दैनिक भास्कर - मैनजमेंट फ़ंडा
एन. रघुरामन, मैनजमेंट गुरु
जीवन में अवसरों को आकर्षित करें
Aug 3, 2021
जीवन में अवसरों को आकर्षित करें
जिंदगी हमारे विचारों के प्रभावशाली पैटर्न से तालमेल बैठा लेती है। आप जो चाहते हैं, उसे ही पाते हैं। आप वही देखते हैं, जो देखना चाहते हैं, वही बन जाते हैं, जिसके बारे में दिनभर सोचते हैं। आप अगर अपनी परछाईं पर ध्यान देंगे तो सूरज नहीं देख पाएंगे। आप जो हैं, सिर्फ उसे न देखें, आप जो बनेंगे उसकी भी कल्पना करें। आपको जो चाहिए वह पहले ही आपके इंतजार में है। आपको उसे जीवन में आकर्षित करना होगा। संक्षेप में अपने अंदर की उस छोटी-सी आवाज पर विश्वास करें, जो बताने की कोशिश कर रही है कि ‘आपके सामने जो लक्ष्य है, वह कभी भी आपके अंदर की शक्ति से बड़ा नहीं हो सकता।’
मेरा यकीन न हो तो पुणे के संगीत शिक्षक संदीप रानाडे से पूछें, जिन्होंने ऐसा ऐप बनाया है, जो संगीत में कमजोर छात्रों की ही नहीं, दिव्यांगों की भी सही सुर पकड़ने में मदद करता है।
शिक्षक, खासतौर पर कोचिंग क्लास में, अच्छे बच्चों पर ज्यादा ध्यान देते हैं, जिससे उनकी क्लास मशहूर हो, लेकिन वे शायद ही कभी कम अंक वाले बच्चों पर मेहनत करते हैं। ऐसा नहीं है कि वे इन्हें नजरअंदाज करते हैं। लेकिन कभी ऐसा नहीं सुना कि छात्र 5% से 80% अंकों पर पहुंच गए हों। पर संदीप ने ऐसी सफलता पाई है।
बतौर संगीत शिक्षक और क्लासिकल गायक संदीप के लिए सुर महत्वपूर्ण थे। इसलिए जब उनका एक छात्र कुछ सुर सही लगाने में बार-बार असफल हो रहा था, तब वे महीनों इसपर दु:खी रहे। फिर उन्हें अहसास हुआ कि यह ‘कहीं बड़ी समस्या को दर्शा’ रहा था।
उन्होंने ऐसा ऐप बनाने की सोची जो सही सुर लगाने में मदद करे। उन्हें एक इंस्ट्रूमेंट की जरूरत थी, जो इंसानों की तरह चिढ़े बिना छात्रों को बताए, ‘आपका सुर यहां जरा नीचे था, वहां जरा ऊंचा’। चूंकि पंडित जसराज के इस शिष्य को ऐसा कोई ऐप नहीं मिला जो उनकी जरूरत के नजदीक भी हो, इसलिए मोबाइल ऐप बनाने की जानकारी न होने के बावजूद उन्होंने ऐप डिजाइन किया।
शुरुआत के लिए उन्होंने मानवीय गुणों के आधार पर मॉड्यूल बनाया, जिससे ऐप गायक के मूड के अनुसार एडजस्ट करे। इसके लिए उन्होंने कुछ सैंपल वाद्ययंत्रों से कुछ संगीत निकाला। धीरे-धीरे उन्होंने स्वरमंडल, तानपुरा, सुप्रेती, हारमोनियम, पियानो, वायलिन, तबला जैसे 10 वाद्ययंत्र शामिल किए। उन्हें ऐप बनाने में साढ़े तीन साल लगे। फिर उन्होंने ऐप का वर्जन एक छात्रा को दिया। वह दो हफ्तों में 5% अंक से लगातार 80% तक पहुंच गई। तब संदीप ने सोचा कि ऐप और लोगों की भी मदद कर सकता है। उन्होंने ऐप को ‘नादसाधना’ नाम दिया और ऐप स्टोर पर डाल दिया।
इस साल जून में उनके ऐप को म्यूजिक, टेक्नोलॉजी और डिजाइन में इनोवेशन के लिए एपल डिजाइन अवॉर्ड मिला। उन्होंने पखावज, घटं, गिटार, कॉन्गो, बॉन्गो, इंटेलिजेंट ड्रम्स जैसे अन्य वाद्ययंत्र ऐप में जोड़ दिए हैं। फिलहाल ऐप 150 रागों को सपोर्ट करता है।
उन्हें ऐप बनाने का सबसे संतोषजनक पहलू तब मिला, जब उन्होंने इसे दिव्यांगों के लिए भी उपयोगी बनाया। एक दिन, दृष्टिबाधित वकील अमर जैन ने उन्हें ईमेल किया कि वे ऐप इस्तेमाल नहीं कर सकते क्योंकि यह उन जैसे लोगों के लिए सुलभ नहीं है। फिर संदीप ने महीनेभर सोचकर और आंखों पर पट्टी बांधकर टेस्टिंग की और ऑडिटरी तथा विजुअल क्यू जैसे फीचर जोड़े, जो दिव्यांगों का मार्गदर्शन कर सकें।
फंडा यह है सुबह उठते ही सबसे पहले यह विचार लाएं कि ‘मैं भारी संभावनाओं से बस एक महत्वपूर्ण खोज दूर हूं’। और इस विश्वास को सच कर दिखाएं।