दैनिक भास्कर - मैनजमेंट फ़ंडा
एन. रघुरामन, मैनजमेंट गुरु
तकनीक के सही इस्तेमाल से कई सामाजिक लाभ


July 23, 2021
तकनीक के सही इस्तेमाल से कई सामाजिक लाभ
पहला दृश्य: कल्पना कीजिए कि आप आधुनिक बाथरूम में शॉवर में नहा रहे हैं, जबकि वह वॉशबेसिन के पास खड़ी आपको देख रही है। नहीं, नहीं, नहीं, अपनी त्योरियां न चढ़ाएं। जरा आगे पढ़ें। कहीं से पिंग की आवाज आती है और वह मधुर आवाज में कहती है, ‘बॉस का मैसेज है- कहां हो, मुझे जल्द कॉल करो?’ आप कहते हैं, ‘क्या उन्हें मैसेज भेज सकती हो?’ वह कहती है, ‘जरूर, बताइए क्या भेजूं?’ आप कुछ पल सोचकर कहते हैं, ‘मैं नहा रहा हूं, जल्द कॉल करता हूं।’ वह कहती है, ‘ओके- मैं नहा रहा हूं, जल्द कॉल करता हूं - भेजने को तैयार है।’ आप ‘हां’ कहते हैं। वह कहती है, ‘हो गया।’ शॉवर से निकलकर, उसे हाथों में लेकर आप बाथरूम से बाहर आते हैं!
आईफोन असिस्टेंट ‘सीरी’ के साथ इस सामान्य संवाद से आपके जहन में कई नकारात्मक विचार आए होंगे। क्योंकि सीरी हमारे बारे में हमसे भी ज्यादा जानती है। न सिर्फ यह कि हम रोजाना कितना चलते हैं और हमारा ब्लड प्रेशर क्या है, बल्कि यह आपका चेहरा तथा फिंगर प्रिंट्स पहचानती है।
दूसरा दृश्य: आप नहीं चाहते कि बॉस बार-बार फोन करे, इसलिए मोबाइल बंद कर देते हैं। आप तेजी से ड्राइव कर ऑफिस जा रहे हैं क्योंकि देर हो चुकी है। आप देखते हैं कि सिग्नल रेड होने में तीन सेकंड बाकी हैं। आप इससे पहले ही निकलना चाहते हैं, इसलिए गति बढ़ा देते हैं। लेकिन कुछ सेकंड से चूक जाते हैं। लेकिन जब तक आप ऑफिस पहुंचकर मोबाइल चालू करते हैं, उसपर सिग्नल तोड़ने का चालान आ चुका होता है।
स्वागत है पुणे ट्रैफिक पुलिस के नए आइडिया ‘थर्ड आय’ में, जिसमें सोशल मीडिया यूजर शामिल हैं। इसके तहत तकनीक के जानकार नागरिक ‘क्लिक एंड सेंड’ अभियान के तहत नियमों का उल्लंघन करने वालों की तुरंत जानकारी दे सकते हैं और उन्हें जवाबदेह ठहरा सकते हैं। इसमें मोबाइल फोन कैमरा से कोई भी उल्लंघन की तस्वीर खींचकर महाराष्ट्र ट्रैफिक पुलिस की माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर डाल सकता है और गुप्त जानकारी वॉट्सएप नंबर पर भेज सकता है। अब तक पुणे के नागरिकों ने ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की 4,566 तस्वीरें और वीडियो भेजे और सभी उल्लंघनकर्ताओं पर कार्रवाई हुई। ट्रैफिक पुलिस को हर दिन औसतन 100-150 शिकायतें मिलीं। गौरतलब है कि ज्यादातर शिकायतें युवाओं ने कीं, जो शहर में बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था चाहते हैं।
तीसरा दृश्य: ऑफिस में आपको पता चलता है कि कैसे मोबाइल की मदद से जनजातीय इंफ्लूएंसर कोविड से लेकर बाल मजदूरी तक से लड़ रहे हैं। आदिवासी जनजागृति के संस्थापक अर्जुन पवारा (32) का महाराष्ट्र के नंदूरबर जिले के 200 गांवों में 45 जनजातीय युवाओं का नेटवर्क है। वे और उनकी टीम स्क्रिप्ट लिखने, एक्टिंग कर शूट करने और एडिट कर शॉर्ट फिल्म तथा डॉक्यूमेंट्री अपलोड करने में मोबाइल इस्तेमाल करते हैं, ताकि भेदभाव, साक्षरता, भ्रष्टाचार के मुद्दे उजागर कर सकें और समुदायों तथा स्थानीय प्राधिकरणों के बीच संवाद का जरिया बन सकें।
आमखेड़ी में कई मील दूर, पैदल चलकर पीने का पानी लाने वाली महिलाओं पर उनकी 15 मिनट की डॉक्यूमेंट्री पर 3.6 लाख व्यूज थे। इसे स्थानीय खंड विकास अधिकारी ने भी देखा और सरपंच को 6 बोरवेल खोदने का निर्देश दिया। जब हैंडअप काम नहीं करता, तो आदिवासी जनजागृति की मोबाइल-सेना ही आगे आती है।
फंडा यह है कि टेक्नोलॉजी के दो पहलू हैं। उस पर सही निर्भरता अच्छी है और इसे बाथरूम तक में ले जाने को मजबूर करने वाली, जरूरत से ज्यादा निर्भरता बुरी है।

Be the Best Student
Build rock solid attitude with other life skills.
05/09/21 - 11/09/21
Two Batches
Batch 1 - For all adults (18+ Yrs)
Batch 2 - For all minors (below 18 Yrs)
Duration - 14hrs (120m per day)
Investment - Rs. 2500/-

MBA
( Maximize Business Achievement )
in 5 Days
30/08/21 - 03/09/21
Free Introductory briefing session
Batch 1 - For all adults
Duration - 7.5hrs (90m per day)
Investment - Rs. 7500/-

Goal Setting
A proven, step-by-step workshop for setting and achieving goals.
01/10/21 - 04/10/21
Two Batches
Batch 1 - For all adults (18+ Yrs)
Batch 2 - Age group (13 to 18 Yrs)
Duration - 10hrs (60m per day)
Investment - Rs. 1300/-