मुश्किल समय की सीख अमर हो सकती है…
- Nirmal Bhatnagar
- 1 day ago
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June 30, 2025
फिर भी ज़िंदगी हसीन है...

यकीन मानियेगा दोस्तों, जीवन की यह यात्रा वाकई इतनी हसीन है कि इसमें हर दिन, हर पल कुछ ना कुछ नया देखने, समझने और सीखने को मिलता है। इसी यात्रा में कई पल ऐसे आते हैं या हम कई बार ऐसे मोड़ पर पहुँच जाते हैं जहाँ राहें उलझी और कठिन नज़र आती हैं या यूँ कहूँ रास्ता इतना धुंधला पड़ जाता है कि हमारे मन में निराशा घर कर जाती है। ऐसे समय में हमें ख़ुद को सिर्फ़ इतना याद दिलाना चाहिए कि मुश्किल समय हमेशा नहीं रहता, वह तो बस एक शिक्षक के रूप में हमारे जीवन में आता है और हमें मजबूत और समझदार बनाता है। सहमत ना हों, तो चुनौती भरे विपरीत समय को याद कर देख लीजियेगा, आप पायेंगे कि उस विपरीत दौर ने ही आपको सबसे ज्यादा सिखाया है; निखारा है।
जी हाँ दोस्तों, जीवन हमें जब झकझोरता है, तब हमारे सामने दो रास्ते होते हैं। पहला, हम उस दुख, दर्द और तकलीफ़ में उलझकर रह जाएँ या फिर उससे कुछ नया सीखकर, ख़ुद को बेहतर बनाकर आगे बढ़ जाएँ। इस आधार पर कहा जाए तो जब भी हम अपनी परेशानियों, समस्याओं, कमजोरियों, पछतावे और गलतियों को पहचानते हैं और उससे सीखने के लिए तैयार रहते हैं, तो वही विपरीत अनुभव हमारे भविष्य को सकारात्मक रूप से नई दिशा देते हैं। लेकिन अगर आप सीखने से बचते हैं, तो वही नकारात्मक अनुभव हमें बार-बार सजा देते हैं।
इसलिए दोस्तों, दिन-प्रतिदिन मिले अनुभव से सीखो और ख़ुद को बेहतर बनाओ क्योंकि यही अनुभव बीतते समय के साथ आपके चरित्र को बेहतर बनाते हैं और अच्छा चरित्र ही आपकी असली शक्ति है। जी हाँ दोस्तों, आपके पास कितनी दौलत है, आप कितने प्रसिद्ध है, से ज़्यादा मायने यह रखता है कि आपका चरित्र कैसा है। आपकी दौलत और शोहरत क्षणिक हो सकती है लेकिन यदि आपका चरित्र मजबूत है तो कोई भी तूफ़ान आपको हिला नहीं सकता है।
एक बात और याद रखियेगा दोस्तों, इस दुनिया में कई बार ऐसा होगा जब लोग आपके सपनों को छोटा समझेंगे, आपकी क्षमताओं पर शक करेंगे, और आपकी सोच को सीमित करने की कोशिश करेंगे। लेकिन उस समय ज़रूरी है कि आप उनकी सीमित सोच से प्रभावित न हों। आपका आत्मबल, आपका दृष्टिकोण, और आपका सपना ही आपकी असली शक्ति है।
दोस्तों, अगर उपरोक्त सीखों को आधार बनाकर देखा जाए तो कहा जा सकता हैं कि क्रोध के समय में समझौता कर व्यवहार में संतुलन बनाए रखना सद्गुण है, लेकिन अपने सिद्धांतों से समझौता करना एक दोष है। इसलिए जब भी बात सिद्धांतों की हो, तो अडिग रहें, फिर चाहे परिस्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो।
इस आधार पर कहा जाए दोस्तों, तो हमारे जीवन का सार यही है कि सिद्धांतों पर अडिग रहें, अपना चरित्र मजबूत रखें, और हर मुश्किल समय से कुछ नया सीखकर आगे बढ़ें क्योंकि हर कठिनाई, हर संघर्ष, एक नई राह दिखाता है। वह हमें बताता है कि हम किस मिट्टी के बने हैं, और हमारे भीतर कितना साहस है। हमें बस इतना करना है कि अपने अनुभवों को बोझ न बनाकर उन्हें सीढ़ी बनाएँ, जिस पर चढ़कर हम अपने चरित्र और आत्मबल के शिखर तक पहुँच सकें।
याद रखिएगा दोस्तों, जीवन में कठिन घड़ियाँ आएँगी और जाएँगी, लेकिन उनसे मिली सीख आपको एक बेहतर इंसान बनाएगी। और यही जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। इसलिए ही कहा गया है, “मुश्किल समय अस्थायी होते हैं, लेकिन उनकी सीख अमर होती है।”
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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