दैनिक भास्कर - मैनजमेंट फ़ंडा
एन. रघुरामन, मैनजमेंट गुरु
दूसरों के लिए बिजनेस बनाना आपका बिजनेस हो सकता है
March 27, 2021
दूसरों के लिए बिजनेस बनाना आपका बिजनेस हो सकता है
आसपास देखेंगे तो पाएंगे कि बिजनेस करने के लिए कई प्लेटफॉर्म बनाए जा रहे हैं। वे दिन गए जब बड़ी कंपनियां बिजनेस बनाया करती थीं। नई पीढ़ी ऐसे प्लटेफॉर्म बना रही है, जिनपर सैकड़ों लोग अपने बिजनेस कर सकते हैं। कम से कम उन्हें अपने शौक को व्यापार में बदलने का मौका मिलता है। कुल मिलाकर दूसरों के लिए, खासतौर पर छोटे आंत्रप्रेन्योर के लिए अवसर पैदा करना उनका मुख्य बिजनेस है।
हाल ही में टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क ने ट्वीट में कहा कि उन्हें एट्सी कितना पसंद है। बस। नैसडैक में सूचित इस ई-कॉमर्स कंपनी के शेयर 8% बढ़ गए। यह हस्तनिर्मित अनोखे सामान बेचने का अमेरिकी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है। टेस्ला प्रमुख ने इसकी सराहना की क्योंकि यह विक्रेता द्वारा संचालित वर्कशॉप आयोजित करता है, जिससे दुनिया में कहीं से भी उनसे जुड़ने में मदद मिलती है। आश्चर्य नहीं कि एट्सी से लाखों स्टार्टअप और विक्रेता जुड़े हैं। और दिलचस्प है कि इस सिस्टम में कई महिला आंत्रप्रेन्योर भी हैं। इसे यह कहकर नकार न दें कि यह अमेरिकी प्लेटफॉर्म है, भारत के उभरते आंत्रप्रेन्योर्स के काम का नहीं है। इसमें भारत से 28 लाख सूचीबद्ध हैं। ज्वेलरी, क्लोदिंग और होम डेकोर लंबी फेहरिस्त का एक हिस्सा मात्र हैं।
लखनऊ की रुचि पुगलिया का उदाहरण देखें। वे नई मां और नवजातों के लिए आरामदेह कपड़े बेचती हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डिजाइन, अहमदाबाद की छात्रा रहीं रुचि पहले फिल्म उद्योग में काम करती थीं। उन्होंने लॉकडाउन से कुछ समय पहले अपना बिजनेस शुरू करने का फैसला लिया और अब तक 15 देशों में 20,000 उत्पाद बेच चुकी हैं। उनके ज्यादातर खरीदार यूरोप और अमेरिका से हैं। रुचि अकेली नहीं हैं, भारत में ऐसे सैकड़ों हैं, जो इस प्लेटफॉर्म के प्रशंसक हैं।
अगर आप सोचते हैं कि आपको बड़े सेटअप और भारी पैसे की जरूरत है, तो ग्रीन मैंगो की कहानी जाननी चाहिए। यह हमारी रोजमर्रा की जिंदगी के सबसे जरूरी कामों में मदद करता है। एक ही इलाके में दशकों रहने के बावजूद एक प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन या कारपेंटर खोजना मुश्किल काम होता है। ज्यादातर लोग अपने चौकीदार पर निर्भर रहते हैं। कल्पना कीजिए कि इन्हें अगर मोबाइल पर ढूंढ पाएं, वह भी अपने ही इलाके से।
हैदराबाद का ग्रीन मैंगो यही करता है। उनके पास ऊपर दी गई श्रेणियों के अलावा ब्यूटी पार्लर, ड्राय क्लीनर से लेकर स्पोर्ट्स ट्रेनर और मैकेनिक तक हैं। यूजर अपने इलाके के नाम और नंबर तलाशकर, रिव्यू पढ़कर सेवा प्रदाता को बुला सकते हैं। यह पुराने जमाने की डायरेक्टरी की तरह हैं, लेकिन आपके अपने इलाके की। इस दो साल पुराने प्लेटफॉर्म पर 35,000 से ज्यादा छोटे व्यापारी हैं। यह कंपनी उभरते महानगरों में बिजनेस करने को उत्सुक है, न कि मुंबई-दिल्ली जैसे शहरों में।
ग्रीन मैंगो की संस्थापक मैनहैटन की यास्मिना मैककार्टी और नंदनी नरुला का हैदराबाद में कोई संपर्क नहीं था। जब वे अपनी योजना लेकर हैदराबाद की सड़कों पर उतरीं और ऐसे आंत्रप्रेन्योर्स से मिली जिन्होंने बिजनेस में कभी कम्प्यूटर इस्तेमाल नहीं किया था, ज्यादातर को शंका हुई कि वे उनकी जानकारी इनकम टैक्स अधिकारियों से साझा करेंगी। आज ये दोनों इन लोगों की बिक्री कुछ हजार रुपए से बढ़ाने में मदद कर रही हैं।
फंडा यह है कि शानदार चीजें होती हैं, जब आप वास्तविक लोगों के साथ खरीद या बिक्री करते हैं। आप जान पाते हैं कि बतौर विक्रेता आपको उत्पाद कैसे बेहतर बनाना है, जिससे खरीदार को उनके पैसों का पूरा मोल मिले।