दैनिक भास्कर - मैनजमेंट फ़ंडा
एन. रघुरामन, मैनजमेंट गुरु
घर में मनोरंजन देखने का ‘एंगल’ का बदल रहा है


May 8, 2021
घर में मनोरंजन देखने का ‘एंगल’ का बदल रहा है
वैश्विक रूप से बड़े थियेटरों में लाइव नाटकों के सीमित दर्शक रहे हैं क्योंकि ऐसे थियेटर कम शहरों में हैं और लागत भी ज्यादा है। मैं स्वीकार करता हूं कि अपने कामकाजी दिनों में, जब मैं मुंबई या लंदन के बड़े थियेटर्स में नाटक देखने जाता था तो अपनी सीट पर बैठने के बाद मैं यह पता करने के लिए खाली सीटें तलाशता रहता था कि कौन नहीं आया और मैं कैसे बेहतर व्यू वाली सीट पा सकता हूं। मैं बेशर्मी से ऐसा करता था। जब मेरी भांजी ने एक मशहूर ड्रामा ट्रूप (नाटक मंडली) के साथ छोटी-सी भूमिका निभाई, तब बेहतर एंगल से उसकी तस्वीरें खींचने के लिए मैंने ऐसा ही किया।
आज परिस्थिति बदल गई है। महामारी के दिनों में नाटकों की मोबाइल या टीवी पर लाइव स्ट्रीमिंग हो रही है। लेकिन आप सिर्फ उस एंगल से देख पाते हैं, जो डायरेक्टर ने चुना है। आप मंच के बायीं या दायीं ओर खड़े व्यक्ति को देखने या दर्शकों पर एक नजर डालने का विकल्प नहीं चुन सकते। आप सिर्फ वही देख पाते हैं, जिस पर मुख्य कैमरे का फोकस होता है।
लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। मशहूर ब्रिटिश अभिनेता, नाटककार, निर्देशक और ब्रॉडकास्टर क्वामे क्वे-अर्माह ने महामारी के दौरान ‘बेस्ट सीट इन योर हाउस’ प्रोजेक्ट शुरू किया है। इस आइडिया में जरूरी नहीं कि दर्शक सिर्फ डायरेक्टर के लेंस से नाटक देखे, बल्कि आप मंच के अलग-अलग हिस्सों में रखे पांच अन्य कैमरों में से चुन सकते हैं। आपका मोबाइल या घर का टीवी आपको कैमरा-1 से लेकर कैमरा-5 तक का विकल्प देगा और छठवां कैमरा डायरेक्टर का होगा। आप स्क्रीन के नीचे बने जिस कैमरे के बटन को चुनेंगे, वह डिवाइस की पूरी स्क्रीन पर दिखने लगेगा। यह नवाचार टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से जुड़ा है और बेशक लाइव थियेटर की जगह नहीं लेगा। अर्माह कहते हैं कि लोगों तक पहुंच और लाइव के आनंद में फिलहाल नई परिस्थितियों में जीत उपलब्धता की ही हो रही है।
यंग विक नामक ड्रामा कंपनी 1946 में शुरू हुई थी। यह दुनिया को देखने का नजरिया बदलने से जुड़ी कहानियों के लिए जानी जाती है। अर्माह 2018 से इसके आर्टिस्टिक डायरेक्टर हैं। वे मानते हैं कि थियेटर को भी उन चीजों में शामिल करना चाहिए जो महामारी के बाद भी सामान्य नहीं हो पाएंगी। इस तरह उन्होंने ‘बेस्ट सीट…’ की खोज की ताकि हर दर्शक अपने घर के आराम में नाटक का अनुभव ले पाए, वह भी पसंद की सीट (एंगल) से।
यहां देश में निर्देशक कुणाल कोहली का उदाहरण देखें। रामानंद सागर की रामायण के पुन: प्रसारण के कुछ महीने बाद ही अब कोहली ‘रामयुग’ के जरिए ये महागाथा फिर पेश कर रहे हैं। कहानी को पहले बतौर फिल्म दो भाग में दिखाने की योजना थी, लेकिन मौजूदा परिस्थिति देखते हुए इसे वेबसीरीज में बदला गया है। कोहली का दावा है कि इसके दृश्य अलग तरह का अनुभव प्रदान करेंगे।
याद रखें कि किसी भी कंटेंट निर्माता का लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा दर्शकों तक पहुंचना होता है। अगर वे घर पर हैं और नाटक या फिल्म देखने थियेटर नहीं आ सकते, तो दर्शकों की सुविधानुसार कंटेंट डिजाइन करना होगा। महामारी ने थियेटर के लिए डिजिटल पहुंच को विस्तार दिया है और फिलहाल इससे पीछे नहीं हट सकते।
फंडा यह है कि अगर आप कला, नाटक, नृत्य, संगीत आदि से जुड़े हैं, तो यह सोचें कि कंटेंट घर तक कैसे पहुंचा सकते हैं क्योंकि हमें नहीं पता कि दर्शक थियेटर्स में कब लौटेंगे।

Be the Best Student
Build rock solid attitude with other life skills.
05/09/21 - 11/09/21
Two Batches
Batch 1 - For all adults (18+ Yrs)
Batch 2 - For all minors (below 18 Yrs)
Duration - 14hrs (120m per day)
Investment - Rs. 2500/-

MBA
( Maximize Business Achievement )
in 5 Days
30/08/21 - 03/09/21
Free Introductory briefing session
Batch 1 - For all adults
Duration - 7.5hrs (90m per day)
Investment - Rs. 7500/-

Goal Setting
A proven, step-by-step workshop for setting and achieving goals.
01/10/21 - 04/10/21
Two Batches
Batch 1 - For all adults (18+ Yrs)
Batch 2 - Age group (13 to 18 Yrs)
Duration - 10hrs (60m per day)
Investment - Rs. 1300/-