिले क्योंकि परिवार में बहुत से बुजुर्ग हैं।


दो दिन की शादी में सबकुछ रीति-रिवाज से हुआ। चूंकि इसमें दंपति के करीबी रिश्तेदार ही शामिल हुए, जो उनके हितैषी थे, इसलिए किसी को, किसी का अहम् संतुष्ट नहीं करना पड़ा। कोई खुशामद, विनती, निवेदन नहीं हुए, जो आमतौर पर बड़ी शादियों में होते हैं। शादी से एक दिन पहले शाम का मनोरंजन कार्यक्रम दंपति के स्कूल-कॉलेज के दोस्तों ने अपने-अपने घरों से पूरी तरह ऑनलाइन किया। ब्लूटूथ के जरिए मोबाइल से स्पीकर पर संगीत बजा। पूरी शादी फेसबुक पर लाइव पोस्ट हुई, जिसे अमेरिका से लेकर चौधरी के पैतृक शहर जलगांव (महाराष्ट्र) तक में देखा गया।


भारत में शादी उद्योग करीब तीन लाख करोड़ रुपए का है। इस उद्योग से जुड़े एक करोड़ से ज्यादा लोगों को नया काम तलाशना पड़ रहा है। दुर्भाग्य से वे नहीं जानते थे कि उनकी इंडस्ट्री दरअसल माता-पिता के अनचाहे अहम से फूल रही थी, जो उन्हें लोगों को प्रभावित करने के लिए खर्चीली शादियां करने उकसाता था। मुझे दु:ख होता है जब मैं माता-पिता को बेटी की शादी के लिए ऊंची ब्याज दर पर पैसा लेते या अपनी जमीन बेचते और फिर बाकी जिंदगी अभाव में बिताते देखता हूं।


इसीलए मैं इस शादी की सराहना करता हूं क्योंकि यह ‘कम अमीर’ लोगों को अपनी बेटियों की शादी कम से कम खर्चे में करने के लिए प्रेरित करेगी और उन्हें जान-पहचान वालों से ‘काल्पनिक सम्मान’ पाने के लिए उधार नहीं लेना पड़ेगा। चौधरी ने भले ही यह वायरस के चलते लगे प्रतिबंधों के कारण किया, पर मेरा सवाल है कि हम आगे भी ऐसा क्यों नहीं कर सकते? यह तो वक्त बताएगा कि हम इस कम-खर्च शादी की प्रथा को बरकरार रखेंगे या वायरस के जाने के बाद अपने अहम् की संतुष्टि के लिए फिर भव्य शादियां करने लगेंगे।


फंडा यह है कि सिर्फ शादियों के लिए ही नहीं, बल्कि हमारे लिए भी, खासतौर पर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए, यह अहम् को कमजोर करने का वक्त है ताकि ऐसे समय में वित्तीय स्थिरता मिले, जब पैसा मुश्किल से आ रहा है।

1_edited_edited.jpg

Be the Best Student

Build rock solid attitude with other life skills.

05/09/21 - 11/09/21

Two Batches

Batch 1 - For all adults (18+ Yrs)

Batch 2 - For all minors (below 18 Yrs)

Duration - 14hrs (120m per day)

Investment -  Rs. 2500/-

DSC_5320_edited.jpg

MBA

( Maximize Business Achievement )

in 5 Days

30/08/21 - 03/09/21

Free Introductory briefing session

Batch 1 - For all adults

Duration - 7.5hrs (90m per day)

Investment - Rs. 7500/-

041_edited.jpg

Goal Setting

A proven, step-by-step workshop for setting and achieving goals.

01/10/21 - 04/10/21

Two Batches

Batch 1 - For all adults (18+ Yrs)

Batch 2 - Age group (13 to 18 Yrs)

Duration - 10hrs (60m per day)

Investment - Rs. 1300/-

bottom of page