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मेहनत और स्थिरता से पाएं अपने लक्ष्य…

  • Writer: Nirmal Bhatnagar
    Nirmal Bhatnagar
  • 1 day ago
  • 3 min read

June 13, 2025

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, आइए आज के इस शो की शुरुआत एक कहानी से करते हैं। कई साल पहले की बात है, एक गाँव में ज़बरदस्त सूखा पड़ा, जिसके कारण गाँव वाले पानी की बूंद-बूँद के लिए परेशान होने लगे। उसी गाँव में रामलाल नाम का एक युवा रहता था। उससे गाँव वासियों की यह हालत नहीं देखी जाती थी। एक दिन उसने गाँव में कुआँ खोदने का निर्णय लिया और औजार लेकर अपने खेत पर पहुँच गया।


सबसे पहले उसने एक स्थान तय किया और फिर वहाँ उसने खुदाई करना शुरू कर दिया। लगभग15 हाथ खोदने पर भी जब वहाँ पानी नहीं निकला, तो उसने उस जगह पानी ना होने के अन्दाज़े के कारण स्थान बदलने का निर्णय लिया। निर्णय लेने के पश्चात उसने एक नए स्थान को तलाशा और एक बार फिर नए सिरे से वहाँ खुदाई शुरू की। अभी वो 15-20 हाथ ही खोद पाया था कि तभी वहाँ एक अजनबी आया और बोला, “भैया! यहाँ नहीं, वहाँ खुदाई करो! वहाँ बहुत पानी है!”


रामलाल ने उसकी बात पर विश्वास किया और तीसरी जगह खुदाई शुरू की। लेकिन इस बार भी वही बात हुई। याने 15-20 हाथ खोदने के बाद भी वहाँ पानी नहीं निकला। इसके बाद रामलाल को फिर एक और सलाह मिली, फिर एक और जगह खुदाई शुरू हुई... और ऐसा कई बार हुआ। हर बार रामलाल उम्मीद से खोदता, लेकिन पानी मिलने से पहले ही स्थान बदल देता। नतीजा? तमाम प्रयासों के बाद भी रामलाल को कहीं भी पानी नहीं मिला।


सोच कर देखिए अगर रामलाल एक ही जगह पर लगातार गहराई से खोदता, तो निश्चित तौर पर उसे पानी मिलता। लेकिन डर या अनजान आशंकाओं या फिर लोगों से मिलने वाली सलाहों के चलते उसने बार-बार जगह बदली। इसलिए उसे पानी के स्थान पर सिर्फ थकावट और निराशा ही हाथ लगी। सुनने में यह बात साधारण लग सकती है, लेकिन अगर आप गहराई से इस पर सोचेंगे तो पाएँगे कि यह जीवन की सबसे बड़ी सच्चाइयों में से एक है। इस दुनिया में कई लोग जीवन में सिर्फ़ इसलिए सफल नहीं हो पाते हैं क्योंकि वे धैर्य के साथ एक ही लक्ष्य के लिए लगातार प्रयास नहीं कर पाते हैं।


दूसरे शब्दों में कहूँ तो रामलाल की तरह इस दुनिया में कई लोग अपने लक्ष्यों को पाने के लिए मेहनत करते हैं। कोई किसी हुनर में महारत हासिल करने के लिए काम करता है, तो कोई कैरियर बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत करता है। कोई व्यापार को ऊंचाइयों पर पहुँचाने के लिए संघर्ष करता है तो कोई किसी लक्ष्य का पीछा करता है, लेकिन थोड़ी कठिनाई आते ही अपना रास्ता बदल लेता है और इसीलिए कभी लक्ष्य नहीं पा पाता है।


जी हाँ दोस्तों, कई लोग अपने लक्ष्यों को छोड़ दूसरों की सलाह पर चलने लगते हैं, तो कुछ अपने फैसलों पर संदेह करना शुरू कर देते हैं। कई बार तो वे सिर्फ़ यही सोच कर राह बदल लेते हैं कि शायद दूसरी राह आसान होगी। ऐसे लोग अक्सर इस सच्चाई को भूल जाते हैं कि हर लक्ष्य तक पहुँचने के लिए समय, मेहनत और निरंतरता चाहिए। अगर आपको कभी भी मनचाही सफलता नहीं मिल रही है तो दोस्तों सबसे पहले ख़ुद से यही पूछें, “क्या में अपने लक्ष्य के प्रति केंद्रित हूँ या बार-बार उसे बदल रहा हूँ?”


दोस्तों, जीवन में वाक़ई सफलता चाहते है तो निम्न 4 बातों को अपना लो।

1) एक लक्ष्य चुनो और उसे पूरा करने की ठान लो क्योंकि रास्ते बदलने से मंज़िल नहीं मिलती।

2) हर सलाह अच्छी नहीं होती, इसलिए फ़िल्टर करना सीखो। अर्थात् सबकी सुनो, लेकिन सोच-समझकर अंतिम निर्णय खुद लो।

3) धैर्य और निरंतरता सफलता की नींव हैं। जो गहराई तक जाता है, वही सोने की खान तक पहुँचता है। और

4) अपने फैसले पर भरोसा रखो क्योंकि अगर खुद पर विश्वास हो, तो दुनिया की कोई ताकत आपको हिला नहीं सकती।


याद रखियेगा दोस्तों, मेहनत नहीं स्थिरता की कमी कई बार आपको लक्ष्य पाने से रोक देती है। जीवन में बार-बार दिशा बदलना और अपने निर्णय का सम्मान ना करना अक्सर केवल थकान और भ्रम देता है। इसलिए सफलता चाहते हैं तो सिर्फ एक लक्ष्य रखिए और अपने निर्णय का सम्मान करते हुए, सौ प्रतिशत समर्पण के साथ अथक मेहनत कीजिए, जल्द ही सफलता आपके कदम चूमेगी।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

 
 
 

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