दैनिक भास्कर - मैनजमेंट फ़ंडा
एन. रघुरामन, मैनजमेंट गुरु
नैतिकता का पालन नहीं करेंगे तो नियमों की सख्ती बढ़ेगी


March 6, 2021
नैतिकता का पालन नहीं करेंगे तो नियमों की सख्ती बढ़ेगी
जब भी मैं एयरपोर्ट की स्क्रीनिंग मशीन में नियमित सुरक्षा जांच के लिए प्रवेश करता हूं, तो उस आदमी को जरूर कोसता हूं, जो बेंगलुरु में दो साल पहले बेल्ट में सिली गई जेब में कुछ प्रतिबंधित सामग्री लेकर जा रहा था। तब से सभी एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच में बेल्ट निकालना अनिवार्य कर दिया गया। मैंने सैकड़ों यात्रियों को एक हाथ से सरकते पैंट को संभालते और दूसरे हाथ को जांच के लिए ऊपर किए हुए देखा है। यकीन मानिए निकट भविष्य में भी यह नियम नहीं हटेगा, खासतौर पर सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंता के कारण।
मुझे यह तब याद आया, जब मुंबई पुलिस ने ओला, उबर जैसी आधुनिक ट्रांसपोर्ट कंपनियों और जोमैटो व स्वीगी जैसी फूड डिलिवरी कंपनियों पर 3.6 करोड़ रुपए के ई-चालान न भरने के कारण सख्ती का फैसला लिया। कुछ को छोड़कर, ऐसी ज्यादातर कंपनियां यह सोचकर अपने डिलिवरी पार्टनर्स को प्रशिक्षण नहीं देतीं कि न तो गाड़ी उनकी है और न ही गाड़ी चलाने वाले उनके कर्मचारी हैं। यकीन मानिए, अगर किसी भी कंपनी का ऐसा बेपरवाह रवैया रहता है, तो भविष्य में उन्हें ऐसे नियमों का सामना करना ही होगा, जो कंपनी के पूरे काम को प्रभावित कर सकते हैं। जैसे अभी ट्रैफिक पुलिस ने इन कंपनियों को भुगतान करने कहा है चूंकि गाड़ियां उनके नाम पर रजिस्टर्ड हैं।
ये दो उदाहरण देखें, जहां यूएई और लंदन में इस हफ्ते कुछ नियम लागू किए गए।
समय पर फोन और इंटरनेट का बिल चुकाना अब यूएई नागरिकों को और जरूरी हो गया है क्योंकि भुगतान में देर या बकाया होने पर न सिर्फ सेवा खत्म कर दी जाएगी बल्कि इसका असर उनके क्रेडिट स्कोर पर भी पड़ेगा। इस हफ्ते बुधवार को दो टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने इसकी घोषणा की। इन स्कोर और भुगतान व्यवहार के आधार पर ये कंपनियां लोगों या कंपनी की भविष्य में टेलीकॉम संबंधी सेवाएं पाने की क्षमता का आकलन करेंगी। इन दो ऑपरेटर्स के पास 90 लाख लोग और 6 लाख कंपनियां हैं। यह क्रेडिट स्कोर जरूरी है, जब नागरिक पर्सनल, ऑटो या होम लोन लेते हैं और बैंक क्रेडिट स्कोर के आधार पर अलग-अलग ब्याज दर देते हैं। बेहतर क्रेडिट स्कोर यानी कम ब्याज दर।
यहां नई व्यवस्था बन रही है, जहां बैंक, वित्तीय कंपनियां, टेलीकॉम ऑपरेटर, पानी तथा बिजली कंपनियां और ट्रैफिक उल्लंघनों के लिए जुर्माना लेने वाली अदालतें अपने-अपने चार्ट में पॉइंट भरेंगी, जिनसे क्रेडिट स्कोर बनेगा, जो सभी सेवा प्रदाताओं के लिए यह जानने का साधन बनेगा कि रहवासी और कंपनियां क्रेडिट के योग्य हैं या नहीं।
लंदन में उत्सर्जन कम करने के लिए गाड़ी चालकों को ट्रैफिक सिग्नलों पर इंजन बंद करने कहा गया है, भले ही वे 30 सेकंड के लिए रुकें। देश ने गाड़ियों के प्रदूषण के कारण होने वाली सालाना 40 हजार मौतों को गंभीरता से लिया है। कार के इंजन को 30 सेकंड के लिए चालू छोड़ने पर 48.3 मिलीग्राम कार्बन डायऑक्साइड पैदा होती है, जबकि इंजन बंद करके, 30 सेकंड में फिर चालू करने से 27.3 मिलीग्राम सीओटू पैदा होती है। ऐसे ड्राइवर, जो दुकान से कुछ सामान लेने के लिए यूं ही गाड़ी चालू छोड़ जाते हैं, उन्हें 80 पाउंड तक जुर्माना देना होगा। उत्सर्जन कम करने के लिए इंजन के फिजूल चालू रहने पर काफी ध्यान दिया जा रहा है।
फंडा यह है कि आधुनिकीकरण का यह अर्थ नहीं है कि देश के नियम तोड़े जाएं। आप कायदों को जितना तोड़ेंगे, दुनिया उतनी ही सख्त कानूनों और गैरजरूरी असुविधाओं की ओर बढ़ेगी।