प्रार्थना और संकल्प से बनाएँ जीवन सुरक्षित !!!
- Nirmal Bhatnagar

- 3 hours ago
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Oct 27, 2025
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, इस जीवन में हम सभी कभी परिस्थितियों की वजह से, तो कभी लोगों या फिर कभी अपने ख़ुद के मन की ही वजह से कठिनाइयों से गुज़रते हैं। यह कठिन समय अक्सर रोजमर्रा के जीवन को मुश्किल और तमाम तरह के कष्टों से भरा बना देता है। ऐसे में प्रार्थना और सुंदर संकल्पों की शक्ति ही एकमात्र ऐसी शक्ति होती है जो हमें ना सिर्फ़ टूटने से बचाती है, बल्कि अंधकार में भी प्रकाश दिखाती है।
इसलिए ही दोस्तों, प्रार्थना को मैं जीवन का अदृश्य सुरक्षा कवच मानता हूँ। असल में प्रार्थना केवल दोहराये जाने वाले कुछ शब्द नहीं हैं, यह तो जीवन में ऊर्जा का संचार बढ़ाने का जादुई तरीका है। जब हम सच्चे मन से प्रार्थना करते हैं, तो हमारे भीतर की नकारात्मकता पिघलने लगती है। यही प्रार्थना बीतते समय के साथ हमें एहसास कराती है कि हम अकेले नहीं हैं; ईश्वर की महान शक्ति हर क्षण, हर स्वाँस के साथ हमारे साथ है, जो हर तूफ़ान में हमें सम्भाल लेती है।
दोस्तों, जीवन में जब कभी आप ख़ुद को उलझनों से घिरा पाएँ या आपको जीवन के रास्ते धुंधले लगें, तब ख़ुद को सिर्फ़ इतना याद दिलाइयेगा कि प्रार्थना ही वह दीपक है जो अंधकार में भी दिशा दिखाता है। वैसे मैं आपको कोई नई बात नहीं बता रहा हूँ, आप सबने कभी न कभी यह महसूस किया होगा कि जब जीवन की मुश्किल घड़ी में सारे रास्ते बंद लग रहे थे, तब मन से की गई एक सच्ची प्रार्थना ने आपके जीवन में सचमुच एक चमत्कार कर दिया था।
दोस्तों, प्रार्थना केवल स्थिति नहीं, बल्कि हमारा दृष्टिकोण बदल देती है और दृष्टिकोण का यह परिवर्तन ही असली समाधान बन जाता है। इसलिए मैं प्रार्थना को विचारों की शक्ति से लिया गया संकल्प भी मानता हूँ। याद रखियेगा, हम जैसा सोचते हैं, वैसा ही बनते हैं। असल में हर विचार एक ऊर्जा है, और हर संकल्प एक बीज। यदि हम मुश्किल परिस्थितियों का इंतज़ार करने के स्थान पर प्रतिदिन, “मैं भाग्यशाली हूँ, मैं शांत हूँ, मेरा भविष्य उज्जवल है”, “मैं स्वस्थ हूँ”, “मैं ऊर्जा से भरा हूँ”, आदि, जैसे संकल्पों को दोहराएँ, तो यह विचार धीरे-धीरे हमारे जीवन की सच्चाई बन जाते हैं।
इसलिए दोस्तों, सुबह उठते ही 10 मिनट तक इन संकल्पों को याद करना ऐसा है जैसे आत्मा में ऊर्जा का ईंधन भरना। लेकिन कई बार लोग आत्मा में ऊर्जा का ईंधन भरने के स्थान पर बार-बार कहते हैं,“परिस्थितियाँ हमारे हाथ में नहीं हैं।” ऐसा कहना हमारी ऊर्जाओं को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। मैं भी मानता हूँ कि परिस्थितियाँ हमारे हाथ में नहीं होती है, लेकिन उन पर दी जाने वाली प्रतिक्रिया निश्चित तौर पर, हमारे हाथ में होती है। इसलिए, मुश्किल समय में त्वरित नकारात्मक प्रतिक्रिया देने के स्थान पर, ख़ुद को याद दिलायें कि अगर हम हर परिस्थिति को शांत, स्थिर और सकारात्मक मन से देखते हैं, तो जीवन भी वैसा ही होने लगता है।
दोस्तों, अंत में इतना ही कहना चाहूँगा कि आज जब दुनिया में नकारात्मकता की आँधी चल रही है, तब ज़रूरी है कि हम अपने स्वमान याने आत्मसम्मान और संकल्पों में स्थिर रहें। सुबह की प्रार्थना और सकारात्मक सोच न केवल हमारा दिन बदल सकती है, बल्कि हमारा भाग्य भी। इसलिए ही तो कहा गया है, “हर प्रार्थना हमारी रक्षा करती है और हर सुंदर संकल्प हमारा भविष्य रचता है।” तो आइए, आज से ही इस संकल्प को अपने मन में दोहराने के लिए प्रतिदिन सुबह कहना शुरू करते हैं, “मैं भाग्यशाली हूँ, मैं शांत हूँ, मेरा भविष्य उज्जवल है, मैं स्वस्थ हूँ, मैं ऊर्जा से भरा हूँ और मेरा हर दिन सुंदर बनने वाला है।”
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर




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