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  • Writer's pictureNirmal Bhatnagar

आत्मबल का मज़बूत होना है ज़रूरी…

Updated: Jul 8, 2023

July 2, 2023

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, इस दुनिया में सदैव अपनों द्वारा ही अपनों को सताया जाता है। अगर सहमत ना हों तो ज़रा सा जीवन में पलट कर देख लीजिए, आप पाएँगे जब भी धोखा मिला है, वह अपनों से ही मिला है। याने किसी को अपना मान विश्वास करने पर ही विश्वासघात हुआ है। असल में यह प्रकृति के एक नियम के तहत होता है, यहाँ याने इस दुनिया में सदैव दुर्बल को ही सताया जाता है। याने अगर कोई आपको दुर्बल मान रहा है तो इस बात की सम्भावना बहुत अधिक है कि आपको उसके द्वारा परेशान, प्रताड़ित या सताया जा सकता है और इसके ठीक विपरीत अगर आप बलवान हैं तो आपको ग़लत होने के बाद भी उन्हीं लोगों द्वारा छोड़ दिया जाता है। वैसे दोस्तों, उपरोक्त बात हमारे इस शो के नज़रिए से उचित नहीं है लेकिन फिर भी कहीं ना कहीं सच प्रतीत होती है। इसलिए उदाहरण पर मत जाइएगा बस मूल बात समझने का प्रयास कीजिएगा। अगर आप इस दुनिया में अच्छे से खुल कर जीना चाहते हैं तो अपने आत्मबल को मज़बूत बनाइए क्योंकि अगर आत्मबल कमजोर होगा तो आपको अपने लोगों, दुनिया या इस जीवन द्वारा प्रताड़ित किया जा सकता है।


यही स्थिति दोस्तों, दुःख के विषय में भी सही प्रतीत होती है। याने दुखों का लेना-देना भी कहीं ना कहीं आपके आत्मबल से जुड़ा महसूस होता है। आपने अपने जीवन में कभी ना कभी महसूस किया ही होगा कि जितना हमने दुखों से भागने का प्रयास किया है, दुःख उतना ही ज़्यादा हमारे ऊपर हावी होते गए हैं और जब-जब हमने पूरे आत्मबल के साथ उसका सामना किया है, ईश्वर ने हमें उससे पार पाने का रास्ता दिखाया है। इसीलिए स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था, ‘दुःख बंदर के समान होते हैं, जो पीठ दिखाने पर पीछा किया करते हैं और सामना करने पर भाग जाते हैं।’


जी हाँ दोस्तों, इस जीवन को खुल कर जीने के लिए आत्मबल का मज़बूत होना बहुत आवश्यक है। अन्यथा यह जीवन दुःख, अनिश्चितता और परेशानी का घर बन कर रह जाएगा। अगर आप इस अनचाही स्थिति से बचना चाहते हैं तो मेरा सुझाव है कि सबसे पहले अपने नज़रिए को सही बनाएँ क्योंकि आत्मबल को मज़बूत बनाने की पहली और सबसे प्रमुख आवश्यकता है, सही नज़रिए को विकसित करना। सही नज़रिए का विकास सही सोच के साथ होता है और सही सोच बनेगी सही विचार के साथ। इसका सीधा-सीधा अर्थ हुआ, अगर हम अपने विचारों के प्रति सजग रहना शुरू कर दें तो सही नज़रिया विकसित किया जा सकता है। जैसे, समस्या से परेशान होने के स्थान पर यह सोचना कि जिस तरह आज तक किसी ऐसे ताले का अविष्कार नहीं हुआ है, जिसकी कोई चाबी ना हो। ठीक उसी तरह आजतक कोई ऐसी समस्या नहीं बनी है, जिसका समाधान ना हो।


जब आप इस नज़रिए के साथ जीते हैं कि हर समस्या का कोई ना कोई समाधान तो होता है, तो आप जीवन में आने वाली समस्याओं को चुनौतियाँ मान कर स्वीकार करते हैं और उनका डटकर सामना करते हैं। ऐसा करना आपके नज़रिए को बेहतर बनाता है और आपको विश्वास दिलाता है कि जीवन में आने वाली समस्या मुक़ाबला करने से दूर होती है, मुकरने से नहीं। याने भागना किसी समस्या का समाधान नहीं है, अपितु जागकर उसका सामना करना ज़रूर उस समस्या का समाधान है।


उपरोक्त आधार पर कहा जाए साथियों, तो जीवन में सही सोच का होना सबसे महत्वपूर्ण है। सही सोच ही बीतते समय के साथ आपके आत्मबल को मज़बूत बनाती है। मज़बूत आत्मबल आपको जीवन में आने वाली सभी चुनौतियों, परेशानियों और दिक्कतों का सामना ईश्वर प्रदत्त शक्तियों के साथ करने का हौसला देता हैं, जो अंततः आपको विजेता बनाता है और आप अपने जीवन को पूर्णता के साथ जी पाते हैं।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर


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