जीवन में दृष्टिकोण का महत्व…
- Nirmal Bhatnagar
- Apr 7
- 3 min read
Apr 7, 2025
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

आइए दोस्तों, आज के लेख की शुरुआत हम जीवन में दृष्टिकोण याने पर्सपेक्टिव के महत्व को दर्शाने वाली एक ऐसी प्रेरणादायक कथा से करते हैं, जो निश्चित तौर पर हमारे जीवन को एक नई दिशा दे सकती है। कथा प्राचीनकाल के एक गुरुकुल से शुरू होती है जहाँ अन्य छात्रों के साथ दो प्रतिभाशाली बालक अध्ययन कर रहे थे। दोनों बालक पढ़ाई में अच्छे होने के साथ-साथ अच्छे मित्र भी थे। एक दिन आचार्य उन्हें प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव कराने के लिए एक सुंदर बाग में ले गए। वहां उन्होंने एक रोचक दृश्य देखा, एक बालक आम के पेड़ पर डंडा मारकर फल तोड़ रहा था। आचार्य ने दोनों शिष्यों के दृष्टिकोण को परखने के उद्देश्य से उन्हें इस दृश्य के बारे में अपनी राय बताने के लिए कहा।
गुरु के प्रश्न को सुन पहला बालक बोला, ‘गुरुदेव, इससे हमें यह सीख मिलती है कि इस दुनिया में कुछ भी सरलता से नहीं मिलता। जिस प्रकार आम के पेड़ से फल प्राप्त करने के लिए बालक को डंडा मारना पड़ा, उसी प्रकार मनुष्यों को भी कार्य कराने के लिए कठोरता अपनानी पड़ती है। बिना दबाव के लोग कुछ करने को तैयार नहीं होते।’
अब बारी दूसरे शिष्य की थी जिसका दृष्टिकोण पहले वाले बालक से पूरी तरह भिन्न था। उसने कहा, ‘गुरुदेव, मेरी सोच इससे अलग है। मैंने देखा कि पेड़ ने डंडे की मार खाई, फिर भी उसने मीठे और स्वादिष्ट फल प्रदान किए। यह हमें सिखाता है कि हमें जीवन में कितनी भी कठिनाइयों का सामना करना पड़े, फिर भी हमें दूसरों के प्रति दयालु और उदार बने रहना चाहिए। दूसरों के कड़वे व्यवहार के बदले हमें सदा मधुरता और विनम्रता का परिचय देना चाहिए।’
दोनों शिष्यों की बात ध्यानपूर्वक सुनने के पश्चात आचार्य मुस्कुराते हुए बोले, ‘वत्स! यह घटना हमें सिखाती है कि जीवन में हर परिस्थिति को देखने का नजरिया ही हमारे अनुभव को परिभाषित करता है। एक ही घटना को दो लोग दो अलग दृष्टिकोण से देख सकते हैं। जो व्यक्ति केवल कठोरता और अधिकार से चीजें पाना चाहता है, उसे हर जगह संघर्ष दिखाई देगा। वहीं, जो प्रेम और सद्भावना को अपनाता है, वह कठिनाइयों के बीच भी शांति और संतोष पाता है।’
दोस्तों, इस कथा से हमें सीख मिलती है कि हमारी सोच ही हमारे अनुभवों को आकार देती है। यदि हम नकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हैं, तो हर समस्या हमें असंभव लगने लगती है। अर्थात् नकारात्मक दृष्टिकोण रखने वाले व्यक्ति छोटी-छोटी समस्याओं को भी बढ़ा-चढ़ाकर देखते हैं और अनावश्यक तनाव में जीते हैं। जिसकी वजह से बीतते समय के साथ उनका आत्मविश्वास धीरे-धीरे कम होने लगता है। वहीं, सकारात्मक दृष्टिकोण से हम कठिनाइयों में भी अवसर खोज लेते हैं और चुनौतियों को सीखने और आगे बढ़ने का अवसर मानने लगते हैं। इसी वजह से सकारात्मक दृष्टिकोण वाले लोग समस्याओं को सुलझाने में रचनात्मक होते हैं और अधिक मानसिक शांति का अनुभव करते हुए अपना जीवन जीते हैं।
दोस्तों, जीवन में आने वाली हर घटना को किस दृष्टिकोण से देखना है, यह हमारे हाथ में है। अगर हम हर परिस्थिति में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हैं, तो हम न केवल समस्याओं का समाधान पा सकते हैं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी सशक्त बन सकते हैं। आइए दोस्तों, अपने जीवन को खुशहाल और सफल बनाने के लिए हम इस कथा से प्रेरणा लेते हैं और अपने दृष्टिकोण को सकारात्मक बनाते हैं।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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