दुख-दर्द को छोड़ें और एक नई शुरुआत करें…
- Nirmal Bhatnagar
- 5 days ago
- 3 min read
June 9, 2025
फिर भी ज़िंदगी हसीन है...

दोस्तों, जीवन कभी भी एक जैसा नहीं रहता है। कभी यह मनमाफिक परिणाम देकर हमें खुशी की ऊंचाइयों पर ले जाता है, तो कभी अनपेक्षित परिणामों के कारण हमें दुख, नाराज़गी और कड़वाहट से भर देता है। कभी यह दुख, नाराज़गी या कड़वाहट रिश्तों के टूटने की वजह से आते हैं, तो कभी किसी अपने की बेरुख़ी की वजह से, तो कई बार इसके पीछे असफलता छिपी रहती है। अगर समय रहते इन्हें डील ना किया जाये तो यह दुख, नाराज़गी या कड़वाहट दिल में घर कर जाती है और जीवन को नकारात्मक भावों से भर देती है।
दोस्तों, अक्सर लोग इन नकारात्मक भावों से उपजे दर्द को इस तरह पकड़ कर बैठ जाते हैं, जैसे उसे थामे रहने से सब कुछ बदल जाएगा। ऐसे लोग कभी यह सोच ही नहीं पाते हैं कि जो बीत गया है, उसे पकड़े रहने से वे क्या खो रहे हैं। दोस्तों, यदि हम अपने भीतर दुख, नाराज़गी और शिकायतों को लगातार पनपने दें, तो धीरे-धीरे ये हमारे स्वभाव का हिस्सा बन जाती हैं और हम अपने दायरे को संकुचित कर लेते हैं। दूसरे शब्दों में कहूँ तो हम अपने आसपास सोच की ऐसी दीवारें खड़ी कर लेते हैं जो दिलों की दूरी बढ़ाकर, हमारे रिश्तों के खुलेपन को कम या ख़त्म कर देता है। जिसके कारण हमारा मन संकोच से भर जाता है और हम खुद को दूसरों से दूर कर लेते हैं। यह स्थिति बीतते समय के साथ हमें अपने आप से ही दूर कर देती है और हम ख़ुद के लिए ही अनजान या अजनबी बन जाते हैं।
दोस्तों, अगर आप खुलकर जीवन जीना चाहते हैं तो सबसे पहले जीवन के सभी नकारात्मक अनुभवों को त्याग दें क्योंकि अगर आप अपने दुख को जाने नहीं देंगे, तो जीवन के असली उपहारों को कैसे अपनाएँगे? याद रखियेगा, जीवन, हर दिन एक नया अनुभव; एक नया अवसर लेकर आता है। याने जीवन में मिला हर नया दिन हमारे जीवन को एक नई सीख; एक नई दिशा देता है। इसलिए मैं हमेशा कहता हूँ कि खुले दिल से जीना और ज़िंदगी के हर अनुभव को अपनाना ही अपने सामर्थ्य तक पहुँचने का एकमात्र रास्ता है क्योंकि जैसे जैसे हम दुख और नकारात्मकता को जाने देते हैं, वैसे वैसे हमारे भीतर प्रेम, करुणा और नई शुरुआत की ऊर्जा जन्म लेती है। इसलिए ही खुले और प्रेमपूर्ण स्वभाव को जीवन की सच्ची ताक़त माना गया है।
सुनने में साधारण और सरल लगने वाला यह रास्ता असलियत में इतना आसान नहीं है। लेकिन कई बार हमें जीवन में दिल को चीर देने वाले कठिन निर्णय लेना ही पड़ते हैं क्योंकि इनके बिना जीवन को सही दिशा देना संभव नहीं होता। ये निर्णय इसलिए कठिन होते हैं क्योंकि इसके एक ओर ‘जो हम चाहते हैं’, वो होता है और दूसरी ओर ‘जो सही होता है’, वो। याद रखियेगा दोस्तों, सच्ची ताक़त या आत्मविश्वास उन निर्णयों को लेने में है, जो हमें सँवारते हैं, फिर भले ही वो आसान ना हो।
जीवन में अगर आगे बढ़ना हो या अपने जीवन को पूर्णता के साथ जीना हो तो दोस्तों जीवन में मूल्य रखें, मन नहीं। एक समझदार व्यक्ति कभी "एटीट्यूड" नहीं रखता, वह "स्टैंडर्ड्स" रखता है। इसका अर्थ यह नहीं हुआ कि समझदार व्यक्ति घमंडी होता है, बल्कि उसका व्यवहार उसके सिद्धांतों पर आधारित होता है। अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए हमें भी इसे अपने जीवन में अपनाना होगा। यह तभी संभव होगा जब हम नकारात्मकता के बजाय मूल्यों को थामें, और दुख के बजाय आशा को चुनें।
तो आइए दोस्तों, आज ईश्वर के दिए इस नए दिन को आम दिन की तरह जीने के स्थान पर विशेष अवसर बनाते हैं। अर्थात् आज के दिए दिन को हम अतीत के दुखों को छोड़ने का; ख़ुद को नया रूप देने का और ज़िंदगी को फिर से खुले दिल से गले लगाने के लिए ईश्वर का दिया एक नया मौक़ा मानते है और दुख को जाने देकर, अपने भीतर प्रेम को पनपने देते हैं। यही सच्चा आत्म-विकास याने सेल्फ डेवलपमेंट है।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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