हर दिन परमात्मा को दिल से धन्यवाद दीजिए…
- Nirmal Bhatnagar

- Jul 29
- 2 min read
July 29, 2025
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

यकीन मानियेगा दोस्तों, कृतज्ञता की शक्ति हमारे जीवन में खुशियों का अमूल्य खजाना ला सकती है। चलिए, इसी बात को हम दूसरे तरीके से समझने का प्रयास करते हैं। चलिए अपनी आँखें बंद कीजिए और गहरी साँस लेकर ईश्वर को अपने अंदर महसूस कीजिए। अब पूरे शांत भाव के साथ, गहरी साँस लेते हुए अपनी आँखें खोलिए और आसपास देखिए। आप पायेंगे कि आपके चारों ओर ईश्वर के दिए अनगिनत उपहार बिखरे पड़े हैं। दोस्तों, यह मैं सिर्फ कहने के लिए नहीं कह रहा हूँ, बल्कि यह एक गहरी सच्चाई है। आप आज जीवित हैं, स्वस्थ हैं, सांस ले रहे हैं; क्या ये अपने आप में किसी चमत्कार से कम है?
दोस्तों, हम अक्सर सोचते हैं कि काश हमारे पास वो होता जो दूसरे के पास है। लेकिन कभी ये क्यों नहीं सोचते कि जो हमारे पास है, वह भी तो बहुत सारे लोगों के लिए सपना है। परमात्मा ने आपको बिन मांगे इतना कुछ दिया है कि अगर आप ध्यान से देखें, तो शायद मांगने के लिए कुछ बचेगा ही नहीं।
जरा सोचिए, क्या आपने आज सुबह जब अपनी आँखें खोलीं, तो परमात्मा का धन्यवाद किया? सिर्फ इसलिए कि उसने आपको एक और सुंदर दिन जीने का मौका दिया? जब आप सुबह उठते हैं, तो अपने दिन की शुरुआत सिर्फ एक ‘शुक्रिया’ से कीजिए। परमात्मा से कुछ न मांगिए, बस उसके सामने कुछ पल के लिए बैठ जाइए। उस मौन में कृतज्ञता का भाव अपने आप जागृत होने लगेगा।
हम में से ज्यादातर लोग जिंदगी भर इसी भ्रम में रहते हैं कि जो हमें चाहिए, वह हमें वक्त पर मिल जाएगा। लेकिन हकीकत यह है कि परमात्मा तो वक्त से पहले ही आपकी झोली भर चुका है। सांसे चल रही हैं, दिल धड़क रहा है, परिवार है, दोस्त हैं; ये सब चीजें आपकी जिंदगी को कितना समृद्ध बना रही हैं! यह सब कुछ परमात्मा ने आपको बिना आपकी मांग के ही दे दिया है। फिर भी हम अक्सर इन चीजों का महत्व नहीं समझते और जो नहीं है उसी की ओर भागते रहते हैं।
प्रकृति का नियम है, ”समय से पहले और भाग्य से अधिक किसी को कुछ नहीं मिलता।" लेकिन इस नियम का एक अपवाद भी है, परमार्थ। जब आप दूसरों की मदद करते हैं, जब आप अपना जीवन परमार्थ के लिए समर्पित करते हैं, तो आपको समय और भाग्य की सीमाओं से ऊपर उठकर मिलता है। यही परमार्थ की शक्ति है, जो जीवन को गहरे अर्थों से भर देती है।
इसलिए आज से ही अपना नजरिया बदलें। शिकायतों के बजाय धन्यवाद देना शुरू करें। अपने जीवन में मौजूद छोटी-छोटी चीजों के लिए भी कृतज्ञता जताएं। आपके पास जो कुछ है, उसे दिल से स्वीकार करें और उसमें आनंदित हों। जब आप परमात्मा को धन्यवाद देंगे, तो आप पाएंगे कि जीवन की छोटी-छोटी खुशियां आपके आसपास नृत्य करने लगी हैं।
याद रखें, खुशी किसी बड़ी उपलब्धि में नहीं, बल्कि जीवन की सरल और सामान्य चीजों में होती है। आज से ही हर दिन अपनी आँखें खोलते ही परमात्मा को दिल से धन्यवाद दीजिए और देखिए कैसे आपका जीवन एक कृतज्ञता के सुंदर और आनंदमय अनुभव में बदल जाता है।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर




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