दैनिक भास्कर - मैनजमेंट फ़ंडा
एन. रघुरामन, मैनजमेंट गुरु
भोजन अब हमारी जीवनशैली में सबसे जरूरी होगा


March 2, 2021
भोजन अब हमारी जीवनशैली में सबसे जरूरी होगा
जब कोरोना महामारी ने ज्यादातर राज्य और राष्ट्रीय सीमाएं बंद कर दीं, तो कई लोगों ने विभिन्न टिकाऊ विकल्पों के बारे में सोचा, जो भले ही कम लेकिन नियमित आय दे सकें, ताकि चूल्हा न बुझे। यहां तक कि पेशेवर वकील भी मुसीबत में पड़ गए चूंकि अदालतें बंद थीं। इसीलिए गोवा के अनूप कुदतरकर ने खेती करने का फैसला लिया। लेकिन कुछ अलग ढंग से।
उन्होंने न सिर्फ दो दशकों से खाली पड़ी करीब दो एकड़ पुश्तैनी जमीन को दूसरा जीवन दिया, बल्कि 18-37 साल की उम्र के कुछ ग्रामीणों को इकट्ठा किया और एक समूह रजिस्टर करवाकर सामुदायिक खेती शुरू की। खेती समुदाय बनाने वाले अनूप अकेले नहीं हैं, बल्कि केवल गोवा में ही दस समूहों ने सामुदायिक कृषि अपनाई और कृषि निदेशालय में पंजीकरण करवाया।
बीज बोने से लेकर सिंचाई, कटाई और बिक्री तक, कृषि में हर चरण मेहनत भरा होता है और इसमें विशेषज्ञता जरूरी है। यह अहसास होने पर कि कृषि क्षेत्र में नए लोग आ रहे हैं, तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय (टीएनएयू) ऐसी कई मशीनों पर काम कर रहा है, जो खेती के ज्यादातर कार्यों को खुद करने में किसानों की मदद करे। टीएनएयू ऐसी 50 मशीनें बना चुका है, जिन्हें उसके इंजीनियरिंग विभाग के छात्र वर्षों से बेहतर बना रहे हैं। विश्वविद्यालय ने मशीनों के व्यावसायिकरण के लिए इन्हें छोटे औद्योगिक संगठनों को दिया, ताकि ये ज्यादा लोगों तक पहुंचें।
अगर अनूप जैस लोग कृषि में लौट रहे हैं और टीएनएयू किसानों की जिंदगी आसान बनाने के लिए व्यावसायिक बाजार में मशीनों के साथ उतर रहा है, तो ऐसे स्थापित किसान भी हैं जो सब्जियां बेचने वाले बाजारों में हमारे लिए खास अनुभव देने वाले टूर आयोजित कर रहे हैं। तमिलनाडु के मदुरई स्थित येलो बैग फाउंडेशन के सह-संस्थापक कृष्णन सुब्रमनियन द्वारा तैयार टूर का उदाहरण देखें। यह लोगों को बताता है कि हम जो खाना खाते हैं, वह खेत से टेबल तक कैसे पहुंचता है।
मुझे एक घटना याद है, जिसमें मेरे एक कजिन के बेटे से उसके प्री-प्राइमरी स्कूल के इंटरव्यू में प्रिंसिपल ने पूछा कि ‘तुम्हें पता है सब्जियां कहां से आती हैं?’, तो उसने मजेदार जवाब दिया था। उसने पूरे आत्मविश्वास से कहा था, ‘हमारे किचन के फ्रिज से।’ और सभी ने इसपर ठहाका लगा दिया। उसने सोचा कि यह उसकी सराहना है, इसलिए उसने ‘थैंक यू’ भी कहा।
लेकिन इन किसानों ने टूर में माता-पिता के साथ आने वाले बच्चों को घर में स्वस्थ पौधे उगाना सिखाकर न सिर्फ जागरूकता बढ़ाई, बल्कि सब्जी-किराना की खरीदारी को थोड़ा मजेदार भी बनाया। उन्होंने किसानों के अलावा क्षेत्र के ऐसे लोगों को भी जोड़ा जो पर्यावरण के लिए कुछ कर रहे हैं। इन्होंने संवहनीय जीवनशैली, प्रकृति को प्रोत्साहन, सजग उपभोक्ता बनने, रचनात्मक ढंग से चीजों को फिर इस्तेमाल करने जैसे प्रयोग और अनुभव तथा स्थानीय इतिहास, संस्कृति, लोग और फसलों के बारे में जानकारी साझा कीं।
यह फॉर्मेट इस रविवार को हुए ऐसे पहले कार्यक्रम के लिए तैयार किया गया था। यह सिर्फ एक शॉपिंग फेस्टिवल नहीं था, बल्कि पर्यावरण की परवाह करने वाला बड़ा जिम्मेदार समुदाय बनाने का मौका था।
फंडा यह है कि बेहतर समाज के लिए स्वस्थ भोजन शुरुआत है और महामारी ने हमें यह सिखाया है। इसीलिए अब गुणवत्तापूर्ण खाना हमारी नई जीवनशैली का हिस्सा होगा और हम देखेंगे कि लोग आगे जाकर गर्व से बताएंगे कि उन्होंने क्या खाया!

Be the Best Student
Build rock solid attitude with other life skills.
05/09/21 - 11/09/21
Two Batches
Batch 1 - For all adults (18+ Yrs)
Batch 2 - For all minors (below 18 Yrs)
Duration - 14hrs (120m per day)
Investment - Rs. 2500/-

MBA
( Maximize Business Achievement )
in 5 Days
30/08/21 - 03/09/21
Free Introductory briefing session
Batch 1 - For all adults
Duration - 7.5hrs (90m per day)
Investment - Rs. 7500/-

Goal Setting
A proven, step-by-step workshop for setting and achieving goals.
01/10/21 - 04/10/21
Two Batches
Batch 1 - For all adults (18+ Yrs)
Batch 2 - Age group (13 to 18 Yrs)
Duration - 10hrs (60m per day)
Investment - Rs. 1300/-