अपमान का आत्मविश्वास के साथ सामना करने के 7 सूत्र !!!
- Nirmal Bhatnagar
- Apr 11
- 4 min read
Apr 11, 2025
फिर भी ज़िंदगी हसीन है...

दोस्तों, ज़िंदगी कई बार आपका सामना ऐसे लोगों से करवा देती है जो किसी ना किसी बात को वजह बनाकर हमें अपमानित करने या नीचा दिखाने का प्रयास करते हैं। ऐसे समय में हमारे पास सामान्यतः दो विकल्प होते हैं। पहला, गुस्से में आकर प्रतिक्रिया देना और दूसरा, आत्मविश्वास और गरिमा के साथ स्थिति को सम्भालना। चूँकि पहले विकल्प के लिए अपनी ओर से कोई विशेष प्रयास या संयमित व्यवहार नहीं करना होता है, इसलिए अनजाने में लोग इसका प्रयोग करते ज्यादा नजर आते हैं। लेकिन अगर आप बेहतर और सम्मानजनक जीवन जीना चाहते हैं तो अपमानजनक व्यवहार का सामना करने के लिए आपको धैर्य और सूझबूझ की आवश्यकता होती है। आइए आज हम आत्मविश्वास के साथ अपमान का सामना करने के 7 सूत्र सीखते हैं-
पहला सूत्र : प्रश्न के साथ पलटवार करें
किसी के द्वारा अपमानित करने के प्रयास पर सीधे प्रतिक्रिया देने के स्थान पर पूर्ण आत्मविश्वास और गंभीरता के साथ प्रभावी प्रश्न पूछना सामने वाले को स्तब्ध कर सकता है। जैसे, आप सामने वाले को सोचने के लिए मजबूर करने के लिए उससे प्रश्न कर सकते हैं कि, “आप इस तरह के शब्द कहकर क्या हासिल करने की उम्मीद कर रहे थे? जरा स्पष्ट तौर पर बतायेंगे।” आपका सपाट प्रश्न सामने वाले को अपने शब्दों पर एक बार फिर गम्भीरता से सोचने के लिए मजबूर करेगा और आप अपनी गरिमा को बरकरार रखते हुए स्थिति को सम्भाल पाएँगे।
दूसरा सूत्र : 'डेथ स्टेयर' याने मौत के समान सन्नाटे से जवाब दें
कई बार शब्दों से ज़्यादा ताक़तवर चुप्पी होती है। इसीलिए एक चुप्पी को सौ जवाबों के बराबर बताया जाता है। जब भी कोई आपको अपमानित करने का प्रयास करता है तो उन्हें गहरी नजरों से आँखों में आँखें डालकर देखें और कुछ ना कहें। ऐसा करना उन्हें तमाम आशंकाओं से भर सकता है। ‘मौन निर्णय’ गलत व्यवहार को अस्वीकार करने का एक प्रभावशाली तरीक़ा माना जाता है और यह सामने वाले को इस बात का एहसास करवाने के लिए काफ़ी होता है कि उनका व्यवहार अनुचित था।
तीसरा सूत्र : शांत और संयमित रहें
कई बार लोग हमें गुस्सा दिलाकर अपना काम निकालने का प्रयास करते हैं। दूसरे शब्दों में कहूँ तो कई बार लोग हमारे गुस्से की परीक्षा भी लेते हैं। ऐसे में शांत रहकर, समझदारी से दी गई प्रतिक्रिया सबसे ज्यादा प्रभावी सिद्ध होती है। इसलिए गुस्सा दिलाने के उद्देश्य से अपमानित करने के प्रयास पर सीधे कहें, “मुझे क्षमा करें, मैं एक बार फिर सुनना चाहूँगा कि आपने क्या कहा? असल में, मैं सुनिश्चित करना चाहता हूँ कि मैंने आपको सही सुना है।” आपकी यह प्रतिक्रिया सामने वाले को स्पष्ट संकेत देगी कि आप किसी भी स्थिति में, कोई भी नकारात्मक टिप्पणी को हल्के में नहीं लेंगे, बल्कि स्पष्टता के साथ सीधा जवाब देंगे।
चौथा सूत्र : अपनी सीमा निर्धारित करें
किसी भी चीज को सहने की एक सीमा होती है, अपमान की भी। अगर कोई बार-बार आपका अपमान करने का प्रयास कर रहा है, तो उसे रोकने के लिए स्पष्ट संदेश देना आवश्यक हो जाता है। इसके लिए आपको स्पष्ट शब्दों में अपनी सीमा तय करना होगी और कहना होगा, “कृपया, मुझसे इस तरह से बात ना करें, अन्यथा मैं इसी वक्त यहाँ से चला जाऊँगा!” ऐसा कहना सामने वाले को स्पष्ट संदेश देता है कि आप सम्मान से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे।
पाँचवाँ सूत्र : बातचीत को रोक दें
स्पष्ट तौर पर कहने के बाद भी अगर कोई आपके सम्मान को ठेस पहुँचाने का प्रयास कर रहा है तो बेहतर यही है कि बातचीत को बीच में ही रोक दिया जाये। इसके लिए आप सामने वाले से स्पष्ट शब्दों में कह सकते हैं कि “जब आप मुझसे सम्मान से बात करने के लिए तैयार हों, तब मुझसे संपर्क कर लीजियेगा। अभी बात को यहीं ख़त्म करना बेहतर होगा।” यह न केवल आपकी गरिमा को बनाए रखता है बल्कि सामने वाले को यह भी समझाता है कि उनका अपमानजनक व्यवहार आपको स्वीकार्य नहीं है।
छठा सूत्र : सख़्त रवैया अपनाएँ और स्पष्ट कहें
अगर कोई व्यक्ति बार-बार अपमान कर रहा है तो ग़लत व्यवहार सहने के स्थान पर उसे स्पष्ट शब्दों में कहना एक बेहतर विकल्प है। आप ऐसी स्थिति में स्पष्ट कह सकते हैं कि “मैं एक बात साफ कर दूँ कि आपका यह व्यवहार मुझे बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। मुझसे फिर कभी इस तरह बात मत करना!” यकीन मानियेगा, यह स्पष्टता सामने वाले को आपकी सीमाओं का सम्मान करने के लिए मजबूर करेगी।
सातवां सूत्र : शालीनता से जवाब दें
कभी-कभी अपमानजनक माहौल को नजरंदाज करते हुए शालीनता से बस चले जाना, एक बेहतरीन विकल्प होता है। अर्थात् अगर कोई अपमानजनक शब्द कह रहा हो तो मुस्कुराएँ या अपना सर हिलाएँ और वहाँ से चले जाएँ। कुछ कहने की जरूरत महसूस कर रहे हों तो अधिकतम “धन्यवाद” कहें और वहाँ से चले जाएँ। याद रखियेगा, जब आप शांति और गरिमा के साथ प्रतिक्रिया देते हैं, तो यह सामने वाले के अहंकार को चुनौती देता है और आप खुद को मानसिक रूप से मजबूत बनाए रखते हैं।
अंत में दोस्तों, मैं सिर्फ़ इतना कहना चाहूँगा कि अपमान का आत्मविश्वास के साथ सामना करना एक कला है, जिसमें संयम, बुद्धिमत्ता और गरिमा की आवश्यकता होती है। हर परिस्थिति में क्रोधित या आहत होने के बजाय, समझदारी से प्रतिक्रिया देना अधिक प्रभावी होता है। आपकी प्रतिक्रिया न केवल आपके आत्म-सम्मान की रक्षा करेगी, बल्कि सामने वाले को यह अहसास भी कराएगी कि अपमान करना एक गलत व्यवहार है।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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