दैनिक भास्कर - मैनजमेंट फ़ंडा
एन. रघुरामन, मैनजमेंट गुरु
सशक्त करने वाले आइडिया बड़ी समस्याएं सुलझाएंगे
May 1, 2021
सशक्त करने वाले आइडिया बड़ी समस्याएं सुलझाएंगे
अमेरिका में रह रही मेरी बहन हमारे फैमिली वाट्सएप ग्रुप पर रोजाना बताती है कि उसकी जिंदगी में क्या चल रहा है। पिछले चार दिनों से वह बता रही है कि उसका कोविड टेस्ट निगेटिव है। जब मैंने पूछा कि क्या रोज-रोज टेस्ट करवाने में परेशानी नहीं होती, तो उसने वीडियो कॉल कर दिखाया कि कैसे होम टेस्टिंग किट से रोज घर पर कोविड टेस्ट कर रही है। वह दोनों नथुनों में स्वाब (रुई वाली तीली) डालकर, उसे कुछ केमिकल में मिलाती है और 20 मिनट में इंडिकेटर स्ट्रिप पर नीली लाइन बन जाती है, जो निगेटिव होने की निशानी है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के सहयोग से अमेरिका के ग्रीनविले, नॉर्थ कैरोलिना और आसपास के इलाकों में 80 हजार परिवारों को 20 लाख होम टेस्ट किट मुफ्त बांटने का लक्ष्य रखा गया है। इससे लोग जून तक नियमित टेस्टिंग कर सकेंगे। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि लोगों को खुद टेस्टिंग के लिए प्रोत्साहित करना, भले ही वे अच्छा महसूस कर रहे हों, पूरे देश के लिए अच्छा है। एनआईएच को लगता है कि भारी टीकाकरण के बावजूद अमेरिकियों में टेस्टिंग लंबे समय तक चलेगी, कम से कम उन लोगों में जो सार्वजनिक सेवाओं से जुड़े हैं।
राष्ट्रपति बाइडेन ने बड़े स्तर पर टेस्टिंग के विस्तार के लिए 50 अरब डॉलर की घोषणा की है, जिसमें बड़े पैमाने पर मिनटों में नजीते देने वाले रैपिड टेस्ट बांटना, लैब क्षमता बढ़ाना और स्कूलों, सरकारी कार्यस्थलों तथा भीड़ वाली जगहों के लिए टेस्टिंग प्रोटोकॉल बनाना शामिल है। संक्षेप में अमेरिका को भरोसा है कि अगले कुछ हफ्तों में वहां भी टेस्टिंग हो जाएगी, जहां पहले नहीं हुई। होम कोविड टेस्ट किट अब उन सभी कर्मचारियों के लिए मुफ्त उपलब्ध हैं, जिन्हें नौकरी में जनता से मिलना पड़ता है। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि निकट भविष्य में अमेरिकी एक हफ्ते में कई बार टेस्ट करने में सक्षम होंगे।
याद रखें, आज ज्यादातर भारतीयों के पास ऑक्सीमीटर और अन्य टेस्टिंग उपकरण हैं, जो न सिर्फ ऑक्सीजन स्तर मापने में मदद करते हैं, जो कई घरों में प्रतिदिन तीन-तीन बार मापी जा रही है, बल्कि इन मशीनों ने हमें डॉक्टर के पास जाए बिना अपने स्वास्थ्य की स्थिति समझने में सक्षम किया है।
अब ‘डू इट योरसेल्फ’ (डीआईवाय यानी खुद से कुछ करना) अब जिंदगी के हर पहलू में मशहूर होने वाला है। दुनिया में मोटर परिवहन का उदाहरण देखें। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (आईईए) ने इस हफ्ते इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर अपनी पहली वैश्विक रिपोर्ट में कहा कि पिछले साल वैश्विक कार उद्योग में 16% की गिरावट लाने वाली ऑर्थिक मंदी के बावजूद, दुनियाभर में तीस लाख इलेक्ट्रिक कारें, वैन, ट्रक और बसें रजिस्टर हुईं। इससे धरती पर कुल एक करोड़ इलेक्ट्रिक गाड़ियां हो गई हैं। वर्ष 2021 की पहली तिमाही की बिक्री, 2020 की इसी अवधि की बिक्री से कहीं ज्यादा है और आईईए के मुताबिक 2030 तक करीब 23 करोड़ इलेक्ट्रिक गाड़ियों हो जाएंगी, जिनसे कार्बन उत्सर्जन कम होगा।
बिजली उत्पादन भी डीआईवाय श्रेणी में जा रहा है, जहां दुनिया में लोग बड़े पैमाने पर सोलर पैनल लगवा रहे हैं, जिससे सरकार पर बिजली आपूर्ति का दबाव कम हो रहा है।
फंडा यह है कि कोरोना हो या अन्य बड़ी वैश्विक समस्याएं, सरकार अकेले नहीं संभाल सकती है। इसलिए रचनात्मक उद्यमियों को डीआईवाय के निर्माण में लगना चाहिए, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और लंबी कतारों की समस्याएं हल हो सकें।