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छोटी बातें ही आपको सफल या असफल बनाती हैं…

  • Writer: Nirmal Bhatnagar
    Nirmal Bhatnagar
  • 1 day ago
  • 2 min read

Sep 4, 2025

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

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चलिए दोस्तों, आज शुरुआत एक किस्से से करते हैं। रत्नेश एक मल्टीनेशनल कंपनी में वाईस प्रेसिडेंट के रूप में कार्यरत थे। एक बार वे बहुत ही बड़ी डील फाइनल करने के लिए एक क्लाइंट से मिलने गए। ख़ुद की तैयारी और कंपनी की प्रतिष्ठा देख वे मानकर चल रहे थे कि आज वे इस ऑर्डर को लेने में सफल हो जाएँगे। मीटिंग के दौरान जब चाय परोसी गई, तो रत्नेश ने बिना सोचे चाय में दो चम्मच चीनी डाल ली। जिसे देख क्लाइंट ने उनसे पूछा, “आपने चाय चखे बिना ही चीनी क्यों डाली?” रत्नेश हैरानी के साथ उन्हें देखते हुए बोले, “यह तो मेरी आदत है।”


रत्नेश के जवाब को सुन क्लाइंट ने मुस्कुराते हुए कहा, “आप चाय जैसी छोटी चीजों में भी धारणाओं के साथ आगे बढ़ते हैं, तो फिर आप व्यापार में नए अवसर कैसे देख पाएँगे? हम ऐसा पार्टनर चाहते थे जो परिस्थितियों के अनुसार सोच समझ कर निर्णय ले।” इतना कहकर क्लाइंट ने मीटिंग खत्म कर दी।


रत्नेश की एक छोटी सी आदत ने आज उससे सफल होने का एक बड़ा मौक़ा छीन लिया था। दोस्तों, जीवन में ऐसी ही अनेक छोटी बातें या आदतें बड़ा अंतर लाती हैं। याने छोटी लगने वाली ऐसी बातें ही असल में हमारे जीवन को दिशा देती है। छोटी बातों की असली ताकत को आप निम्न तीन उदाहरणों से समझ सकते हैं-

1. छोटी आदतें, बड़ी पहचान बनाती है

आप कैसे चलते हैं, कैसे बोलते हैं, कैसे सुनते हैं आदि छोटी लगने वाली बातें आपकी छवि बनाती हैं। याद रखिएगा, लोग आपको इन्हीं बातों को देख कर आंकते हैं।

2. छोटी आदतें, रिश्तों का निर्माण और विनाश करती है

“धन्यवाद” कहना, समय पर पहुंचना, फोन उठाना जैसी छोटी बातें रिश्ते बनाती हैं और वहीं लापरवाही पूर्ण व्यवहार करना, जैसे, देर से आना, वादा न निभाना आदि उन्हें तोड़ देता है।

3. छोटी आदतें, मानसिकता की परख करती है

सामान्य परिस्थितियों में आपकी प्रतिक्रिया आपकी मानसिकता दर्शाती है। इससे पता चलता है कि आप पूर्वाग्रह से काम करते हैं या खुले दिमाग से काम करते हैं।


इसलिए दोस्तों, रत्नेश के किस्से से हमने निम्न व्यावहारिक सबक लेना चाहिए।

1) अपने हर दिन की शुरुआत मुस्कुराहट के साथ ईश्वर को धन्यवाद देते हुए करें।

2) पूर्व निर्धारित धारणाओं पर काम करने के स्थान पर हर स्थिति को गहराई से समझने के बाद ही प्रतिक्रिया दें।

3) किसी भी नई चीज़ को पहले परखें, फिर प्रतिक्रिया दें।

4) छोटी गलतियों या अपनी सामान्य आदतों को नजरअंदाज करने के स्थान पर उनकी हर दिन समीक्षा करें। इसके पश्चात अपनी ग़लतियों को स्वीकारें और उनमें सुधार करें।

5) दूसरों की छोटी खुशियों और जरूरतों को महत्वहीन ना समझें और हर दिन कम से कम तीन लोगों की सराहना करें।

6) जीवन में छोटे-छोटे शिष्टाचार का पालन करने की आदत डालें।

7) दूसरों की छोटी जरूरतों पर ध्यान दें.


याद रखियेगा दोस्तों, जीवन में हमारी सफलता में ऐसी छोटी बातों का योगदान 80% रहता है, जबकि बड़ी बातें मात्र 20% काम करती हैं। जिस तरह रत्नेश के किस्से में दो चम्मच चीनी ने उससे उसकी सफलता छीनी थी, ठीक उसी तरह एक छोटा सा बदलाव आपकी पूरी दुनिया बदल सकता है।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

 
 
 

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