आराम कीजिए, मुस्कुराइए और खुद का ख्याल रखिए…
- Nirmal Bhatnagar
- Apr 20
- 4 min read
Apr 20, 2025
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में हर कोई सफलता की दौड़ में शामिल है। काम का दबाव, निजी ज़िम्मेदारियाँ और सोशल मीडिया की तुलना; ये सभी हमें अंदर से थका देते हैं। ज़्यादा मेहनत करने की होड़ में हम अपने शरीर और मन की वास्तविक ज़रूरतें नज़रअंदाज़ कर देते हैं। जिसका नतीजा, थकावट, तनाव और कभी-कभी बर्नआउट के रूप में हमारे सामने आता है। जिससे पार पाना आसान नहीं होता या यह कहना बेहतर होगा कि सामान्यतः इससे पार पाना हम जानते ही नहीं हैं। इसीलिए सिर्फ़ एक अच्छी नींद से इसे जीतने का प्रयास करते हैं, जो संभव नहीं है। इसके लिए तो हमें आराम के सात अलग-अलग रूपों की ज़रूरत होती है ताकि हम फिर से ऊर्जा से भर सकें। आइए, आज हम यह जानने का प्रयास करते हैं कि यह 7 प्रकार के आराम क्या हैं और इन्हें अपनाकर हम अपने जीवन में किस तरह संतुलन ला सकते हैं।
1) शारीरिक आराम याने फिजिकल रेस्ट
रोजमर्रा की भागदौड़ का सबसे पहला असर हमारे शरीर पर पड़ता है और हम लगातार थका हुआ महसूस करने लगते हैं। इसके साथ ही हमें मांसपेशियों में खिंचाव या दर्द महसूस होने लगता है और शारीरिक ऊर्जा ख़त्म सी प्रतीत होने लगती है। यह स्थिति इस बात का संकेत है कि आपको शारीरिक आराम चाहिए। शारीरिक आराम के लिए आप सक्रिय और निष्क्रिय आराम की तकनीक आजमा सकते हैं। निष्क्रिय आराम याने प्रतिदिन रात को 7-8 घंटे की नींद लेना और जरूरत महसूस होने पर दिन में झपकी लेना और सक्रिय आराम याने योग, प्राणायाम करना या मसाज लेना।
2) मानसिक आराम याने मेंटल रेस्ट
कई बार लगातार सोचते रहने या किसी विषय पर लगातार योजना बनाते रहने के कारण हम मानसिक तनाव या दबाव का अनुभव करते हैं और स्वयं को नई बातों को सोचने और समझने में अक्षम पाते हैं और छोटी-छोटी बातों पर चिढ़ना शुरू कर देते हैं। यह मानसिक थकान का संकेत है। इससे बचने के लिए आप प्रतिदिन बिना किसी रुकावट के गहन कार्य के लिए समय निर्धारित करें। मौक़ा मिलने पर सुकून देने वाला संगीत सुनें और ध्यान और मेडिटेशन का अभ्यास करें।
3) भावनात्मक आराम याने इमोशनल रेस्ट
अक्सर हम दूसरों को खुश करने के प्रयास में खुद को याने ख़ुद की प्राथमिकताओं और लक्ष्यों को भूल जाते हैं और सामने वाले से भी ऐसे ही व्यवहार की अपेक्षा करने लगते हैं। लेकिन जब ऐसा होता नहीं है तब हम दूसरों के व्यवहार को नकारात्मक मान परेशान होने लगते हैं। यह हमारे अंदर अनावश्यक चिंता, घबराहट और बेचैनी पैदा करता है जो अंततः हमारे अंदर आत्म-संदेह और असुरक्षा की भावना को बढ़ा देता है। इससे बचने के लिए अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त करना शुरू करें और दूसरों से अपनी तुलना करने से बचें। साथ ही खुद को दोष देना बंद करें और नकारात्मक ऊर्जा वाले लोगों से दूरी बनाएं। अगर इसके बाद भी आप भावनात्मक रूप से ख़ुद को असुरक्षित पाते हैं तो विशेषज्ञों से थेरेपी लें।
4) आध्यात्मिक आराम याने स्पिरिचुअल रेस्ट
कई बार हम अपने अंदर जीवन के उद्देश्य को लेकर उलझन, खालीपन या मायूसी का अनुभव करते हैं। यह स्थिति हमारे अंदर आत्म-प्रेरणा और जीवन के प्रति संतोष की कमी का एहसास कराती है। यह इस बात का संकेत होता है कि हमें आध्यात्मिक आराम की जरूरत है। इस आराम के लिए आप ख़ुद को उद्देश्यपूर्ण या समाजसेवा के कार्यों से जोड़ सकते हैं। इसके साथ ही प्रतिदिन कृतज्ञता का अभ्यास करें और धार्मिक या आध्यात्मिक कार्यक्रमों में शामिल हों।
5) सामाजिक आराम याने सोशल रेस्ट
अगर आपको अकेलापन महसूस होता है और आप परिवार और दोस्तों से अलगाव महसूस करते हैं। लोगों से मिलने या उनके साथ समय बिताने में आपको थकान महसूस होती है तो यह इस बात का संकेत है कि आपको सामाजिक आराम याने सोशल रेस्ट की जरूरत है। इसके लिए सकारात्मक लोगों से जुड़ें, ऐसे रिश्तों में समय बिताएं जो आपको ऊर्जा देते हों और साथ ही ‘ना’ कहना सीखें। समान विचारधारा वाले लोगों के क्लब या ग्रुप में शामिल होना भी इसमें लाभ देता है।
6) संवेदी आराम याने सेंसरी रेस्ट
स्क्रीन टाइम, शोर या रोशनी से परेशान होना इस थकान का हिस्सा है। इस आराम को लेने के लिए शांत वातावरण में कुछ समय बिताएं और डिजिटल डिटॉक्स करें। इस आराम के लिए कुछ समय के लिए आंखें बंद करके विश्राम करना भी लाभदायक रहता है।
7) रचनात्मक आराम याने क्रिएटिव रेस्ट
जब दिन भर में ख़ुद के लिए समय निकालना आपको मुश्किल लगने लगे और आप कुछ नया सोचने या प्रकृति का आनंद लेने में ख़ुद को अक्षम पायें तो यह इस बात का संकेत है कि आपको रचनात्मक आराम की जरूरत है। इस आराम के लिए आप काम के दौरान छोटे ब्रेक लेना शुरू कर सकते हैं। साल में एक बार छुट्टी लेकर प्राकृतिक स्थानों पर घूमने जा सकते हैं। किताब पढ़ना, गाना गाना, डांस करना या अपनी हॉबी के लिए समय निकालना भी इसमें मदद करता है।
निष्कर्ष
अंत में इतना ही कहना चाहूँगा कि पूर्ण आराम के लिए सिर्फ नींद लेना ही पर्याप्त नहीं है। अर्थात् तनाव और बर्नआउट से बचने के लिए आपको अपनी थकान की जड़ तक जाना होगा और यह समझना होगा कि किस प्रकार का आराम उसे फिर से ऊर्जा से भर सकता है। अगर आप इन 7 प्रकार के आराम को अपनी दिनचर्या में शामिल करेंगे तो यह आपके मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगा। जब आप अपने शरीर और मन को पूरा आराम देंगे, तो आप जीवन में ज्यादा खुश, ऊर्जावान और उत्पादक महसूस करेंगे।
तो दोस्तों अगली बार जब आप थका हुआ महसूस करें, तो यह जानने की कोशिश करें कि आपके शरीर और मन को किस प्रकार के आराम की आवश्यकता है और उसी के अनुसार खुद को रिचार्ज करें।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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