नज़रिया बदलो, ज़िंदगी अपने आप बदल जाएगी!
- Nirmal Bhatnagar
- 2 days ago
- 3 min read
June 11, 2025
फिर भी ज़िंदगी हसीन है...

दोस्तों, ज़िंदगी एक रहस्यमयी समुद्र की तरह होती है, विशाल, गहराइयों से भरी और संभावनाओं से ओत-प्रोत। लेकिन इस समुद्र से कौन क्या हासिल करता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम उसमें उतरते कैसे हैं और हमारा नज़रिया क्या है। समुद्र सभी के लिए एक समान होता है। लहरें, गहराई, पानी — सब कुछ, सबके लिए, बिल्कुल एक जैसा। फिर भी कोई उसमें से केवल मछलियाँ निकालता है, कोई सुंदर शंख ढूंढने का प्रयास करता है, कोई अनमोल मोती खोजता है, और कुछ लोग तो उसके किनारे तक पहुँचने के बाद भी सिर्फ़ अपने पैर गीले करके लौट आते हैं। पता है क्यों? क्योंकि समुद्र के प्रति उन सभी का दृष्टिकोण अलग-अलग होता है।
ठीक इसी तरह, ईश्वर हम सभी को जीवन में समान अवसर देता है। सबके पास दिन के 24 घंटे हैं और इन 24 घंटों में सबके सामने चुनौतियाँ भी आती हैं और अवसर भी। लेकिन फर्क इस बात से पड़ता है कि हम उन चुनौतियों और अवसरों को कैसे देखते हैं, उन्हें कैसे पहचानते हैं और उनके साथ क्या करते हैं। इसलिए दोस्तों; डेल कार्नेगी ने मानसिक सतर्कता और मौकों को पहचानने की हमारी क्षमता के मिलन स्थान को किस्मत कहा है।
बहुत से लोग मानसिक रूप से सतर्क नहीं रहते हैं, इसलिए वे जीवन में आए सुनहरे अवसरों को पहचान ही नहीं पाते और बाद में भाग्य को दोष देते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि भाग्य से ज़्यादा बड़ा हमारा नजरिया होता है। जिस व्यक्ति का दृष्टिकोण सकारात्मक होता है, वही मुश्किल समय में भी रास्ता खोज लेता है और अवसरों को पहचानकर सफलता की ओर बढ़ता है।
मेरे गुरुजी अक्सर कहते हैं, “सफलता, प्रतिभा की अपेक्षा दृष्टिकोण पर अधिक निर्भर करती है।” अर्थात् अगर आपके पास सही नजरिया है, तो साधारण संसाधनों के साथ भी आप असाधारण परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए दोस्तों, जीवन को बेहतर बनाने के लिए पहला कदम अपने नजरिये को सही करना होता है। नजरिया सही करने के बाद दूसरा सबसे ज़रूरी कार्य अपने जीवन के उद्देश्य को स्पष्ट करना है। याद रखिएगा, बिना लक्ष्य के जीवन उसी तरह है जैसे बिना नक्शे के यात्रा करना — आप भटकेंगे, थकेंगे और शायद अंत में कुछ भी हासिल न कर पायेंगे।
दोस्तों, अगर आपको जीवन रूपी समुद्र से अनमोल मोती चाहिए, तो आपको गहराई में उतरना होगा। केवल सतही तरह तौर पर जीने से यह संभव नहीं होगा। याद रखियेगा, ज़िंदगी के छिछले अनुभवों से केवल छींटें ही मिलेंगी, वो मोती नहीं जिनकी तलाश में आप हैं। तो दोस्तों, आज से ही अपने नजरिये को एक नई दिशा दें। हर मौके को एक अवसर के रूप में देखें। हर चुनौती को एक सीख मानें। हर गिरावट को एक नई शुरुआत की भूमिका समझें। तब ही आप हर स्थिति-परिस्थिति में ज़िंदगी को खुलकर जी पायेंगे।
जिस तरह समुद्र सभी का है, लेकिन उससे मिलने वाला फल खोजने वाले पर निर्भर करता है। ठीक उसी तरह आपका नजरिया ही तय करता है कि आप जीवन से क्या पाते हैं। इसलिए, अपने अंदर झाँकिए, अपना लक्ष्य पहचानिए और पूरे समर्पण के साथ उस दिशा में उतर जाइए क्योंकि मोती सतह पर नहीं मिलते, उसके लिए तो समुद्र की गहराइयों में जाना पड़ता है। नजरिये को सही करना ही सफल और सार्थक जीवन की ओर पहला कदम है, इसलिए इसे आज ही उठाइए।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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