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सोचें सफल लोगों की तरह…

  • Writer: Nirmal Bhatnagar
    Nirmal Bhatnagar
  • 4 days ago
  • 3 min read

May 29, 2025

फिर भी ज़िंदगी हसीन है...

दोस्तों, इस दुनिया का हर इंसान अपने जीवन में सफल होना चाहता है, लेकिन हो नहीं पाता है। मेरी नजर में इसकी एक मुख्य वजह अपने नकारात्मक अतीत को छोड़ ना पाना है। जी हाँ सही सुना आपने, कई बार इंसान पुरानी गलती, टूटे रिश्ते, कठिन समय या किसी असफलता की वजह से मिले नकारात्मक अनुभव से इतना बंध जाता है कि वो आत्म-विकास याने सेल्फ डेवलपमेंट के लिए आवश्यक कदम ही नहीं उठा पाता है। लेकिन इस दुनिया में कुछ लोग इसके ठीक विपरीत होते हैं। वे जीवन में मिले तमाम नकारात्मक अनुभवों से ऊपर उठकर असाधारण उपलब्धियाँ हासिल करते हैं। जानते हैं क्यों? क्योंकि उनकी सोच; उनका माइंडसेट अलग होता है। वे जीवन में मिले नकारात्मक अनुभवों से ऊपर उठकर, अपने जीवन की सकारात्मक पिक्चर देख पाते हैं। आइए आज हम सफल लोगों द्वारा अपने जीवन में अपनाए जाने वाले ऐसे 9 सोचने के तरीके सीखते हैं, जो हमारी ज़िंदगी में बड़ा बदलाव ला सकते हैं-


1) अतीत की गलतियों को अपने ऊपर हावी न होने दें

जीवन में गलतियाँ होना, रिश्ते टूटना, असफल होना सामान्य है। हर इंसान ग़लतियाँ करता है और कभी ना कभी इस तरह के नकारात्मक अनुभवों से गुजरता है। लेकिन उन ग़लतियों के विषय में सोचकर वह बार-बार ख़ुद को दोषी नहीं ठहराता है। वह जानता है कि बार-बार ख़ुद को दोषी मानना, आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा कर जीवन में आगे नहीं बढ़ने देता है। इसलिए सफल लोग सबसे पहले अपनी सोच बदलते हैं और कठिनाइयों या असफलता के अनुभवों को तोड़ने का नहीं, बल्कि ख़ुद को तराशने का अवसर मानते हैं और जीवन में मिली हर हार या अनुभव से सीखते हैं और जीवन में आगे बढ़ते हैं। इसलिए जो हो गया, उसे स्वीकार करें और खुद को माफ करें, सीखें और जीवन में आगे बढ़ें।


2) अपने अतीत को शोक पूर्वक विदा दें

कई बार इंसान अपने कार्य, अपने लक्ष्य, अपने रिश्तों से ज़्यादा किसी भी वजह से पूर्व में मिले चंद नकारात्मक अनुभवों से जुड़ जाता है, जो अंततः उन्हें अंदर तक तोड़ देता है। जीवन रुकने का नहीं, चलते रहने याने आगे बढ़ते रहने का नाम है। जिस तरह आप किसी अपने की मृत्यु के बाद उसे शोक पूर्वक विदा कर जीवन में आगे बढ़ते हैं, ठीक वैसे ही बीते हुए समय को भी अलविदा कहना जरूरी होता है। अपने मन को नकारात्मक भावनाओं से मुक्त होने का समय दें।


3) अपने अतीत से मिली सीख को पहचानें

अतीत कोई बोझ नहीं, बल्कि एक शिक्षक होता है। जो कुछ भी आपने अनुभव किया है, वह आपको मजबूत और समझदार बनाने के लिए हुआ है। सोचिए कि उन अनुभवों से आपने क्या सीखा और कैसे वे आपकी आज की समझ को गहरा बनाते हैं। याद रखियेगा, हर हार एक सीख होती है, अगर आप तैयार हों तो।


4) हमेशा याद रखें, आप फिर से शुरू कर सकते हैं

नकारात्मक परिणाम के बाद भी ईश्वर ने आपको एक नई सुबह देखने का मौका दिया है, इसका एक ही अर्थ है, “ईश्वर आपसे कुछ नया और कुछ बड़ा करवाना चाहता है। जिस लक्ष्य के लिए उसने आपको इस दुनिया में भेजा है अभी वो पूरा नहीं हुआ है, इसलिए अपने उद्देश्य को पहचानें और ख़ुद को याद दिलवायें कि पिछली बार भी आपने ही शून्य से शुरू कर, सब कुछ पाया था। इसलिए अपने अतीत को अंत मान, हर नए दिन को ईश्वर का दिया अगला और नया अवसर मानें और जीवन की दिशा को बदलें। याद रखियेगा, अतीत का अंत, भविष्य की एक नई शुरुआत बन सकता है।


5) जीवन में मिली चुनौतियों ने ही आपको वहाँ पहुँचाया है, जहाँ आज आप हैं

विपरीत परिस्थितियों, चुनौतियों और कठिनाइयों का सामना करने से मिले अनुभवों ने ही आपके चरित्र, धैर्य और साहस को आकार दिया है। इसलिए तमाम तरह के नकारात्मक अनुभवों को आत्म-विकास का आधार मान स्वीकारें और आगे बढ़ें।


6) वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करें

याद रखें, अतीत बीत गया है और भविष्य अभी आया नहीं है इसलिए वर्तमान रूपी जो समय आपके हाथ में है, उसका सर्वोत्तम उपयोग करें और आगे बढ़ें। जब आप ‘वर्तमान’ में जीने लगते हैं, तब आप सच्चे अर्थों में स्वतंत्र होते हैं। इसलिए खुद को ‘वर्तमान’ में पूरी तरह शामिल कीजिए और छोटे-छोटे कामों में खुशी ढूंढिए।


निष्कर्ष

अतीत को पकड़कर आप जीवन में आगे नहीं बढ़ सकते हैं। इसलिए अतीत से जीवन को बेहतर बनाने वाली सीख लेकर सम्मानपूर्वक विदा करें और ख़ुद को सफल बनाने वाले रास्ते पर आगे बढ़ें। यही याने अतीत से सीखना और फिर उसे छोड़ देना ही आत्म विकास का पहला कदम होता है। याद रखियेगा, आप अपने जीवन के लेखक हैं। अतीत को बदला नहीं जा सकता, पर आगे की कहानी आप खुद नए तरीके से लिख सकते है।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर


 
 
 

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