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अगर बड़ा बनना है, तो छोटे से शुरुआत करना सीखो…

  • Writer: Nirmal Bhatnagar
    Nirmal Bhatnagar
  • 3 days ago
  • 3 min read

Jul 12, 2025

फिर भी ज़िंदगी हसीन है...

दोस्तों, इस दुनिया में जितने भी लोग सफल हुए हैं, उन सभी ने अपनी असफलता को, अपनी प्रेरणा या प्रेरक शक्ति बनाया है। इसी बात को दूसरे शब्दों में कहूँ तो इन्होंने अपने किसी भी विचार को छोटा मान या फिर असफलता के डर से नकारा नहीं। इसके विपरीत कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो सोचते हैं कि जब तक हम कुछ बड़ा नहीं करेंगे, तब तक कुछ करना व्यर्थ ही है। इसके पीछे अक्सर यह सोच होती है कि ‘छोटी चीजों या कोशिशों से कभी कुछ बड़ा नहीं होता।’ लेकिन दोस्तों, सच्चाई इसके इतर ही है, छोटा प्रयास या कोशिश, आपको बड़ा परिणाम दे सकती है। इसलिए मेरा मानना है कि जीवन की सबसे बड़ी गलती, ‘हम थोड़ा ही कर सकते हैं’ मानकर, कुछ नहीं करना है। इसी बात को समझाते हुए एडमंड बर्के ने कहा था, “इस दुनिया में कोई भी इंसान ‘हम थोड़ा कर सकते हैं, इसलिए कुछ नहीं करते हैं…’, से बड़ी गलती कुछ और कर ही नहीं सकता है।”


याद रखियेगा दोस्तों, हर महान कार्य की शुरुआत, छोटी सी कोशिश से होती है और कोई भी इंसान एक दिन में सफलता के शिखर तक नहीं पहुँचता। हर सफल इंसान ने छोटी शुरुआत की है, जिसमें वो कभी सफल हुआ है, तो कभी असफल। जब उसे सफलता मिली, तब वो आगे बढ़ा और जब असफल हुआ तब उसने एक बार फिर प्रयास किया। इसका अर्थ हुआ जो लोग सफल और महान हुए हैं, उनके भीतर बैठे आत्मविश्वास और उनके द्वारा बार-बार किए गए छोटे प्रयासों ने ही उन्हें वहां तक पहुँचाया यानी सफल और महान बनाया है।


इसलिए ही कहा जाता है, “असफलता कमजोर को हराती है, लेकिन विजेताओं को प्रेरित करती है।” याद रखियेगा हर असफलता दो रास्ते खोलती है, पहला, हार मान कर बैठ जाना और दूसरा, उससे सीखकर दोबारा कोशिश करना। जो लोग विजेता होते हैं, वे दूसरी राह चुनते हैं। उनके लिए असफलता, एक सबक से अधिक कुछ नहीं होती। अगर सहमत ना हों तो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी, पूर्व राष्ट्रपति डॉ अब्दुल कलाम जी, महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, आदि किसी भी जीवन को करीब से देख लीजिएगा और सोचियेगा अगर इनमें से किसी ने भी शुरुआती असफलताओं से हार मान ली होती तो क्या होता? क्या वे इतिहास में अपना नाम अमर कर पाते? नहीं ना! दोस्तों, इन सभी ने छोटी शुरुआत की, असफल हुए, सीखा, और बार-बार प्रयास करते रहे।


याद रखियेगा, हमारे पास हमेशा बड़े संसाधन नहीं होते, पर हमारे पास एक छोटा प्रयास करने का मौक़ा हमेशा होता है। इसी तरह किसी की मदद करने के लिए बड़ा दान ज़रूरी नहीं, एक मुस्कान या सहानुभूति भरी बात भी बड़ा असर डाल सकती है। इस आधार पर देखा जाए तो समस्या यह नहीं कि हमारे पास कितना है, समस्या यह है कि हम जो थोड़ा भी कर सकते हैं, वह नहीं करते। क्योंकि हम यह मान चुके हैं कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन फर्क पड़ता है; यकीनन हर छोटी कोशिश से फर्क पड़ता है। इसलिए अगली बार जब आपको लगे कि “मैं बहुत कम कर सकता हूँ…”, तब ख़ुद को याद दिलाइए, “कम करना, कुछ न करने से कई गुना बेहतर है।”


दोस्तों, हर बड़े सपने को पूरा करने की यात्रा, एक छोटे से कदम से शुरू होती है। इसलिए छोटा ही सही, लेकिन एक कदम जरूर उठाइए, क्योंकि वही एक कदम, आपको उस दिशा में ले जाएगा, जहाँ आप हमेशा पहुँचना चाहते थे। जी हाँ दोस्तों, सफलता उसी की होती है जो रोज़ थोड़ा-थोड़ा, बिना रुके, अपने लक्ष्य की दिशा में चलता है। याने आज की छोटी सी कोशिश ही कल की बड़ी सफलता बन सकती है। इसलिए, अगर बड़ा बनना है, तो छोटे से शुरुआत करना सीखो।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

 
 
 

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