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ज़िंदगी की छह बुनियादी ज़रूरतें...

  • Writer: Nirmal Bhatnagar
    Nirmal Bhatnagar
  • 4 days ago
  • 3 min read

Dec 24, 2025

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

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हम सभी ने कभी ना कभी ख़ुद से यह सवाल पूछा है कि, “मैं खुद को समझ क्यों नहीं पाता?” या “मैं वही गलतियाँ बार-बार क्यों दोहराता हूँ?” या फिर “सब कुछ होते हुए भी मन खाली क्यों लगता है?” इन सवालों का सिर्फ़ हमारे मन में आना, हमारी ऊर्जा को नुक़सान पहुँचाता है। लेकिन फिर भी ये सवाल कमज़ोरी का संकेत नहीं हैं। ये तो सिर्फ़ इस बात का प्रमाण हैं कि हमारे भीतर कुछ जागना चाहता है। यह तो संकेत है कि हम ख़ुद को खोजने याने सेल्फ मास्टरी की यात्रा की शुरुआत करने के लिए तैयार हो गए हैं।


उपरोक्त सवालों से हम यह जान सकते हैं कि इस जीवन को असल में चला कौन रहा है? आप… या आपकी ज़रूरतें? याद रखियेगा, इंसान बदलने में सालों नहीं, सिर्फ़ एक स्पष्ट फैसला लगता है और अगर वह फैसला ले लिया जाये, तो हमारी ज़िंदगी की दिशा ही बदल जाती है। प्रसिद्ध विचारक एवं मोटिवेशनल स्पीकर टोनी रॉबिन्स कहते हैं, “हर इंसान की ज़िंदगी छह बुनियादी ज़रूरतों से संचालित होती है। हम जो भी निर्णय लेते हैं, जो भी रिश्ता निभाते हैं, और जो भी संघर्ष करते हैं, वह इन्हीं ज़रूरतों की अभिव्यक्ति होता है।”


टोनी रॉबिन्स की बताई 6 बुनियादी जरूरतें निम्न हैं-

1) सर्टेनिंटी याने सुरक्षा और स्थिरता

हम सभी चाहते हैं कि हमारी नौकरी सुरक्षित रहे, हमारे रिश्ते अच्छे और स्थिर रहें, भविष्य पर हमारा कुछ कंट्रोल हो। इसकी मुख्य वजह सुरक्षा और मानसिक शांति की चाह होती है, जो हमें सर्टेनिटी देती है। इसकी चाह में हम भूल जाते हैं कि अत्यधिक सर्टेनिटी ज़िंदगी को नीरस बना देती है। याद रखियेगा, जहाँ जोखिम नहीं, वहाँ विकास भी नहीं।


2) वैरायटी याने बदलाव और रोमांच

अगर ज़िंदगी में नयापन न हो, तो मन धीरे-धीरे उबने लगता है। इसीलिए लोग सोशल मीडिया, यात्रा, नई चीज़ों की ओर खिंचते हैं। वैरायटी हमें और हमारी आत्मा को जीवंत रखती है। लेकिन अगर जीवन में दिशा ना हों तो वैरायटी भटकाव बन जाती है।


3) सिग्नीफिकेन्स याने पहचान और महत्व

हर इंसान भीतर से यह महसूस करना चाहता है, “मैं मायने रखता हूँ।” जब यह ज़रूरत स्वस्थ तरीके से पूरी नहीं होती, 
तो लोग गलत रास्तों से पहचान ढूँढते हैं। याद रखिएगा, सच्चा सिग्नीफिकेन्स दूसरों को नीचा दिखाने से नहीं, खुद को ऊँचा उठाने से मिलता है।


4) लव और कनेक्शन याने प्यार और अपनापन

प्यार और अपनापन इंसान की सबसे गहरी ज़रूरत है। इसके बिना सफलता भी खोखली होती है। जब कोई आपको बिना शर्त स्वीकार करता है, तब जीवन में पूर्णता का अनुभव होता है।


5) ग्रोथ याने निरंतर विकास

आप आज अच्छा महसूस कर रहे हैं क्योंकि आप जीवन में आगे बढ़ रहे हैं। जहाँ ग्रोथ रुक जाती है, वहाँ रिश्ते ठंडे पड़ जाते हैं, करियर ठहर जाता है और आत्मा थक जाती है।याद रखिएगा, विकास हमारे जीवन की ऑक्सीजन है।


6) कंट्रीब्यूशन याने दूसरों के लिए जीना

जब इंसान स्वयं से आगे बढ़कर दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है, तभी उसे असली संतोष की प्राप्ति होती है। यही वो स्तर है जहाँ सफलता, अर्थ में बदल जाती है।


दोस्तों, जब आप यह जान लेते हैं कि कौन सी जरूरतें आपको चला रही हैं, तब आप उन्हें संतुलित करना सीखते हैं और जब आप उन्हें संतुलित कर लेते हैं, तब आप जीवन को सिर्फ़ जीते नहीं हैं, बल्कि उसके मालिक बन जाते हैं। अब फैसला आपको लेना है कि आप ज़रूरतों से चलना चाहते है, या उन्हें समझकर ज़िंदगी को दिशा देना चाहते है। अगर आप उन्हें समझकर जीवन में आगे बढ़ेंगे, तो आप वैसे इंसान बन पायेंगे, जैसे आप हमेशा बनना चाहते थे।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

 
 
 

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