धैर्य का फल मीठा होता है…
- Nirmal Bhatnagar
- 2 days ago
- 3 min read
Jul 13, 2025
फिर भी ज़िंदगी हसीन है...

दोस्तों, एक बात बताइए, माली के पेड़ लगाने के अगले दिन से आपको पेड़ फल देने लगता है? नहीं ना! बगीचे का माली पौधा रूपी पेड़ लगाने के बाद, समय-समय पर उसे खाद-पानी देता है, उसकी देखभाल करता है, तब जाकर कुछ वर्षों बाद, तय मौसम में वह पौधा, पेड़ बन, फल देता है। कुल मिलाकर कहूँ तो “हर चीज़ अपने समय पर ही होती है।” यही प्रकृति का नियम है और यही हमारे जीवन का भी नियम है।
आज के युग में ज़्यादातर लोग जल्दी सफल होना, नाम कमाना याने कार्य करते ही जल्दी परिणाम चाहते हैं। याने वे मेहनत तो करते हैं लेकिन, तुरंत फल की अपेक्षा रखते हैं और जब उन्हें अपेक्षा के अनुरूप परिणाम नहीं मिलता है, तो वे निराश हो जाते हैं और अपना लक्ष्य याने अपना रास्ता बदलने लगते हैं। इतना ही नहीं कुछ लोगों में तो निराशा इतनी अधिक होती है कि वे अपनी ओर से प्रयास करना ही छोड़ देते हैं। दोस्तों, जीवन में अगर अपने लक्ष्य को पाना है; सफल होना है तो हमें यह समझना होगा कि जिस तरह माली पौधा लगाने के बाद धैर्य रखकर उसके वृक्ष बनने और फिर सही मौसम में फल आने का इंतजार करता है, ठीक वैसे ही हमें अपने जीवन में भी मेहनत करके धैर्य रखना होगा।
जी हाँ दोस्तों, हर सफलता, हर उपलब्धि, हर सपना एक बीज की तरह होता है जिसे पहले बोया जाता है, फिर सींचा जाता है, उसकी देखभाल की जाती है, और अंत में, सही समय आने पर, वह फल देता है। यह समय कभी छोटा होता है, तो कभी लंबा, लेकिन अगर आप धैर्य के साथ प्रयास करते रहें, तो परिणाम ज़रूर मिलता है। यहाँ बस हमें इतना और ध्यान रखना होगा कि धैर्य रखने का अर्थ सब बंद कर, चुपचाप बैठना नहीं है। इसका मतलब है, पूरे विश्वास और निरंतरता के साथ प्रयास करते रहना, फिर चाहे परिणाम अभी दिखाई दे रहा हो या ना दे रहा हो। ठीक वैसे ही जैसे एक विद्यार्थी परीक्षा या परिणाम की तारीख़ का इंतज़ार किए बिना ही लगातार पढ़ाई करता है, क्योंकि उसे विश्वास होता है कि एक ना एक दिन उसे अपनी मेहनत का फल अवश्य मिलेगा। यही विश्वास एक किसान खेत जोत कर बीज बोने और फिर बारिश का इंतजार करने और इस पूरी प्रक्रिया में पूरी देखभाल करते वक्त रखता है, क्योंकि उसे भरोसा होता है कि समय आने पर फसल पकेगी।
जीवन में भी हर प्रयास, हर संघर्ष, हर मेहनत का एक “मौसम” होता है, जब उसका फल मिलता है। जरूरी नहीं कि आज का बोया हुआ बीज कल ही पेड़ बने, लेकिन वह बीज मिट्टी में अंकुरित ज़रूर हो रहा होता है। दोस्तों, धैर्य रखना सिर्फ़ एक गुण नहीं, बल्कि यह हमारी आंतरिक शक्ति होती है, जो हमें मुश्किल समय में भी आगे बढ़ते रहने की ताकत देती है।
दोस्तों, अगर आप अभी कहीं मेहनत कर रहे हैं या आपने पहले मेहनत की है और आपको अभी तक उसका फल नहीं मिला है, तो निराश मत होइए। बस माली की तरह रोज़ “पानी” देते रहिए; याने अपने कर्म करते रहिए। एक दिन, बिल्कुल उसी तरह जैसे बसंत में फूल खिलते हैं, आपके जीवन में भी सफलता और खुशियाँ खिलेंगी।
याद रखियेगा दोस्तों, आपका काम कर्म करना है, समय आने पर फल अपने आप ही मिलता है। इसलिए कर्म कीजिए और धैर्य रखिए, क्योंकि हर चीज़ अपने सही समय पर ही होती है। दूसरे शब्दों में कहूँ तो, जिस तरह माली पेड़ को हर दिन सींचता है, वैसे ही हमें अपने सपनों को सींचना है और कर्म करते रहना है, देखना फिर आपको एक ना एक दिन फल ज़रूर मिलेगा।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
Comments