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  • Writer's pictureNirmal Bhatnagar

क्षमा की शक्ति !!!

Sep 22, 2022

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

‘मैं तुम्हारे सर पर हाथ रख कर क़सम खाता हूँ कि मैं उसे छोड़ूँगा नहीं!’, पुरानी ऐक्शन फ़िल्मों में का यह डायलॉग आज मुझे उस वक्त याद आ गया जब काउन्सलिंग के लिए मेरे पास आए सज्जन ने मुझे बताया कि वे अपने माता-पिता से मिलने अपने घर सिर्फ़ इसलिए नहीं जाते हैं क्यूँकि उन्होंने बचपन में उन्हें बिना गलती के ही सजा दे दी थी। उनका मानना है कि जब माता-पिता को उनकी बात पर विश्वास ही नहीं है तो फिर दिखाने के लिए रिश्ता रखने से क्या फ़ायदा? उनकी बात सुन मैं तो यही नहीं समझ पा रहा था कि वे अपने माता-पिता को सजा दे रहे हैं या फिर खुद को?


ऐसा ही कुछ अक्सर व्यवसायिक रिश्तों में भी देखा जाता है जहाँ कार्यालयीन माहौल में हुई ग़लतियों को भी लोग व्यक्तिगत मान अपने रिश्तों को जीवन भर के लिए ख़राब कर लेते हैं और जीवन भर के लिए अपने अंदर नकारात्मकता इकट्ठा कर लेते हैं। दोस्तों, अगर आप अपनी पूरी ऊर्जा का प्रयोग अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए करना चाहते हैं तो आपको लोगों की ग़लतियों को माफ़ करना सीखना होगा। इसलिए नहीं कि आप महान हैं बल्कि इसलिए की आप शांति के साथ अपना जीवन जीना चाहते हैं।


वैसे भी दोस्तों, क्षमा सबसे प्रमुख और आवश्यक मानवीय गुणों में से एक है। इसीलिए तो कहा गया है, ‘क्षमा वीरस्य भूषणं’ अर्थात् क्षमा वीरों या साहसी लोगों का गहना या आभूषण है। इतना ही नहीं क्षमा के संदर्भ में तो यह भी कहा गया है कि ‘क्षमा वाणीस्य भूषणं’ अर्थात् क्षमा वाणी का आभूषण है। हो सकता है आपको लगता हो कि लातों के भूत बातों से नहीं मानते अर्थात् कई लोगों को बिना दंड दिए समझाया नहीं जा सकता है। यह सही है कि किसी को दंडित करना या डाँटना आपके बाहुबल को दर्शाता है। लेकिन हमारे शास्त्र ऐसा नहीं मानते।


हमारे शास्त्रों में तो कहा गया है कि, ‘बलवान वो नहीं है जो किसी को दंड देने का साहस रखता हो, अपितु बलवान तो वो है जो किसी को क्षमा करने का सामर्थ्य रखता हो।’ वैसे भी दोस्तों, देखा जाए तो दंड देना जहाँ सामने वाले के मन में नकारात्मक भाव जगाता है वहीं क्षमा करना आपको प्रिय बनाता है। इसीलिए तो कहा गया है, ‘अगर आप क्षमा करने का साहस रखते हैं तो सच मानिए आप एक शक्तिशाली सम्पदा के धनी है और इसीलिए लोग आपको पसंद करते हैं।’


दोस्तों, मेरी बात को थोड़ा सा गहराई से सोचकर देखिएगा, आज हमारे जीवन में ज़्यादातर नकारात्मक भाव लोगों को क्षमा ना कर पाने की वजह से हैं। ज़्यादातर परिवारों में अशांति और क्लेश के पीछे भी प्रमुख वजह आपस में एक दूसरे को माफ़ ना कर पाना है। बढ़ते अहम् और ‘मैं सब जानता हूँ’ के वहम की वजह से हमारे जीवन से क्षमा का गुण और ज़ुबान से क्षमा लगभग ग़ायब सा हो गया है।


दोस्तों, अगर आप अपने दिल व मन को अनावश्यक दबाव और भार से बचाना चाहते हैं तो दूसरों को क्षमा करने की आदत अपने अंदर विकसित करें। ऐसा करना आपको जीवन की आधी से ज़्यादा परेशानियों या दिक्कतों से बचा लेगा। जी हाँ दोस्तों, यक़ीन मानिएगा क्षमा की शक्ति वाक़ई इतना दम रखती है। क्षमा करना सीखना आपको स्वतः ही कई समस्याओं से बचा लेता है या उनका निदान हमेशा के लिए कर देता है।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

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