ब्रह्मांड की अनंत शक्ति से करें अपने सपनों को पूरा - भाग 2
- Nirmal Bhatnagar
- 11 minutes ago
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Oct 15, 2025
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, कल हमने जाना था कि ब्रह्मांड की अनंत शक्ति का भान होने या ना होने की वजह से ही कुछ लोग अपने सपनों के जीवन को जीते हैं और कुछ लोगों का जीवन सपने देखते हुए ही बीत जाता है। ब्रह्मांड की इस अनंत शक्ति के भान होने या ना होने की वजह से ही कुछ लोग जैसा सोचते हैं वैसा ही परिणाम पाते हैं और कुछ लोग जी तोड़ मेहनत के बाद भी अपनी मंजिल तक नहीं पहुँच पाते हैं। इसके साथ ही हमने जाना था कि ब्रह्मांड सिर्फ़ तारे, आसमान या ग्रहों के समूह का नाम नहीं है, यह तो एक ऐसी ऊर्जा प्रणाली है जिससे विचार, भावनाओं और विश्वास को एक लय में लाकर ब्रह्मांड की अनंत ऊर्जाओं को आकर्षित कर अपने सपनों को पूरा किया जा सकता है। इसके लिए हमने अपने मन, याने ब्रह्मांड के नियंत्रण केंद्र को प्रोग्राम करना सीखा था और जाना था कि चेतन मन के सही विचारों और भावनाओं से, हम अपने अवचेतन मन को प्रोग्राम करते हैं और वह सीधे ब्रह्मांड के नेटवर्क से जुड़कर हमारे लिए अनुकूल परिस्थितियाँ, अवसर, रास्ते बनाता है और लोगों को आकर्षित करता है। अर्थात् हमारा हर विचार – एक आदेश है और ब्रह्मांड, एक “सर्वशक्तिशाली डिलीवरी सिस्टम। सरल भाषा में कहूँ तो हमने जाना था कि इस ब्रह्मांड में हम जो भेजते हैं, यह वही हमको लौटाता है।
कल अंत में हमने ब्रह्मांड की इस अनंत शक्ति से जुड़कर सपनों को पूरा करने निम्न 5 सूत्र सीखे थे-
पहला सूत्र - स्पष्ट इरादा याने क्लैरिटी ऑफ़ इंटेंशन रखना
दूसरा सूत्र - विश्वास याने फेथ रखकर लगातार आगे बढ़ना
तीसरा सूत्र - भावनात्मक याने इमोशनल कनेक्शन की सहायता से अपने लक्ष्यों को पूरा होते महसूस करना और ब्रह्मांड की अनंत शक्तियों को अपने फायदे के लिए आकर्षित करना।
चौथा सूत्र - विज़ुअलाइज़ेशन एवं ऐफ़र्मेशन याने आकर्षण के सिद्धांत की सहायता से अनुकूलता को आकर्षित करना। और,
पाँचवाँ सूत्र - समर्पण याने सरेंडर कर ख़ुद को जीवन में घटने वाले चमत्कारों के लिए तैयार करना।
इसके पश्चात हमने जाना था कि सिर्फ़ सोचने भर से परिणाम नहीं मिलते हैं। उसके लिए हमें कर्म करना होते हैं क्योंकि कर्म याने एक्शन ब्रह्मांड की भाषा है। हमारे कर्म ब्रह्मांड के लिए सिग्नल होते है कि हम अपने सपनों की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं, और यह सिग्नल मिलते ही ब्रह्मांड भी हमारी तरफ कदम बढ़ाता है। आइए दोस्तों, अब हम मैनिफ़ेस्टेशन के ज़रिए सपनों को पूरा करने में कृतज्ञता की शक्ति एवं आत्मा और ब्रह्मांड के संबंध को गहराई से समझते हैं-
दोस्तों, कृतज्ञता, शक्ति का चुम्बक है। जब आप हर क्षण कृतज्ञ रहते हैं तब आप ब्रह्मांड के प्रचुरता याने अबंडन्स के द्वार खोलते है। इसलिए हर दिन सुबह कहें, “धन्यवाद ब्रह्मांड, मैं जीवित हूँ।” “धन्यवाद ब्रह्मांड, मेरे पास सोचने, चलने, मुस्कुराने की शक्ति है।” “धन्यवाद ब्रह्मांड, मेरे सपने पूरे हो रहे हैं।” कृतज्ञता से पैदा हुआ कंपन ब्रह्मांड को आपको आशीर्वाद देने के लिए तैयार करता है।
ब्रह्मांड की शक्ति से अधिकतम लाभ लेने के लिए आपको आत्मा और ब्रह्मांड के बीच के गहरे संबंध को समझना होगा। दोस्तों, आप कोई साधारण शरीर नहीं हैं। आप चेतना की एक लहर हैं, जो ब्रह्मांड से जुड़ी हुई है। जब आप ध्यान में बैठते हैं, मौन में जाते हैं, तो आप इस ऊर्जा से पुनः जुड़ते हैं। याने ध्यान, प्रार्थना, या मौन, सिर्फ आध्यात्मिक क्रिया नहीं हैं, ये ब्रह्मांड से संवाद करने का माध्यम हैं। जब आप कहते हैं, “ब्रह्मांड, मैं तैयार हूँ, मेरा मार्गदर्शन करो।” तो ब्रह्मांड उत्तर देता है, “मैं हमेशा तेरे साथ हूँ।” याने ब्रह्मांड आपकी बात सुनता है, बस आपको विश्वास, भावना, और कर्म से बोलना आना चाहिए।
दोस्तों, सपनों का जीवन जीने के लिए सिर्फ़ सपना नहीं देखना है, इसके लिए तो आपको उसे वर्तमान में ब्रह्मांड के साथ मिलकर जीना है। याद रखिएगा, “आप छोटे नहीं हैं, आप स्वयं ब्रह्मांड की अभिव्यक्ति हैं। आपकी सोच, आपकी शक्ति, और आपकी चेतना ही ब्रह्मांड की सच्ची भाषा है। जब आप अपने भीतर के ब्रह्मांड को जगाते हैं, तो पूरी सृष्टि आपके लिए काम करने लगती है।” सहमत ना हों दोस्तों, तो आज से २१ दिन के लिए रोज़ कहिए, “मैं ब्रह्मांड की शक्ति से जुड़ा हूँ। मैं अपने सपनों का निर्माता हूँ। ब्रह्मांड मेरे साथ है। मैं जो चाहता हूँ, वह साकार हो रहा है। मैं प्रकाश हूँ, मैं ऊर्जा हूँ, मैं ब्रह्मांड हूँ और यस यूनिवर्स मैं तैयार हूँ।” फिर देखियेगा दोस्तों, मात्र 21 दिनों में आपका जीवन कैसे बदलता है।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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